मोटी पेनल्टी लगाने की धमकी देने वाले आयकर विभाग के अपर आयकर आयुक्त गुरुवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के हत्थे चढ़ गए

जयपुर। मोटी पेनल्टी लगाने की धमकी देने वाले आयकर विभाग के अपर आयकर आयुक्त गुरुवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के हत्थे चढ़ गए। ब्यूरो ने जाल बिछाकर दस लाख की रिश्वत के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया है।
बहुत समय से वे व्यापारियों और उद्योगपतियों से रिश्वत की मोटी रकम ऐंठ रहे थे। अलवर में तैनात अपर आयकर आयुक्त बी.एल.यादव ने 3 करोड़ रुपए के एक एमओयू पर परिवादी को एक करोड़ रुपए की पेनल्टी में फंसाने की धमकी दी। फिर बोले- रफा-दफा करना है तो 10 लाख रुपए दो। फिर 7 लाख में सौदा तय हुआ।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अपर आयकर आयुक्त यादव के पास से उनके ऑफिस से 50 हजार रुपए नगद और एक चेक 3 लाख का व दूसरा साढ़े 3 लाख का मिला। दोनों चेक पर कोई नाम नहीं लिखा गया था, केवल राशि लिखी थी। पहली बार यह सामने आया कि कोई रिश्वत लेने वाला रिश्वत की राशि चेक में ले रहा हो। जब उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा था तो वे कैमरे से बचने के लिए मुंह छिपाते रहे। कैमरे के आगे हाथ भी लगा दिया कि उनकी शक्ल दिखाई नहीं दे।
डर कोई नहीं, चैम्बर में ही ली रिश्वत
एसीबी अलवर के अनुसार बीबीरानी में शर्मा मॉडर्न एजुकेशन सोसाइटी के धनपत सिंह ने लिखित में शिकायत दी थी। शिकायत में कहा गया था कि उनकी सोसायटी बीएड और एसटीसी सहित कई संस्थान चलाती है। यह पार्टनरशिप में है। दूसरे पार्टनर से अलग हो गए और इस सोसाइटी के अधीन चलने वाली संस्थाओं को मैंने ले लिया। इस बात की भनक अपर आयकर आयुक्त बीएल यादव को लगी तो उन्होंने बार-बार फोन कर कर कहा की आप को एक करोड़ की पेनल्टी लग जाएगी और जेल जाना पड़ेगा। कहा कि इकरारनामा मेरे पास है और आयकर विभाग द्वारा किसी भी तरह का नोटिस जारी नहीं किया जाएगा। इस तरह धमकी देकर 10 लाख रुपए की मांग की। इसके बाद ब्यूरो ने इस शिकायत का सत्यापन कराया तो सही पाया गया। इसके बाद गुरुवार को यह कार्रवाई की।
दो घण्टे में सात लाख की व्यवस्था कर लो नहीं तो…
गुरुवार को ही बीएल यादव का फोन परिवादी धनपत सिंह के पास गया। कहा कि 2 घंटे में 7 लाख रुपए की व्यवस्था कर लो। जितनी राशि नगद हो उतनी नगद दे दो बाकी के चेक दे दो। 2 घंटे में परिवादी धनपत सिंह 50000 नगद और दो चेक लेकर गया, जिसमें एक चेक में 3.5 लाख रुपए तथा दूसरे में 3 लाख रुपए लिखे थे। नाम के आगे खाली था। यह राशि और चेक परिवादी ने बीएल यादव को दे दी। यादव ने अपनी टेबल के दराज में यह राशि रख ली। एसीबी टीम मौके पर पहुंची और वहीं दराज में यह सब बरामद कर लिया। यादव को गिरफ्तार कर लिया।
चेक से रिश्वत!
वह आमतौर पर चेक में किसी का नाम नहीं लिखवाता था और उन चेक को अन्य खातों में जमा करा देता था। बताया जा रहा है कि यादव इन रिश्वत के चेक को अलग-अलग सोसायटी के खातों में जमा करा देता था और सोसायटी संचालकों से कैश ले लेता था।  आयकर के अधिकारी होने के कारण किसी की बोलने की हिम्मत नहीं थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *