सपा में सुलह की कोशिशें जारी, फिलहाल दोनों गुटों ने चुनाव आयोग में साइकिल पर दावा ठोका

-अखिलेश को टिकट बंटवारे का अधिकार चाहिए
लखनऊ। पिता और पुत्र के बीच राजनीतिक शतरंज की बिसात बिछ चुकी है। बाप-बेटों के बीच बंट चुकी समाजवादी पार्टी की लड़ाई में सुलह की संभावन काफी कम रह गई हैं। सूत्रों की मानें तो मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की बैठक से कोई रास्ता नहीं निकल सका है। रामगोपाल यादव ने कहा है कि सपा में कोई समझौता नहीं होने जा रहा है। उन्होंने कहा, अखिलेश यादव ही हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। हम उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। चुनाव चिन्ह का फैसला चुनाव आयोग करेगा। पार्टी चिन्ह को लेकर दोनों ही गुटों में संघर्ष जारी है। साइकिल का निशान किसका होगा इसके लिए मुलायम सिंह और अखिलेश यादव का खेमा चुनाव आयोग से मिला और साइकिल चुनाव चिन्ह पर दावा ठोका।
हालांकि, दोनों गुटों के बीच सुलह की कोशिशें बेकार होती दिख रही हैं। मुलायम सिंह यादव अपने खेमे से बातचीत कर रहे हैं। इससे पहले सुलह का फॉर्मूला लेकर आजम खान दिल्ली पहुंचे लेकिन मुलायम आजम से बिना मिले लखनऊ के लिए निकल गए। हालांकि, लखऩऊ में अखिलेश मुलायम सिंह से मिलने उनके घर पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच सुलह के फॉर्मूले को लेकर बैठक जारी है। शिवपाल यादव भी वहां पहुंच गए हैं। सूत्रों के अनुसार अखिलेश मुलायम सिंह के लिए अध्यक्ष पद छोड़ सकते हैं और टिकट बंटवारे का अधिकार अखिलेश को मिल सकता है।
सुलह का नया फॉर्मूला
सपा में सुलह के जिस फॉर्मूले पर बात हो रही है उसके मुताबिक अखिलेश मुलायम सिंह के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ सकते हैं। वहीं टिकट बंटवारे की जिम्मेदारी अखिलेश को दी जाएगी। शिवपाल यादव की भूमिका राष्ट्रीय राजनीति में बढ़ाई जाएगी। सभी नेता यूपी चुनावों पर फोकस करेंगे और मिलकर अभियान में जुटेंगे। मुलायम सिंह स्टार कैंपेनर होंगे। दो घंटे से भी अधिक समय से मुलायम सिंह के घर बैठक जारी है।

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