जयपुर। गुर्जर आरक्षण को लेकर एक बार फिर राज्य सरकार संकट में है। गुर्जर आरक्षण को लेकर सचिवालय में बुुधवार को बुलाई कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के मुखिया कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला सहित अन्य गुर्जर नेता नहीं आए। वहीं, मंत्री बैठक में गुर्जर प्रतिनिधियों का इंतजार करते रहे।
कर्नल बैंसला ने मंत्रिमण्डलीय उप समिति की बैठक का बहिष्कार करते हुए राज्य सरकार को एसबीसी नौकरियों को लेकर अल्टीमेटम का संदेश भेजा है। साथ ही घोषणा की है कि 25 फरवरी को गुडला में महापंचायत जिसमें आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। इसी के साथ प्रदेश में एक बार फिर आंदोलन की संभावना बन गई है। एसबीसी आरक्षण रद्द होने से एक तरफ गुर्जर सामान्य केटेगिरी में आ गए है,वहीं दूसरी तरफ एसबीसी भर्तियों में नियुक्ति नहीं मिलने से समाज में आक्रोश फैल गया है। बजट सत्र 23 फरवरी से शुरू हो रहा है। ऐसे में अगर गुर्जर समाज आंदोलन करता है तो राज्य सरकार के लिए बड़ी मुसीबत रहेगी।
भर्तियों पर कानूनी राय लेगी सरकार
सचिवालय में हुई कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में निर्णय किया गया कि विशेष पिछड़ा वर्ग की पाईपलाईन में चल रही भर्तियों में चयन प्रक्रिया के बाद और पहले के सभी मामलों में राज्य सरकार कानूनी राय लेकर काम करेगी। हालांकि मंत्रिमण्डल सदस्यों ने मीडिया सेबात करने पर इंकार कर दिया। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह भी कहा गया कि राज्य सरकार 5 प्रतिशत एसबीसी आरक्षण को पुर्नस्थापित करने के लिए प्रयासरत है। बैठक में सामान्य प्रशासन मंत्री हेम सिंह भड़ाना, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरूण चतुर्वेदी, महाधिवक्ता एन. एम. लोढ़ा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे
गुर्जर प्रतिनिधि नहीं पहुंचे कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में
