अमेरिका के वोट और भारत के नोट ने बदली बाजार की चाल

-1,600 अंक गिरने के बाद संभल रहा है सेंसेक्स
मुंबई, 9 नवम्बर। बुधवार को शुरुआती कारोबार में शेयर बाजारों में जबरदस्त गिरावट देखी गई, और सेंसेक्स 1600 अंकों की गिरावट के साथ खुलने के बाद सुबह लगभग 9.40 बजे लगभग 800 अंकों की गिरावट पर कारोबार कर रहा था। यह गिरावट सीधे-सीधे एग्जिट पोल में हिलेरी क्लिंटन पर डोनाल्ड ट्रंप को मिली बढ़त का असर तो है ही, लेकिन सबसे बड़ा असर है 500-1000 रुपए के नोट बंद करने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले का। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के शुरुआती रुझानों में डोनाल्ड ट्रंप के अच्छे प्रदर्शन के बीच येन, यूरो के मुकाबले डॉलर में गिरावट दर्ज की गई।
सुबह  7.15 बजे निफ्टी फयूचर्स सिंगापुर एक्सचेंज पर 148 अंक यानी 1.72 फीसदी गिरावट के साथ ट्रेड करता देखा गया। शुरुआती कारोबार में 1.5 फीसदी चढऩे के बाद जापान का निक्कई 2.26 फीसदी गिर गया।
भारतीय अर्थव्यवस्था का करीब 40 फीसदी हिस्सा स्मॉल और मीडियम साइज इंटरप्राइज से प्रभावित है जोकि नकदी ट्रांजैक्शन पर चलता है। अर्थशास्त्री कहते हैं कि सरकार की इस घोषणा से इन कारोबारों पर असर पड़ेगा और इस असर से देश की आर्थिक वृद्धि प्रभावित होगी।
शेयर बाजारों में सभी जोखिम प्रबंधन प्रणालियों और निगरानी प्रणालियों को मजबूत कर दिया गया है जिससे कि 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद किए जाने व अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनावी नतीजों के मद्देनजर बाजार में तेज उतार-चढ़ाव से निपटा जा सके। वैसे शेयर बाजार विशेषज्ञों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है।
एलआईसी म्यूचुअल फंड के चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर सरवना कुमार ने कहा कि यदि आप भारतीय अर्थव्यवस्था के परिप्रेक्ष्य में देखें तो यह बहुत अच्छा कदम है। इससे मुद्रास्फीति पर लगाम लगेगी और वित्तीय घाटा कम होगा। काले धन पर भी लगाम लगेगी। हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इकॉनामी में इस कदम से कुछ उथल पुथल देखी जा सकती है लेकिन वह कुछ समय के लिए होगी।

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