जयपुर, 15 nov. शहर के प्राचीन मंदिरों को तोड़े जाने के विरोध में
मंगलवार को जयपुर बंद का आंशिक असर नजर आया। चारदीवारी के बाजारों की 90
प्रतिशत से ज्यादा दुकानें बंद रही और दोपहर एक बजे बाद बाजार खुल गए।
बाहरी क्षेत्रों में बंद का असर न के बराबर रहा। हालांकि 500 व एक हजार के
नोट बंद होने के कारण पिछले एक हफ्ते से बाजारों में भीड़ पहले से ही न के
बराबर बनी हुई है।
धरोहर
बचाओं समिति के आह्वान पर शहर के विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और गैर
राजनीतिक संगठनों की ओर से जयपुर बंद का आह्वान किया गया था। बंद दोपहर एक
बजे तक का था। शहर की चारदीवारी में बंद पूर्णतया सफल नजर आया। व्यापारियों
ने भी सरकार की मंदिर विरोधी नीति का विरोध करते हुए अपने प्रतिष्ठान बंद
रखे। कुछ दुकानें खुली, लेकिन वे भी कुछ देर बाद बंद हो गई। भारतीय युवा
शक्ति संघ के शहर अध्यक्ष सुंदर कश्यप के नेतृत्व में सोमवार को परकोटे के
बाजारों में बंद को सफल बनाने के लिए पत्रक बांटे। पत्रकों में व्यापारियों
से प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील की गई थी।
संगठनों
की ओर से जयपुर बंद के लिए क्षेत्रवार टोलियों का गठन किया गया था। करीब
20 टोलियों ने अलग-अलग घूमकर दुकानें बंद कराई। जयपुर बंद के दौरान मेडिकल,
पेट्रोल पंपों और शैक्षिणक संस्थाओं समेत अन्य आवश्यक सेवाओं को छूट दी
गई। इसके अलावा नोटबंदी के बाद लोगों की परेशानी को देखते हुए बैंको को भी
बंद से मुक्त रखा गया है
जयपुर बंद विफल
