नगर निगम की समितियों का गठन अब अगले माह

जयपुर। जयपुर नगर निगम की संचालन समितियों का गठन इस बार नहीं हो पाएगा। नए महापौर अशोक लाहोटी के अमेरिका दौरे पर होने की वजह से इस कवायद को अन्तिम रूप नहीं दिया जा सका था। अशोक लाहोटी तो हालांकि वापिस लौट आए हैं लेकिन अब उत्तर प्रदेश चुनावों के कारण भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी मंगलवार को उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। इसलिए उनसे चर्चा नहीं हो पाएगी।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि अब इस पर कवायद उत्तर प्रदेश चुनाव के इस चरण के बाद ही संभव हो पाएगी। जयपुर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक 9 फरवरी को निगम मुख्यालय में महापौर अशोक लाहोटी की अध्यक्षता में होने जा रही है। इस बैठक में संचालन समितियों के गठन का अनुमोदन भी होना था लेकिन अब समितियों के नामों पर चर्चा ही नहीं हुई तो यह मुद्दो तो टल गया है।
इस बार की साधारण सभा में एक बार फिर सफाई प्रमुख मुद्दा होगी। महापौर अशोक लाहोटी का अमेरिका दौरा इस बैठक में साफ दिखाई दे सकता है। वे वहां पर स्थानीय निकायों की कार्यप्रणाली का अध्ययन करके लौटे हैं और सफाई के मामले में उनका विजन साफ है। वे महापौर बनने के दिन से अब तक जयपुर की सफाई व्यवस्था को एक टॉस्क के रूप में अपना चुके हैं। उन्होंने सफाई के मामले में दौरे भी किए हैं। अब देखना यह होगा कि अमेरिका दौरे से लौटने के बाद वे जयपुर की बदहाल सफाई व्यवस्था को लेकर क्या प्लानिंग करते हैं। उनकी प्लानिंग इस साधारण सभा में दिखाई दे सकती है।
अमेरिका से लौटे से तो यह कहा
अमेरिका से लौटकर पत्रकारों से बातचीत में लाहोटी ने कहा कि हमारे यहां प्रथम प्राथमिकता सफाई, यातायात और कर संग्रहण है। अमेरिका और हमारी व्यवस्था में सबसे बड़ा फर्क है जन जागरण का। वहां नियमों को कोई तोड़ता नहीं है और यहां पर नियमों को कोई मानता नहीं है।  बीस साल में कोई एक केस ऐसा आता है, जिसमें नियम और कानून तोड़े जाते हैं। टैक्स को लेकर उन्होंने बताया कि लोग अपने आप आकर टैक्स देते हैं। जो नहीं देते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होती है। लाहोटी ने कहा कि हम चाहते हैं कि सफाई को भी आने वाले बजट में शामिल किया जाए। इसको लेकर मैंने पार्षदों को पत्र लिखा था। पत्र में उनसे पूछा था कि सफाई व विकास को लेकर वे बजट में क्या चाहते हैं। साथ ही हमने यह सभी पार्षदों से पूछा है, चाहे पार्षद पक्ष का हो या विपक्ष का। हम चाहते हैं कि सफाई पर बजट में चर्चा हो। हमने उनसे पूछा है कि वे सफाई को लेकर जयपुर में कौन सा मॉडल अपनाना चाहते हैं।
सफाई कर्मचारियों की व्यवस्था जरूरी
जयपुर शहर में सफाई की अव्यवस्था का सबसे बड़ा कारण है सफाई कर्मचारियों की कमी। इनकी भर्ती के बिना सफाई का ढर्रा  बैठना नामुमकिन है। जयपुर में करीब साढ़े पांच से छह हजार कर्मचारी है जबकि जयपुर की आबादी के हिसाब से कम से कम पन्द्रह हजार सफाई कर्मचारी होने जरूरी है। जयपुर की बाहर बसी नई कॉलोनियों में तो पिछले एक दशक से सफाई कर्मचारी ही नहीं है। इसके अलावा बीट पर सफाई कर्मचारी रखने की व्यवस्था में भारी भ्रष्टाचार है। इस भ्रष्टाचार को खत्म किए बिना सफाई हो पाएगी यह कहना बहुत मुश्किल है। जिस हिसाब से जयपुर बढ़ रहा है, उसको देखते हुए यहां पर जल्द ही सफाई कर्मचारियों की भर्ती होनी चाहिए।

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