कालाधन बंद होना चाहिए न कि देश >मोदी

लखनऊ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में रैली को संबोधित किया. नोटबंदी के बाद मोदी की पूर्वांचल में दूसरी परिवर्तन रैली थी. पीएम ने कहा कि यूपी में परिवर्तन का समय आ गया है. पीएम ने कहा कि यूपी के लोग बदलाव की तैयारी करें. नोटबंदी पर पीएम मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार और कालेधन ने देश को बर्बाद किया. भ्रष्टाचार और कालेधन पर रोक के लिए नोटबंदी लागू किया गया. इस फैसले से बड़े को बड़ी तकलीफ होगी, छोटे को छोटी तकलीफ होगी. नोटबंदी लागू करना आसान नहीं है. 50 दिन का समय दीजिए. मैं इस देश के लोगों को सलाम करना चाहता हूं जो तमाम दिक्कतों के बावजूद नोटबंदी के फैसले का समर्थन कर रहे हैं. मोदी ने कहा कि अपने मोबाइल से लेन-देन करें. नोट के बिना भी कमा कर सकते हैं. युवा लोगों को मोबाइल बैंकिंग सिखाएं. युवा इस मुहिम में मेरा साथ दें.
पीएम ने विपक्ष द्वारा भारत बंद करने पर जनता से पूछा कि भ्रष्टाचार बंद हो या भारत बंद हो? हम कालेधन का रास्ता बंद कर रहे हैं वो देश को बंद करने में लगे हैं. 70 साल से देश के गरीब को लूटा. अब देश को नहीं लूटने देंगे. बिना पैसे के कारोबार चलाने की दिशा में सारी दुनिया चल पड़ी है, हम पीछे रह गए हैं. पर अब भारत पीछे नहीं रहेगा. 70 सालों तक की लूट का पैसा निकालकर गरीबों को बिजली और दवाई लाएंगे, आप सहयोग कीजिए देश में अब भ्रष्टाचार नहीं आने पाएगा.
‘हम जनता के सेवक हैं’
रैली की शुरुआत में मोदी ने कहा कि इतनी भीड़ तो तब भी नहीं आई थी, जब मैंने काशी से चुनाव लड़ा था. दिल्ली की सरकार दलित, किसान, शोषित और गरीबों को समर्पित है. जनता का कष्ट हमारा कष्ट है. आपने मुझे इतना दिया है कि मैं कर्ज चुकाने आया हूं. जनता की समस्याएं दूर करना जिम्मेदारी है. जनता देने वाली है, हम तो सेवक हैं.
‘किसानों का गन्ना नहीं जलने देंगे’
पीएम ने कहा कि अगर गरीब-किसान के जीवन में बदलाव आया होता तो हिंदुस्तान को कभी मुश्किल नहीं होती. गांव का विकास होता तो इतनी मुश्किलें नहीं होतीं. मजबूत किसान और गांव देश को मजबूत बनाते हैं. लखनऊ की सरकार को गन्ना किसानों को परवाह नहीं. किसानों को सहने की आदत हो गई थी. गन्ना मिलों को इथनोल बनाने को मजबूर किया गया. हम किसानों का गन्ना नहीं जलने देंगे. जब मेरी सरकार ने कार्यभार संभाला, गन्ना किसानों के 22,000 करोड़ रुपये बकाया थे. हमने सुनिश्चित किया कि उन्हें समय पर भुगतान मिले. अब सिर्फ इतना है जिसे उंगलियों पर गिना जा सके. गन्ना किसानों के बकाए का पैकेज मिल मालिकों को नहीं दिया, पैसा सीधा किसान के खाते में दिया.

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