-अगले लोकसभा सत्र के दौरान कभी भी मिल सकता है संवैधानिक दर्जा
इंट्रो राजस्थानी में
जयपुर। ‘आपणी राजस्थानी भाषा न भी संविधान की मान्यता मिलबा हाळी है। सूत्रां से जानकारी मिली है कि राजस्थानी भाषा न भी संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करबा तां ई फैसलो हो ग्यो है।Ó
राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में बहुत जल्द ही शामिल कर लिया जाएगा। इसके संकेत भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी दिए हैं। बताया जा रहा है। कि राजस्थानी के साथ ही भोजपुरी भाषा को भी संवैधानिक भाषा बनाने का फैसला हो गया है। इसी के साथ ही भोटी (भूटान में बोली जाने वाली भाषा) को भी आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाएगा। सरकार ने इन तीनों भाषाओं को संवैधानिक दर्जा देने का फैसला कर लिया है। अब लोकसभा सत्र खत्म होने वाला है, इसलिए अगले सत्र में सरकार लोगों को यह तोहफा दे देगी। वैसे तो सरकार 38 भाषाएं आठवीं अनुसूची में लाना चाहती हैं, लेकिन प्रधानमंत्री को बताया गया कि तीन भाषाएं ऐसी हैं जिन्हें देश के बाहर मान्यता मिली हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भूटान यात्रा पर गए थे तो वहां उन्हें बताया गया कि भोटी भाषा आपके देश में भी बोली जाती है। इस पर उन्होंने और जानकारी चाही। इसके बाद देखा गया कि राजस्थानी, भोजपुरी और भोटी देश के बाहर भी बोली जाती हैं। भोजपुरी सूरीनाम, मॉरिशस, त्रिनिदाद और फिजी की मान्यता प्राप्त भाषा है, जबकि राजस्थानी भाषा को नेपाल में मान्यता मिली हुई है।