-सूचना मिलने के दस घंटे बाद पहुंची वन विभाग की टीम
-मां बच्चों को सिखा रही थी शिकार करना
जयपुर। खो-नागोरियान थाना इलाके में बुधवार तड़के एक मादा संग दो शावक आबादी क्षेत्र में प्रवेश कर आए। मादा संग आए पैंथरों ने एक बकरियों के बाड़े पर हमला बोलते हुए सात बकरियों का शिकर कर डाला। गनीमत रही कि बकरी मालिक वहीं सो रहा था, जिस पर अटैक नहीं किया नहीं तो बड़ा हादसा हो जाता। जैसे ही आसपास के लोगों को पैंथर के आने का पता चला क्षेत्र में सनसनी फैल गई। जैसे लोग एकत्रित हुए मादा शावकों संग वहा से चली गई। लोगों ने तुरंत प्रभाव से फोन कर वन विभाग की टीम को सूचना दी। वन विभाग की टीम सूचना मिलने के दस घंटे बाद धटनास्थल पर पहुंची और आसपास पैंथर को तलाश किया लेकिन नहीं मिला। सूचना मिलने के घंटो बाद भी वन विभाग की टीम के नहीं पहुंचने पर बस्ती के लोग आक्रोशित हो गए और वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
वन विभाग की टीम ने बताया कि खो-नागोरियान में बड़ी मस्जिद के पीछे सुबह चार बजे मादा पैंथर ने अपने दो शावकों सहित बकरियों के बाड़े पर हमला करते हुए सात बकरियों का शिकार कर डाला। जिस समय बकरियों पर हमला किया उस समय मालिक बाबूलाल खटीक वहीं सो रहा था लेकिन उसे जाग होने पर वह भाग गया। जब लाठी लेकर उन्हें भगाने के लिए वापस आया तो उस पर हमला करने का प्रयास किया लेकिन रामफूल ने किसी तरह अपनी जान बचाई।
अक्सर घुस आता है पैंथर
लोगों ने बताया कि वन विभाग की लापरवाही के चलते बस्ती में अक्सर कुछ दिनों के अंतराल में पैंथर शिकार की तलाश में चला आता है। पिछले दिनों भी पैंथर बस्ती में घुस आया था और उसने छत के उपर बंधे बकरे सहित चार बकरियों को शिकार बनाया था। इससे पहले भी पैंथर चला आया था, जिसने एक गाय को शिकार कर डाला था। वन विभाग की ओर से पैंथर को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए है। गनीमत रही की अभी तक किसी प्रकार की कोई जनहानी नहीं हुई है।
मुआवजा तक नहीं मिल रहा
जब भी कोई जंगली जानवर पालतु पशुओं को शिकार बनाने पर वन विभाग की ओर से मुआवजा दिया जाता है। बडे पशु के लिए पांच हजार व छोटे के लिए एक हजार का मुआवजा दिया जाता है। खो-नागोरियान में कई बार पशुओं को शिकार बनाया लेकिन अभी तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया। जनवरी में एक गाय को शिकार बनाया था वही मार्च में भी चार बकरियों को शिकार बनाया था लेकिन पीडि़तों को अभी तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। पीडि़त कन्हैलाल सैन ने बताया कि जनवरी में पैंथर ने उसकी गाय का शिकार कर डाला था। चार महीने बीतने को आए लेकिन अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया।
मादा संग दो शावकों ने आबादी क्षेत्र में किया प्रवेश, सात बकरियों का किया शिकार
