नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी में मची पिता-पुत्र की लड़ाई में कहीं कोई सुलह के संकेत नजर नहीं आ रहे हैं। पार्टी में चल रही नेतृत्व की लड़ाई के बीच आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पिता मुलायम सिंह से मुलाकात की। नब्बे मिनिट की मुलाकात और बातचीत के बाद भी पार्टी में सुलह के संकेत नहीं मिल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक मुलायम टिकट बंटवारे का अधिकार अखिलेश को देने को तैयार है लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर अड़े हुए हैं। जबकि अखिलेश का कहना है कि तीन माह के बाद वे मुलायम को पार्टी सौंप देंगे।
सोमवार शाम मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अखिलेश यादव ही पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। एसपी सुप्रीमो के इस बयान के बाद से मुलायम और अखिलेश के बीच समझौते की उम्मीद नजर आ रही थी।
ुलायम सिंह अपने बेटे अखिलेश यादव को सीएम का उम्मीदवार बताकर कुछ नरम पड़े हैं लेकिन साइकिल चुनाव चिन्ह का सस्पेंस बरकरार है। सोमवार को यूटर्न लिये जाने के बाद आज मुलायम ने अखिलेश के साथ करीब पौने घण्टे तक बैठक की। बैठक के बाद अखिलेश मीडिया के सवालों का जवाब दिये बगैर चुपचाप अपने आवास चले गये। समाजवादी पार्टी में पिछले कई दिनों से जारी घमासान के बीच सोमवार को एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने बड़ा बयान दिया था। मुलायम ने कहा है कि पार्टी टूटने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता. अखिलेश यादव ही पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिलÓ को लेकर पार्टी के दोनों गुटों के दावों के बीच एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को कहा था कि उनके और उनके बेटे अखिलेश यादव यानी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के बीच कोई मतभेद नहीं है। हालांकि उन्होंने पार्टी में ‘दरारÓ की बात स्वीकार कर ली।
मुलायम ने एक सप्ताह में लगातार दूसरी बार मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी से मुलाकात की। जैदी से मुलाकात के बाद मुलायम ने रामगोपाल यादव की ओर स्पष्ट तौर पर इशारा करते हुए कहा कि सिर्फ ‘एक शख्सÓ पार्टी में समस्याएं पैदा कर रहा है।
इस बीच समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखकर राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव को एसपी से निष्कासित करने की सूचना दी है।
उधर मुलायम सिंह के बाद सोमवार को अखिलेश गुट से रामगोपाल यादव भी चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे और पार्टी के चुनाव चिन्ह पर जल्द फैसले का आग्रह किया। रामगोपाल ने कहा, हमने उनसे चुनाव चिन्ह पर जल्द से जल्द फैसला लेने के लिए कहा है, क्योंकि 17 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। इससे पहले, अखिलेश यादव की तरफ से एक वकील ने कहा कि पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल पर मुलायम ने रामगोपाल द्वारा दाखिल जवाब को स्वीकार करने से एक बार फिर इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि उनके समक्ष जवाब दाखिल करने से पहले हम उसकी एक प्रति मुलायम सिंह यादव को दें। मैंने उन्हें प्रति देने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने उसे लेने से इनकार कर दिया।
मुलायम आजम को भी बना सकते हैं मुख्यमंत्री पद का चेहरा
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सभी दल मुस्लिम समुदाय को रिझाने में जुट गए हैं। ऐसे में ये खबरें आ रही थीं कि एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव जल्द ही बड़ा ऐलान कर सकते हैं। एसपी के सूत्रों की मानें तो मुलायम ने अखिलेश को करारा जवाब देते हुए उनके ही करीबी और यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खान को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने का मन बना लिया है। जल्द ही इसकी घोषणा की जा सकती है।
एसपी का अध्यक्ष मैं, अखिलेश हैं मुख्यमंत्री: मुलायम
समाजवादी पार्टी में मचे घामासान के बीच रविवार को पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि वह अभी भी एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और एक गुट द्वारा पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में लिए गए फैसले फर्जी हैं. मुलायम ने मीडिया से कहा, मैं पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं और रहूंगा. रामगोपाल को अधिवेशन बुलाने का अधिकार नहीं है।
क्या फिर सुधरेगी टूटी साईकिल: अखिलेश-मुलायम में सुलह के संकेत फिलहाल नहीं
