चौदह विधायक सदन से निलम्बित चार घण्टे के बाद कांग्रेस के बारह वापिस, हनुमान बेनीवाल और मनोज न्यांगली अब भी बाहर

-मार्शलों के जरिए टांगाटोली करके बाहर निकाला
-विपक्ष के लोग हुडदंगी: मेघवाल
-प्रतिपक्ष के लोग गुंडागर्दी पर उतरे: कटारिया

विधानसभा संवाददाता
जयपुर। विधानसभा के अन्तिम दिन बुधवार को सदन का माहौल बहुत कटूतापूर्ण देखा गया। आधे प्रतिपक्ष को मार्शलों के जरिए बाहर (लगभग फिंकवानें की स्थिति) निकाला गया। अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने विपक्षी विधायकों को हुडदंगी कहकर संबोधित किया तो गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने सदन में विपक्षी नारेबाजी और हंगामें को गुण्डागर्दी कहा। सत्ता पक्ष के उपमुख्य सचेतक मदन राठौड़ ने विपक्ष के मुख्य सचेतक गोविन्द डोटासरा को ‘मिर्ची का बीजÓ बता डाला। अध्यक्ष कैलाश मेघवाल बहुत गुस्से में दिखे और उन्होंने प्रतिपक्ष के सदस्यों सहित वरिष्ठ सदस्य किरोड़ीलाल मीणा, घनश्याम तिवाड़ी की भी एक नहीं सुनी।
प्रश्नकाल के पहले ही प्रश्न में शुरू हुए हंगामें की विधानसभा की लगभग पूरे दिन की कार्यवाही ही चढ़ गई। इतना ही नहीं जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पर विपक्ष की गैरमौजूदगी में चर्चा में चर्चा हुई। हंगामें की शुरुआत प्रश्रकाल में उस समय हुई जब प्रधानमंत्री आवास योजना से संबंधित पहले प्रश्न के पूरक प्रश्नों को पूछने की इजाजत को लेकर विवाद खड़ा हो गया। अध्यक्ष द्वारा अनुमति नहीं देने पर कांग्रेस के गोविन्द डोटासरा ने आपत्ति दर्ज कराई और प्रतिपक्ष के सदस्य शोरगुल करने लगे। आसन पर मौजूद अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने कठोरता से काम लेना शुरू किया। उन्होंने कहा कि यदि आप लोगों ने शोर बंद नहीं किया तो मैं बाहर निकलवा दूंगा। इस पर कांग्रेस के सदस्यों ने आपत्ति प्रकट की। दूसरी तरफ हनुमान बेनीवाल और मनोज न्यांगली भी उनके साथ हो गए तथा ये लोग वैल में आकर नारेबाजी करने लगे।
गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया भी खूब उत्तेजित हो गए तथा उन्होंने इसे गुंडागर्दी बताते हुए कहा कि ये लोग पहले उत्तरप्रदेश, फिर धौलपुर और अब दिल्ली के निगम चुनाव में हार की खीज मिटाने के लिए यहां प्रश्नकाल नहीं चलने देना चाहते। विपक्ष हंगामा करता रहा तो गुस्साए अध्यक्ष मेघवाल ने सत्ता पक्ष को इनके खिलाफ प्रस्ताव लाने को कहा। उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिन ये हुडदंगी वैल में आकर हुडदंग कर रहे हैं। प्रतिपक्ष के नेता का इन पर कंट्रोल नहीं है। उन्होंने कहा कि मार्शल बुलाकर इनको बाहर निकालो। इस बीच मदन राठौड़ ने कहा कि गोविन्द डोटासरा मिर्ची का बीज है। मुट्ठीभर विपक्ष ने सदन को हाईजैक कर रखा है।
संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने आसन से कहा कि वे नियम 307 का उपयोग कर इन्हें बाहर निकाले।
मेघवाल ने कहा कि मैं सदन की भावना को देखते हुए इन हुडदंगियों को बाहर निकालने का आदेश देता हूं और इसके बाद एक घण्टे के लिए सदन स्थगित कर दिया। इसके बाद उन्हें कहा कि इन्हें अन्दर मत आने देना। मार्शल आए तो वैल में खड़े सदस्यों ने बाहर जाने से इंकार कर दिया। इस पर टांगाटोली करके उनको बाहर निकाला गया।
धीरज को बाहर निकालने में आए पसीने
विपक्ष के भारी-भरकम विधायक धीरज गुर्जर को टांगाटोली करके बाहर निकालने में मार्शल्स के पसीने आ गए। गृहमंत्री कटारिया ने कहा कि तुम पुलिस वाले काहे को बने, इनको उठाकर बाहर कर दो। इसके बाद करीब पन्द्रह मार्शल्स ने मिलकर धीरज गुर्जर को बाहर निकाला। इसके बाद सदन की कार्यवाही आधे-आधे घण्टे के लिए दो बार और स्थगित की गई।
अध्यक्ष बोले हार से बौखलाया विपक्ष
इसके बाद आसन पर अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने कहा कि तीन दिन से कुछ हुडदंगियों ने यहां वैल में आना, नारेबाजी करना और आसन पर आरोप लगाना अपना काम बना लिया है। इनको यूपी, धौलपुर और अब दिल्ली में हो रही हार पच नहीं रही है।
मैं आपको अच्छी तरह जानता हूं…
इस पर डॉ. किरोड़ीलाल ने कहा कि आप स्पीकर हैसियत से बोल रहे हैं या भाजपा नेता की हैसियत से, तो अध्यक्ष ने उन्हें भी डपट दिया और कहा कि आपको भी बाहर निकाल दूंगा। किरोड़ी ने कहा कि मैं आपको अच्छी तरह जानता हूं। आपने वसुन्धरा जी पर 5 हजार करोड़ का आरोप लगाया और अब आप आसन पर बैठे हुए हैं। इस पर मेघवाल ने कहा कि मैं भी आपको अच्छी तरह जानता हूं। आप कहां-कहां जाकर हाथ जोड़ रहे हैं, दया की भीख मांग रहे हैं। तुम्हारी औकात राजस्थान के सामने आ गई है।
कालुलाल ने प्रस्ताव रखा और चौदह कर दिए बाहर
इसके बाद मुख्य सचेतक कालुलाल गुर्जर ने प्रस्ताव रखा और चौदह विधायकों को सदन से एक साल के लिए निलम्बित कर दिया। इन चौदह विधायकों में हनुमान बेनीवाल, मनोज न्यांगली, कांग्रेस के गोविन्द डोटासरा, धीरज गुर्जर, अशोक चांदना, घनश्याम मेहर, सुखराम विश्नोई, राजेन्द्र यादव, शकुन्तला रावत, हीरालाल दरांगी, श्रवण कुमार, रमेश मीणा, भजनलाल जाटव और रामनारायण गुर्जर शामिल है।
किरोड़ी कार्यवाही के विरोध में गए बाहर
विधायक किरोड़ीलाल मीणा ने इस प्रस्ताव और कार्यवाही का विरोध किया तथा आसन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए वॉक आउट कर दिया।
राजकुमार शर्मा ने कहा ‘क्षमा बडऩ को चाहिएÓ
कांग्रेस के राजकुमार शर्मा ने आसन से आग्रह किया कि क्षमा बडऩ को चाहिए छोटन को उत्पात की नीति पर काम करते हुए इतने कठोर न बनें और इस पर पुनर्विचार करें। इस पर आसन ने कहा कि आपका प्रस्ताव विचाराधीन है।
हमें भी बाहर निकाल दीजिए
जब कार्यवाही बिना विपक्ष के संचालित हो रही थी तो गेट पर से जोर-जोर से आवाजें आने लगी। पता चला कि मार्शल्स ने प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी और वरिष्ठ विधायक प्रद्युम्नसिंह सहित उनको भी मार्शल ने रोक दिया जिन्हें बाहर नहीं निकाला गया था। इसके बाद डूडी और प्रद्युम्न सिंह ने सदन पर आकर इस पर विरोध जताया। उन्होंने कहा या तो निलम्बन वापिस लीजिए या फिर हमें भी बाहर निकाल दीजिए।
पहले भी ऐसा कई बार हुआ है
प्रद्युम्नसिंह ने कहा कि इस सदन में पहले भी ऐसा हुआ है बल्कि इससे भी अधिक बुरा हुआ है। सदन में राज्यपाल का कुर्ता भी फाड़ा गया है और रघुनन्दनसिंह का तो कान ही फोड़ दिया गया था, उन्हें चार टांके आए थे और ये सब किसने किया था ये बताने की जरूरत नहीं है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *