-या तो लोग निकल नहीं रहे और निकल रहे हैं तो ग्रुप बनाकर
जयपुर। अलवर जिले के सरिस्का में आदमखोर पैंथर की वजह से करीब चालीस गांवों के लोगों में भय और आतंक का माहौल बना हुआ है।
पैंथर के आतंक की वजह से लोग घरों में कैद हो गए हैं और बाहर निकलने पर मौत का डर सताने लगा है। रविवार रात को भी आदमखोर पैंथर एक बजुर्ग को घर से उठा ले गया और उसे मार डाला। पैंथर के डर से लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। गांवों में लोग टोली बनाकर सुरक्षा के लिए पहरा दे रहे हैं।
पैंथर ने थानागाजी क्षेत्र के सिलिबावड़ी गांव में रात को बुजुर्ग रामकुवांर मीणा का शिकार कर दिया। उसने घर में घुसकर मीणा को बुरी तरह जख्मी कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों के अनुसार आदमखोर रात 8 बजे मीणा के घर में घुसा और मीणा को घसीटते हुए जंगल की ओर ले गया। इस तरह 12 घंटे में पैंथर ने दूसरा शिकार किया है। रविवार सुबह महिला शांति देवी का शिकार किया था।
पकडऩे की कोशिश जारी
आदमखोर अब तक 6 लोगों को अपना शिकार बना चुका है। इसके बाद अलवर से पुलिस के शूटर, क्यूआरटी के हथियार और अतिरिक्त जाब्ता मौके पर भेजा गया है। पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश खुद एके 47 राइफल लेकर मौजूद हैं और जिला कलेक्टर मुक्तानाद अग्रवाल हथियार बंद जवानों के साथ पैंथर को पकडऩे या मारने के लिए मोर्चा संभाले हुए हैं।
यहां 60 से अधिक रहते हैं पैंथर
अलवर जिले के सरिस्का में बाघों के कुनबे में बढ़ोतरी के बाद पैंथरों ने सरिस्का पार्क के बाहरी हिस्से में अपनी टेरेटरी बना ली है। इसके चलते अब ग्रामीणों और पैंथरों के बीच जंग शुरू हो गई है। ग्रामीण कानून के भय से पैंथरों को मार नहीं पा रहे हैं। सरिस्का के तलहटी में बसे चालीस से अधिक गांवों के आस पास पैंथरों ने वन क्षेत्र और डीएफओ अलवर वन्य क्षेत्र में टेरेटरी बना रखी है। इन गांवो के आस-पास जंगलों में 60 से अधिक पैंथर रहते हैं।
इतने लोगों को बना चुका शिकार
पिछले 3 महीने में सरिस्का और उसके आस-पास पैंथरों ने अब तक 4 महिलाओं सहित 6 लोगों का शिकार बनाया है, जबकि आधा दर्जन लोगों को पैंथर घायल कर चुके हैं। यही नहीं एक दर्जन से अधिक गांवों में पशुओं का शिकार भी किया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरिस्का प्रशासन पिछले एक साल में करीब पंद्रह लाख मुआवजा दे चुका है। वहीं वन्य क्षेत्र के डीएफओ अलवर ने 6 लाख से अधिक मुआवजा दिया है।
जयपुर। अलवर जिले के सरिस्का में आदमखोर पैंथर की वजह से करीब चालीस गांवों के लोगों में भय और आतंक का माहौल बना हुआ है।
पैंथर के आतंक की वजह से लोग घरों में कैद हो गए हैं और बाहर निकलने पर मौत का डर सताने लगा है। रविवार रात को भी आदमखोर पैंथर एक बजुर्ग को घर से उठा ले गया और उसे मार डाला। पैंथर के डर से लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं। गांवों में लोग टोली बनाकर सुरक्षा के लिए पहरा दे रहे हैं।
पैंथर ने थानागाजी क्षेत्र के सिलिबावड़ी गांव में रात को बुजुर्ग रामकुवांर मीणा का शिकार कर दिया। उसने घर में घुसकर मीणा को बुरी तरह जख्मी कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों के अनुसार आदमखोर रात 8 बजे मीणा के घर में घुसा और मीणा को घसीटते हुए जंगल की ओर ले गया। इस तरह 12 घंटे में पैंथर ने दूसरा शिकार किया है। रविवार सुबह महिला शांति देवी का शिकार किया था।
पकडऩे की कोशिश जारी
आदमखोर अब तक 6 लोगों को अपना शिकार बना चुका है। इसके बाद अलवर से पुलिस के शूटर, क्यूआरटी के हथियार और अतिरिक्त जाब्ता मौके पर भेजा गया है। पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश खुद एके 47 राइफल लेकर मौजूद हैं और जिला कलेक्टर मुक्तानाद अग्रवाल हथियार बंद जवानों के साथ पैंथर को पकडऩे या मारने के लिए मोर्चा संभाले हुए हैं।
यहां 60 से अधिक रहते हैं पैंथर
अलवर जिले के सरिस्का में बाघों के कुनबे में बढ़ोतरी के बाद पैंथरों ने सरिस्का पार्क के बाहरी हिस्से में अपनी टेरेटरी बना ली है। इसके चलते अब ग्रामीणों और पैंथरों के बीच जंग शुरू हो गई है। ग्रामीण कानून के भय से पैंथरों को मार नहीं पा रहे हैं। सरिस्का के तलहटी में बसे चालीस से अधिक गांवों के आस पास पैंथरों ने वन क्षेत्र और डीएफओ अलवर वन्य क्षेत्र में टेरेटरी बना रखी है। इन गांवो के आस-पास जंगलों में 60 से अधिक पैंथर रहते हैं।
इतने लोगों को बना चुका शिकार
पिछले 3 महीने में सरिस्का और उसके आस-पास पैंथरों ने अब तक 4 महिलाओं सहित 6 लोगों का शिकार बनाया है, जबकि आधा दर्जन लोगों को पैंथर घायल कर चुके हैं। यही नहीं एक दर्जन से अधिक गांवों में पशुओं का शिकार भी किया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरिस्का प्रशासन पिछले एक साल में करीब पंद्रह लाख मुआवजा दे चुका है। वहीं वन्य क्षेत्र के डीएफओ अलवर ने 6 लाख से अधिक मुआवजा दिया है।
प्रशासन लोगों से कर रहा ये अपील
पैंथरों के बढ़ते हमलों के बाद सरिस्का प्रशासन ने गांवों में माइक लगाकर ग्रामीणों से अपील कर रहा है कि कि वे शाम और सुबह जल्दी खेतों में नहीं जाएं और अकेले खेतों और जंगल में जाने से बचें। सरिस्का प्रशासन के चालीस से अधिक स्टाफ पिंजरे लगाकर पैंथर को पकडऩे में लगा हुआ है, लेकिन खबर लिखे जाने तक कामयाबी नहीं मिली है।