नई दिल्ली. –
आरबीआई के एक्स डिप्टी गवर्नर के सी चक्रवर्ती के मुताबिक, ‘सरकार के 4
करेंसी प्रिटिंग प्रेस की अभी की कैपेसिटी के आधार पर सभी 500-1000 के
पुराने नोटों को 500-2000 के नए नोट से बदलने पर करीब 4 साल का टाइम
लगेगा।’ वहीं, पिछले दिनों मोदी ने 50 दिन के अंदर पुराने नोट को नए से बदल कर बैंकों और एटीएम में हालात सामान्य होने की बात कही थ
आरबीआई के एक्स डिप्टी गवर्नर के सी चक्रवर्ती के मुताबिक, ‘सरकार के 4
करेंसी प्रिटिंग प्रेस की अभी की कैपेसिटी के आधार पर सभी 500-1000 के
पुराने नोटों को 500-2000 के नए नोट से बदलने पर करीब 4 साल का टाइम
लगेगा।’ वहीं, पिछले दिनों मोदी ने 50 दिन के अंदर पुराने नोट को नए से बदल कर बैंकों और एटीएम में हालात सामान्य होने की बात कही थ
गवर्नमेंट हॉस्पिटल, पेट्रोल पंप समेत 15 सर्विसेस में 500 और 1000 के
पुराने नोटों से लेन-देन जारी रखने के सरकारी फैसले को सोशल मीडिया पर नियम
के खिलाफ बताया जा रहा है। हालांकि, आरबीआई ने इसे पूरी तरह से लीगल बताया
है। आरबीआई की प्रिसिंपल एडवाइजर अल्पना किलावाला ने बताया, ‘सेंट्रल गवर्नमेंट और यूपी गवर्नमेंट दोनों का पब्लिक से जुड़ी
सेलेक्टेड सर्विस में पुराने 500-1000 के नोट को लीगलाइज करने का फैसला
आरबीआई नियमों के तहत ही है। आरबीआई एक्ट 1934 में इसको लेकर प्रावधान है।’
बता दें, केंद्र और यूपी सरकार ने पब्लिक से जुड़ी कुछ जरूरी सर्विसेस में
24 नवंबर आधी रात तक 500-1000 के पुराने नोट एक्सेप्ट करने की परमिशन दी
है। .
पुराने नोटों से लेन-देन जारी रखने के सरकारी फैसले को सोशल मीडिया पर नियम
के खिलाफ बताया जा रहा है। हालांकि, आरबीआई ने इसे पूरी तरह से लीगल बताया
है। आरबीआई की प्रिसिंपल एडवाइजर अल्पना किलावाला ने बताया, ‘सेंट्रल गवर्नमेंट और यूपी गवर्नमेंट दोनों का पब्लिक से जुड़ी
सेलेक्टेड सर्विस में पुराने 500-1000 के नोट को लीगलाइज करने का फैसला
आरबीआई नियमों के तहत ही है। आरबीआई एक्ट 1934 में इसको लेकर प्रावधान है।’
बता दें, केंद्र और यूपी सरकार ने पब्लिक से जुड़ी कुछ जरूरी सर्विसेस में
24 नवंबर आधी रात तक 500-1000 के पुराने नोट एक्सेप्ट करने की परमिशन दी
है। .
अल्पना किल्लावाला का कहना है कि जिन 15 सर्विसेस में पुराने नोट चलाने की
मंजूरी दी गई है उनका कलेक्शन सरकारी खजाने में ही जमा होगा। ऐसे में पब्लिक इंट्रेस्ट को देखते हुए नोट बंदी के बाद भी दी गई ये छूट पूरी तरह से लीगल है। बता दें, आरबीआई एक्ट 1934 में साफ लिखा है कि आरबीआई या केंद्रीय बोर्ड के प्रस्ताव पर सरकार नोट से जुड़ा ऐसा फैसला ले सकती है।
मंजूरी दी गई है उनका कलेक्शन सरकारी खजाने में ही जमा होगा। ऐसे में पब्लिक इंट्रेस्ट को देखते हुए नोट बंदी के बाद भी दी गई ये छूट पूरी तरह से लीगल है। बता दें, आरबीआई एक्ट 1934 में साफ लिखा है कि आरबीआई या केंद्रीय बोर्ड के प्रस्ताव पर सरकार नोट से जुड़ा ऐसा फैसला ले सकती है।
सोशल मीडिया पर लोग बता रहे थे ब्लैक को व्हाइट करने का तरीका
15 सर्विसेस में मिली छूट को सोशल मीडिया पर गैरकानूनी बताया जा रहा है।
वहीं, यूपी सरकार द्वारा प्रॉपर्टी रजिस्ट्री और बाकी सर्विसेस में
500-1000 के पुराने नोटों से पेमेंट के फैसले को ब्लैकमनी को व्हाइट करने
का तरीका बता रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता के मुताबिक, आरबीआई एक्ट में सेंट्रल
बोर्ड के प्रस्ताव के आधार पर सरकार को कुछ सर्विसेस के लिए पुरानी करेंसी
को पब्लिक इंट्रेस्ट में लीगल करने का अधिकार है। ऐसे में अगर प्रस्ताव के
बाद ये फैसला लिया है तो पूरी तरह से कानूनी है।
वहीं, यूपी सरकार द्वारा प्रॉपर्टी रजिस्ट्री और बाकी सर्विसेस में
500-1000 के पुराने नोटों से पेमेंट के फैसले को ब्लैकमनी को व्हाइट करने
का तरीका बता रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के वकील विराग गुप्ता के मुताबिक, आरबीआई एक्ट में सेंट्रल
बोर्ड के प्रस्ताव के आधार पर सरकार को कुछ सर्विसेस के लिए पुरानी करेंसी
को पब्लिक इंट्रेस्ट में लीगल करने का अधिकार है। ऐसे में अगर प्रस्ताव के
बाद ये फैसला लिया है तो पूरी तरह से कानूनी है।
86% करेंसी को हटाने का जल्दबाजी में लिया सरकार ने फैसला
मामले को लेकर एक्स आरबीआई गवर्नर विमल जालान ने बताया, ‘आरबीआई एक्ट के तहत सरकार को करेंसी डिनॉमिनेट करने और कुछ
सर्विसेस में ऐसे छूट देने का अधिकार है। हालांकि, देश की 86% करेंसी को
ऐसे चलन से बाहर करना जल्दबाजी का फैसला है। इससे इकोनॉमी और जनता दोनों को
नुकसान है।’डिनॉमिनेट करने की ये प्रोसेस पूरी तैयारी के साथ बेहतर तरीके से की जा सकती थी।
मामले को लेकर एक्स आरबीआई गवर्नर विमल जालान ने बताया, ‘आरबीआई एक्ट के तहत सरकार को करेंसी डिनॉमिनेट करने और कुछ
सर्विसेस में ऐसे छूट देने का अधिकार है। हालांकि, देश की 86% करेंसी को
ऐसे चलन से बाहर करना जल्दबाजी का फैसला है। इससे इकोनॉमी और जनता दोनों को
नुकसान है।’डिनॉमिनेट करने की ये प्रोसेस पूरी तैयारी के साथ बेहतर तरीके से की जा सकती थी।
इन 15 सर्विसेस में 24 नवंबर तक चलेंगे पुराने 500-1000 के नोट
1. गवर्नमेंट हॉस्पिटल और डॉक्टर के पर्चे के साथ दवा दुकान पर।
2. ट्रेन टिकट, सरकारी बसों और एयरपोर्ट पर
3. आई कार्ड दिखाने पर सरकार से मान्यता प्राप्त कंज्यूमर कॉपरेटिव स्टोर्स पर मान्य
4. केंद्र या राज्य के मिल्क बूथ पर
5. पेट्रोल, डीजल और गैस फिलिंग स्टेशन पर
6. श्मशान घाट या कब्रिस्तान में।
7. इंटनेशनल एयरपोर्ट पर 5000 रुपए तक के एक्सचेंज के लिए मान्य
8. डॉक्टर के पर्चे और आईडी प्रूफ के साथ सभी प्राइवेट मेडिकल स्टोर पर।
9. गैस सिलेंडर खरीदने के लिए
10. ट्रैवल के दौरान ट्रेन के अंदर की पेंट्री से खाने का सामान लेने पर।
11. मेट्रो रेल टिकट लेने के लिए।
12. एएसआई स्मारकों में एंट्री टिकट पर।
13. नगर निगम और स्थानीय निकायों को टैक्स, चार्ज, फीस या पेनाल्टी देने के लिए।
14.पानी और लाइट का मौजूदा बिल या बकाया बिल जमा करने के लिए। इसमें भी
एडवांस बिल जमा करने पर पुराने 500-1000 के नोट मान्य नहीं होंगे।
2. ट्रेन टिकट, सरकारी बसों और एयरपोर्ट पर
3. आई कार्ड दिखाने पर सरकार से मान्यता प्राप्त कंज्यूमर कॉपरेटिव स्टोर्स पर मान्य
4. केंद्र या राज्य के मिल्क बूथ पर
5. पेट्रोल, डीजल और गैस फिलिंग स्टेशन पर
6. श्मशान घाट या कब्रिस्तान में।
7. इंटनेशनल एयरपोर्ट पर 5000 रुपए तक के एक्सचेंज के लिए मान्य
8. डॉक्टर के पर्चे और आईडी प्रूफ के साथ सभी प्राइवेट मेडिकल स्टोर पर।
9. गैस सिलेंडर खरीदने के लिए
10. ट्रैवल के दौरान ट्रेन के अंदर की पेंट्री से खाने का सामान लेने पर।
11. मेट्रो रेल टिकट लेने के लिए।
12. एएसआई स्मारकों में एंट्री टिकट पर।
13. नगर निगम और स्थानीय निकायों को टैक्स, चार्ज, फीस या पेनाल्टी देने के लिए।
14.पानी और लाइट का मौजूदा बिल या बकाया बिल जमा करने के लिए। इसमें भी
एडवांस बिल जमा करने पर पुराने 500-1000 के नोट मान्य नहीं होंगे।
15. फॉरेन टूरिस्टों के लिए 5000 रुपए के एक्सचेंज तक।