उत्तर प्रदेश में मुलायम और अखिलेश की मैच फिक्सिंग!

लखनऊ, 31 दिसम्बर। समाजवादी पार्टी में कलह चरम पर है। अब तो चुनाव से ठीक पहले सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अपने पुत्र और राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है, लेकिन इन सबके बीच एक प्रश्न बहुत जोर पकड़ रहा है और वह यह है कि क्या उत्तर प्रदेश में राजनीति की पराकाष्ठा तो नहीं हो रही है। क्या ये मिलीजुली कुश्ती और पहले से फिक्स मैच तो नहीं है।
ये बातें काफी समय से चल रही है। आम लोग अपनी बातचीत में ऐसे कयास लगाते रहे हैं और इन्हीं कयासों के बीच शुक्रवार को आई खबर ने हलचल भी मचा दी है। सपा की इंटरनल स्ट्रैटजी से जुड़ा एक ई-मेल लीक हुआ है। इस ई-मेल के मुताबिक, सपा का झगड़ा केवल अखिलेश यादव की इमेज को चमकाने के लिए है। ये ईमेल जुलाई का है।
खुलासा अखिलेश के अमेरिकी एडवाइजर स्टीव जार्डिंग की एक मेल के लीक होने से हुआ है। इसमें लिखा है कि यूएस कोच ने सपा को सलाह दी थी कि यह प्रोजेक्ट सपा की एक गुप्त योजना का हिस्सा है, ताकि सीएम अखिलेश को डेवलपमेंट आइकॉन के तौर पर प्रोजेक्ट किया जा सके। ईमेल में यह भी लिखा है कि पार्टी में अंदरूनी लड़ाई दिखावे के लिए जरूरी है। इससे अखिलेश की इमेज बेहतर उभर कर आएगी और वे मजबूत सीएम के तौर पर जाने जाएंगे। बता दें कि पिछले दिनों ऐसी खबर आई थी कि सपा और सीएम अखिलेश, सरकार की बेहतर कोशिशों को सामने लाने के लिए अमेरिकी पीआर एजेंसी को हायर करने वाले हैं, जो पहले पीएम मोदी के लिए काम कर चुकी है।
ई-मेल में लिखा बताया कि मीडिया में सामने लाने के लिए मेरी सीनियर यादव को एक गुप्त योजना के तहत सलाह है कि परिवार को पूरे परिदृश्य से हटाने के लिए, चाचा को कसूरवार ठहराकर जूनियर यादव की क्लीन इमेज बनाई जाए और उन्हें भविष्य का पार्टी का मुखिया प्रोजेक्ट किया जाए। यह प्रमुखता पर है, इसलिए दो बजे बात करते है।
मशहूर पॉलिटिकल स्ट्रैटजिस्ट और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर स्टीव जार्डिंग को सपा की इलेक्शन स्ट्रैटजी तैयार करने के लिए हायर किया गया था। उस समय लखनऊ पहुंचे जार्डिंग ने कहा था कि पिछले कुछ दिनों से मैंने एक्टिवली सपा के पॉलिटिकल कैम्पेन को अपने हाथ में लिया है। हमारा मकसद अखिलेश सरकार की पॉलिसी को गांव-गांव तक पहुंचाना है। अभी लोग स्टेट गवर्नमेंट की पॉलिसी को भी मोदी सरकार की ही मानते हैं। इस भ्रम को ही तोडऩा है। जार्डिंग ने बताया था कि वो माइक्रो लेवल मैनेजमेंट पर काम कर रहे हैं। उनका मानना है कि प्रदेश का युवा अखिलेश यादव को पसंद करता है। उन्होंने बताया था कि इलेक्शन में उतरने वाले सपा कैंडिडेट्स बताएंगे कि कैसे कम्युनिकेशन करना और मुद्दों को उठाना है। जार्डिंग का ये भी मानना था कि अखिलेश सरकार की वेलफेयर स्कीम के बारे में ज्यादा लोगों को पता ही नहीं है कि ये स्कीम प्रदेश सरकार की है या केंद्र सरकार की। स्टीव हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अस्सी से पब्लिक पॉलिसी पढ़ा रहे हैं। उन्?होंने यूएस डेमोक्रेटिक प्रेसिडेंशियल हिलेरी क्लिंटन का भी चुनाव मैनेज किया था। हालांकि वे हिलेरी को चुनाव जीता नहीं पाए।
अलबत्ता इस मेल के सामने आने के बाद यह तय हो गया है कि भारत की जनता और यहां के मतदाताओं का विजन बहुत बड़ा और उम्दा है। यही कारण है कि जब से मुलायम और अखिलेश का झगड़ा हुआ तभी से जनता इसे नूराकुश्ती ही कहती आ रही है और ये अब सच भी प्रतीत होता है।

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