सरकार ने दिया किसानों को सबसे अधिक मुआवजा

जयपुर। प्रदेश के आपदा प्रबन्धन एवं सहायता मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि अब तक सरकार प्रदेश के किसानों को खराब फसल के मुआवजे के रूप में 2048 करोड़ रुपए दे चुके हैं, जो की देश में सबसे ज्यादा है। शासन सचिवालय में केंद्रीय दल की टीम की बैठक के बाद कटारिया ने बताया कि केंद्र की दो टीमें प्रदेश के दौरे पर आई हुई है। यह टीम चूरू, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर का दौरा करेगी। उन्होंने बताया कि फसल खराबे का आंकलन करने के बाद ही केंद्र सरकार अलग से और राशि जारी करेगी। आपदा प्रबन्धन एवं सहायता मंत्री ने प्रदेश के चूरू, नागौर, बाड़मेर एवं जैसलमेर सहित 6 जिलों में 16 से 18 फरवरी 2017 तक प्रदेश में बाढ़, ओलावृष्टि, सूखा, कृषि तथा पशुधन के हुए नुकसान का जायजा लेने आए अन्तर मंत्रालयिक केन्द्रीय अध्ययन दल से किसानों की मदद के लिए केन्द्र सरकार से तीन हजार 661 करोड़ रुपए की केन्द्रीय सहायता दिलवाने का आग्रह किया। उन्होंने प्रदेश में वर्ष 2016-17 में बाढ़, ओलावृष्टि एवं सूखा प्रभावित जिलों का तुरन्त दौरा करवाने पर केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश में प्रभावित 29 लाख किसानों की फसल खराबे व पशुधन, पेयजल, पशु शिविरों सहित अन्य नुकसान की गिरदावरी रिपोर्ट व वास्तविक धरातल को आधार मानकर 33 प्रतिशत से 50 प्रतिशत खराबे वाले फसलों के किसानों की पहले आर्थिक दशा को देखकर तुरन्त मदद की। इसके साथ ही 50 प्रतिशत से अधिक खराबे वाली फसलों के लिये किसानों की भी मदद की। इस अवसर पर कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2016-17 में अच्छी बरसात होने के कारण 164 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई परन्तु अधिक वर्षा व ओलावृष्टि के कारण प्रदेश में कृषि व पशुधन को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने कैटल कैम्प व गोशालाओं को अनुदान दिया फिर भी राजस्थान का किसान विपदा से हमेशा चिन्तित रहता है। उन्होंने केन्द्र सरकार से राज्य सरकार की आवश्यकतानुसार केन्द्रीय मदद दिलवाने का आग्रह किया। मुख्य सचिव ओ.पी. मीना ने प्रदेश के किसानों को सहायता उपलब्ध करवाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि बाढ़ प्रभावित किसान परिवारों को समय पर राहत दिलवाना आज बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय अध्ययन दल को भ्रमण के दौरान जिला कलक्टरों से मिलने एवं किसानों से चर्चा करने पर स्वत: ही महसूस हो जाएगा कि राजस्थान के किसानों व पशुधन के लिए सहायता देने की आवश्यकता है। इस अवसर पर अन्तर मंत्रालयिक केन्द्रीय अध्ययन दल के टीम लीडर सुमन्ता चौधुरी प्रबन्ध निदेशक ने विश्वास दिलाया कि दल के सदस्य जिलों का भ्रमण कर जिला कलक्टर व किसानों से बातचीत कर गिरदावरी की रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश में बाढ़, ओलावृष्टि व पशुधन के हुए नुकसान की भरपाई के लिए पर्याप्त केन्द्रीय मदद दिलवाने का प्रयास किया जाएगा। इस अवसर पर आपदा प्रबन्धन के सहायता विभाग के सचिव रोहित कुमार ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से राज्य में बाढ़ एवं सूखे से हुए नुकसान के कारण मदवार राशि की आवश्यकता एवं मांग का विवरण प्रस्तुत करते हुए केन्द्र सरकार से 378 करोड़ की बकाया राशि, 13 करोड़ रुपए की किसानों को दी जा रही मदद के शॉर्ट टर्म से मिड टर्म लोन में परिवर्तन के कारण पड़ रहे अतिरिक्त भार पर, 556 करोड़ देयता के पेटे इस प्रकार कुल 3 हजार 661 करोड़ रुपए की मांग की। बैठक में पशुपालन एवं मत्स्य सचिव कुंजीलाल मीणा सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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