जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे पर रविवार को करारा राजनीतिक हमला किया। उन्होंने कहा कि सीएम के विजन का बहुत शोर हुआ करता था, मैं पूछना चाहता हूं कि रिफाइनरी गायब, ब्रोडगेज (बांसवाडा-डूंगरपुर-रतलाम), जयपुर मेट्रो फेज-2, परबन सिंचाई परियोजना और मेमो कोच फैक्ट्री सब गायब कर दिए गए। जयपुर के खासा कोठी पर बना एक ताबूत-ओवरब्रिज इनके विजन के स्मारक के रूप में खड़ा है। तीन साल यूं ही बरबाद कर दिए। राजस्थान की जनता इनको कभी माफ नहीं करेगी।
गहलोत ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री की हालत बहुत नाजुक है। चाहे वो अलवर हो, सीकर हो, जोधपुर हो, इन्हें सभी जगह विरोध का सामना करना पड़ा है। जोधपुर में सरकार के खिलाफ ऐतिहासिक बंद हुआ। सीकर में मीटिंग छोड़कर आना पड़ा। वहां आन्दोलनकारियों को मुख्यमंत्री ने लफंगा तक कह डाला। मैं पूछना चाहता हूं कि जो मुख्यमंत्री अपने भाषणों में हर जगह प्रदेशवासियों को अपना पूरा परिवार बताते नहीं थकती थीं, वो बताएं कि परिवार के लोग ही लफंगे कब से बन गए। वे अपना आपा खो चुकी हैं, बौखला चुकी हैं, उन्हें पता है कि आने वाले चुनावों में क्या होने वाला है।
गहलोत यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि राजस्थान के इतिहास में सर्वाधिक 163 सीटें जिताकर प्रदेशवासियों ने कोई गुनाह नहीं किया था। तीन साल तक आमजन से मिलना तो दूर सारे काम ठप्प कर दिए गए। कांग्रेस सरकार के समय राजस्थान के लिए बनाई गई सभी महत्वाकांक्षी योजनाओं को या तो ठप्प कर दिया गया या उन्हें कमजोर कर दिया गया।
गहलोत ने अपनी पहली सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौर में चार साल तक लगातार अकाल, सूखा पड़ा, मगर चारों साल जो प्रबन्ध किए गए उसकी प्रशंसा पूरे भारत में की गई। हमें तब 156 सीटें मिली थी। आपको तो 163 सीटें दी हैं। मुख्यमंत्री बताए कि भाजपा सरकार ने फिर भी ये निकम्मा कुशासन जनता को क्यों दिया? पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अब आने वाले चुनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री घोषणाएं करें तो कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि घोषणाएं लागू होने वाली नहीं है। ब्यूरोक्रेसी समझ गई है कि उन्हें जेल नहीं जाना है। गहलोत ने कहा कि सरकार ने मजाक बना रखा है, कानून व्यवस्था चौपट हो गई है, बलात्कार की घटनाएं आम हो गयी है, डकैती के साथ सरकार की नाक के नीचे रेप हो गया, तब भी कुछ नहीं किया गया। अब चाहे बजट में कोई भी घोषणा कर दें कोई फर्क पडने वाला नहीं है, सरकार तो कांग्रेस की आकर रहेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संवेदनहीन सरकार के रहते किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं। नोटबंदी के कारण लोग लाइनों में खड़े रहे, कुछ को अपनी जानें भी गवानी पड़ी, ओलावृष्टि हुई, आकाशीय बिजली गिरने से मौतें हुई, कई किसान मारे गए, मगर सरकार ने किसी को कोई मुआवजा नहीं दिया। सरकार तो यह मानने को तैयार ही नहीं है कि किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं या ओलावृष्टि से किसानों को कोई तकलीफ भी हो रही है।
जीएसटी पर पहले विरोध और अब मांग रहे हैं समर्थन
जीएसटी के संबंध में एक प्रश्न पर गहलोत ने कहा कि यूपीए-2 सरकार द्वारा जीएसटी लागू करने का प्रयास किया गया था, लेकिन तब भाजपा शासित सभी मुख्यमंत्री विरोध करते थे। अब ये चाहते हैं कि जीएसटी लागू हो जाये। फिर भी कांग्रेस ने इसके समर्थन का फैसला किया है। कुछ शर्ते और सुझाव दिये हैं, उन्हें मानते हुए यह फैसला जल्द से जल्द लागू किया जाना बेहतर होगा।
खासा कोठी का ओवरब्रिज मुख्यमंत्री के विजन का स्मारक है, बजट में कोई भी घोषणा हो जाए अब प्रदेश में कांग्रेस की ही सरकार : गहलोत
