नई दिल्ली। देवभूमि उत्तराखंड में बुधवार को मतदान के सभी पुराने रिकॉर्ड टूट गए। इसे लेकर सत्ताधारी दल चिंतित हो गया है। उधर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 11 जिलों की 67 सीटों पर करीब 66.5 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है।
उत्तर प्रदेश में दोपहर तीन बजे तक 54.27 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। मतदान की शुरुआत सुबह 7 बजे से हुई। सुबह 9 बजे तक 10.75 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। वहीं, सुबह 11 बजे तक 24.4 प्रतिशत, दोपहर 1 बजे तक 42.2 प्रतिशत, जबकि दोपहर 3 बजे तक 54.27 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। मतदान की शुरुआत के साथ ही सुबह कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की भारी भीड़ देखी गई। कुछछ जगहों पर ईवीएम मशीनों में खराबी की शिकायतें भी सामने आई।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल सहारनपुर, मुरादाबाद, बिजनौर, संभल, रामपुर, बरेली, अमरोहा, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी शाहजहांपुर और बदायूं जिले की 67 सीटों पर मतदान हुआ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के दूसरे चरण में कुल 720 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से सर्वाधिक 22 प्रत्याशी बिजनौर की बरहापुर और सबसे कम चार उम्मीदवार अमरोहा की धनौरा सीट पर किस्मत आजमा रहे हैं।
पिछले चुनाव में थी ये स्थिति
उत्तर प्रदेश में 2012 के विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में सपा को 67 में से 34 सीटें मिली थीं, जबकि दूसरे नंबर पर रही बसपा को 18, भाजपा को 10, कांग्रेस को तीन और अन्य को दो सीटें मिली थीं। इस बार सपा-कांग्रेस के साथ गठबंधन कर भाजपा एवं बसपा के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरी है।
इनकी किस्मत दांव पर
इस चरण में जिन प्रमुख उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है। उसमें सपा सरकार के वरिष्ठ मंत्री आजम खान (रामपुर) और पहली बार चुनाव लड़े रहे उनके पुत्र अब्दुला आजम (स्वार), कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जफर अली नकवी के बेटे सैफ अली नकवी, पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद (तिलहर) शामिल हैं।
उत्तराखंड में 68 प्रतिशत मतदान
उत्तराखंड के 13 जिलों की 69 विधानसभा सीटों के लिए बुधवार को हुए मतदान में रिकॉर्ड वोटिंग दर्ज की गई। चुनाव आयोग के मुताबिक शाम 5 बजे तक यहां 68 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था और पोलिंग स्टेशनों पर मतदाताओं की कतारें लगी हुई थीं। आयोग ने उम्मीद जताई है कि यह आंकड़ा 70 प्रतिशत के पार जा सकता है। उत्तराखंड में 2012 में पिछले विधानसभा चुनाव में 67.22 प्रतिशत और 2014 में हुए आम चुनावों में 62.15 वोटिंग दर्ज की गई थी। बुधवार को यहां मतदान भी 7 की जगह 8 बजे शुरू हुआ था, ऐसे में इतना टर्नआउट वाकई उत्साहजनक है। राज्य के कई पोलिंग स्टेशन बर्फ से ढके थे जहां आयोग की पोलिंग पार्टी के सदस्य पैदल चढ़ाई करके पहुंचे थे। सबसे ऊंचाई पर स्थित पोलिंग स्टेशन रीह में था जो कि टिहरी गढ़वाल में आता है। 10,000 फीट की ऊंचाई पर यह पोलिंग स्टेशन 275 मतदाताओं के लिए स्थापित किया गया था। बर्फ से ढके कई पोलिंग स्टेशनों के लिए पोलिंग पार्टी के सदस्य 12 फरवरी को निकले थे और वे 17 फरवरी की शाम तक वापस आ पाएंगे। आयोग ने इतनी कठिन परिस्थितियों में ड्यूटी निभाने के लिए पोलिंग पार्टियों के सभी सदस्यों का शुक्रिया अदा किया। राज्य में 69 सीटों पर 628 कैंडिडेट खड़े हैं, जिनमें 60 महिला, 2 थर्ड जेंडर के उम्मीदवार शामिल हैं।
देवभूमि में शांति और यूपी में छिटपुट घटनाएं
उत्तराखंड में जहां हिंसा की एक भी घटना दर्ज नहीं की गई वहीं उत्तर प्रदेश में भी छिटपुट घटनाओं को लेकर सब जगह शांतिपूर्वक वोट डाले गए। उत्तर प्रदेश में हालांकि इस बार सबसे ज्यादा लाइसेंसी हथियार जमा कराए गए जिनकी संख्या डेढ़ लाख थी। उत्तर प्रदेश में वोटर टर्नआउट के पिछली बार के आंकड़ों से तुलना पर आयोग का जवाब था कि तुलना संभव नहीं है। वोटिंग के जिलेवार आंकड़े तो उपलब्ध कराए जा सकते हैं लेकिन चरणवार नहीं क्योंकि चुनावों के चरण बदलते रहते हैं।
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उत्तराखंड में बम्पर मतदान, उत्तर प्रदेश में 67 फीसदी वोट
