कोविंद बने देश के 14वें राष्ट्रपति, शपथ 25 को

-65.65 प्रतिशत वोट मिले, मीरा कुमार से दोगुना समर्थन
नई दिल्ली। रामनाथ कोविंद 14वें राष्ट्रपति होंगे। इस चुनाव में इस बार 65 साल में सबसे ज्यादा 99 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। गुरुवार को हुई काउंटिंग में एनडीए कैंडिडेट कोविंद को 65.65 प्रतिशत वोट मिले। उन्हें यूपीए कैंडिडेट मीरा कुमार से दोगुने ज्यादा वोट मिले। कोविंद यूपी से आने वाले पहले प्रेसिडेंट होंगे। केआर नारायणन के बाद दूसरा दलित नेता देश के सर्वोच्च पद पर बैठेगा। साथ ही, कोविंद पहले ऐसे राष्ट्रपति होंगे जो बीजेपी से सीधे जुड़े रहे हैं। वे 25 जुलाई को 11 बजे शपथ लेंगे। उसी दिन प्रणब मुखर्जी को फेयरवेल दिया जाएगा। इस बीच, नरेंद्र मोदी ने कोविंद के साथ-साथ मीरा को भी बधाई दी। मोदी ने कहा कि मीरा कुमार ने जिस भावना के साथ चुनाव लड़ा, उस पर हम सबको गर्व है।
किसे कितने वोट?
कुल वोटिंग हुई थी:10,69,358
जीत के लिए जरूरी थे: 5,34,680
मीरा को मिले: 3,67,314
कोविंद को मिले: 7,02,044 यानी कुल वोटों के 65.65 प्रतिशत और मीरा से दोगुने
कहां से कितने वोट मिले?
कोविंद को सांसदों ने 3,69,576 और 31 विधानसभा के विधायकों ने 3,32,468 वोट दिए।
मीरा को सांसदों से 1,59,300 और विधायकों से 2,08,014 वोट मिले।
हुए भावुक, बोले-संविधान की रक्षा मेरा कर्तव्य
ये बेहद भावुक मौका है। राष्ट्रपति पद के लिए चुना जाना मेरा लक्ष्य नहीं था। अब संविधान की रक्षा मेरा कर्तव्य होगा और मैं सर्वे भवंतु सुखिन: की भावना से काम करूंगा। जिस पद का गौरव राजेंद्र प्रसाद, राधाकृष्णन, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रणब मुखर्जी जैसे विद्वानों ने बढ़ाया है, उसके लिए चयन मुझे जिम्मेदारी का अहसास कराता है। यह बहुत भावुक क्षण है। आज दिल्ली में सुबह से बारिश हो रही है। इस मौसम में मुझे बचपन का अपना वो गांव याद आता है। मिट्टी का घर था, कच्ची दीवारें थीं, फूस की छत के नीचे खड़े होकर हम भाई-बहन सोचते थे कि बारिश कब बंद होगी। कितने ऐसे रामनाथ होंगे जो खेती कर रहे होंगे, बारिश में भीग रहे होंगे, जीवन के लिए संघर्ष कर रहे होंगे। इसलिए मायने रखता है इस बार का राष्ट्रपति चुनाव?
देश को केआर नारायणन के बाद दूसरा दलित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के रूप में मिला। एपीजे अब्दुल कलाम के बाद दूसरी बार एनडीए की पसंद के राष्ट्रपति हैं रामनाथ कोविंद। 37 साल में पहली बार सर्वोच्च पद पर उसका नेता रहेगा। 6 अप्रैल 1980 को पार्टी बनी थी। 1990 में पहली सरकार राजस्थान में बनी। 1996 में देश में उसकी केंद्र में पहली सरकार बनी। अटल बिहारी वाजपेयी पीएम बने थे। कलाम एनडीए की पसंद के राष्ट्रपति बने थे, लेकिन वे भाजपा के नहीं थे। भैरोंसिंह शेखावत बीजेपी के थे जो उपराष्ट्रपति थे। 25 को पद संभालेंगे
प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। नए राष्ट्रपति कोविंद 25 जुलाई को पद संभालेंगे। उसी दिन प्रणब का फेयरवेल संसद के सेंट्रल हॉल में होगा। स्पीकर सुमित्रा महाजन स्पीच देंगी। वे प्रणब को एक स्मृति चिह्न और सभी सांसदों के सिग्नेचर वाली बुक देंगी। इसके बाद हाई-टी होगी।
रिटायरमेंट के बाद प्रणब उसी बंगले में शिफ्ट होंगे, जहां पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम रहते थे। बताया जाता है कि प्रणब रिटायरमेंट के बाद अपनी ऑटोबायोग्राफी का तीसरा पार्ट लिखना चाहते हैं।

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