मुंबई। नए साल में कुछ बैंक अपने ग्राहकों को ऋण सुविधा कम ब्याज दर में उपलब्ध करा सकते हैं। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी शामिल बताया जा रहा है। इससे वाल्यूम को बढ़ावा मिलेगा, जिसकी ग्रोथ नोटबंदी के बाद काफी कम हो गई है। कैश की सप्लाई कम होने के चलते लोग गैर-जरूरी चीजों पर पैसे खर्च नहीं कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि कार और होम लोन रेट्स में कमी की जा सकती है। नोटबंदी के बाद बैंकों के पास काफी कैश आ रहा है। इससे उनके डिपॉजिट में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन लोन की मांग नहीं है।
खासतौर पर कॉरपोरेट सेक्टर से लोन की मांग काफी कम है। ऐसे में बैंक कार और होम लोन रेट्स कम कर क्रेडिट ग्रोथ बढ़ाने की कोशिश करने जा रहे हैं। हालांकि, इस खबर के लिए एसबीआई का कमेंट नहीं मिल पाया। सूत्रों ने यह भी बताया कि बैंकों और एटीएम से कैश निकालने की पाबंदी 30 दिसंबर के बाद भी बरकरार रह सकती है। पांच सौ और हजार रुपये के पुराने नोटों को बैंकों में जमा कराने की आखिरी डेडलाइन तीस दिसंबर ही है।
बैंकिंग सूत्रों के मुताबिक, इंडियन बैंक्स असोसिएशन की पिछले हफ्ते एक मीटिंग में कुछ बड़े बैंकों के सीईओ ने फाइनेंस मिनिस्ट्री से चर्चा के बाद इंट्रेस्ट रेट में कमी पर विचार किया। कुछ बैंकरों का मानना है कि इससे नोटबंदी के बाद कन्ज्यूमर सेंटीमेंट को सुधारने में मदद मिलेगी। अभी एसबीआई का एक साल के लिए लेंडिंग रेट 8.90 पर्सेंट है, जो सभी बैंकों से कम है।
नए साल में कुछ बैंक कर रहे हैं लोन सस्ता
