-कोविंद को अनुमान से कम मिले वोट
-भाजपा में मची खलबली
जयपुर। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शुक्रवार को राजधानी जयपुर पहुंच रहे हैं। शाह के दौरे से पहले भाजपा को एख बड़ा झटका लगा है। सोमवार को हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को उतने वोट नहीं मिले हैं जितने वोटों का अनुमान था। रामनाथ कोविंद को राजस्थान में पांच वोट कम मिले हैं। मतलब साफ है कि राजस्थान में विधायकों की क्रास वोटिंग को भाजपा हाईकमान रोक नहीं पाया।
राजस्थान में भाजपा के कुल 161 विधायक थे उसके अलावा किरोड़ी मीना की राजपा के 4, जमींदारा पार्टी के 2 विधायकों का भाजपा को सीधा समर्थन था। मतलब 167 वोट भाजपा को मिल रहे थे इसके अलावा भाजपा को 4 निर्दलीय विधयकों का भी समर्थन मिला हुआ था। जिसमें से केवल एक अंजू धानका को लेकर संशय था। इस तरह भाजपा को कुल 171 वोट मिलने थे वहीं कांग्रेस के 24 विधायक थे। कांग्रेस के साथ निर्दलीय नंद किशोर महरिया और राजकुमार शर्मा थे इसके साथ ही 2 वोट बसपा के थे। आपको बता दें कि राजस्थान से रामनाथ कोविंद को 166 वोट मिले हैं जबकि मीरा कुमार को 34 वोट मिले हैं।
वहीं, निर्दलीय हनुमान बेनीवाल के वोट को भी कांग्रेस अपने साथ मान रही थी। ऐसे में कांग्रेस को कुल 29 वोट की संभावना थी लेकिन कांग्रेस को 34 विधायकों के वोट मिले हैं यानी कि यूपीए उम्मीदवार मीरा कुमार के पक्ष में 5 वोट ज्यादा आए हैं। सूत्रों का कहना है कि इसका मतलब साफ है कि भाजपा के वोटों में सेंध लगी है।
सीएम राजे ने दी कोविंद को बधाई
एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की जीत पर सूबे की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उन्हें बधाई दी है। सीएम राजे ने अपने ट्विटर पर लिखा कि आदरणीय श्री रामनाथ कोविंद जी को देश के शीर्षस्थ पद पर निर्वाचित होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। सीएम राजे ने इसके साथ ही रामनाथ कोविंद की एक तस्वीर भी पोस्ट की है।
मुख्यमंत्री करें आत्मचिंतन: पायलट
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने राष्ट्रपति चुनाव में राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस व 17 अन्य विपक्षी दलों की प्रत्याशी मीरा कुमार को कांग्रेस के 24 विधायकों से ज्यादा 34 मत मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह भाजपा में व्याप्त असंतोष का परिचायक है। पायलट ने कोविंद को जीत पर बधाई देते हुए उनके राष्ट्रपति के तौर पर सफल कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दी है। उन्होंने अंतरआत्मा की आवाज पर मतदान करने वाले भाजपा के विधायकों को भी साधुवाद दिया है। उन्होंने कहा कि जनता के प्रतिनिधियों द्वारा अपनी ही पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ मतदान करने का सीधा मतलब है कि वे सरकारी व प्रशासनिक कार्यप्रणाली से अंसतुष्ट है।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर राजस्थान में हुई क्रास वोटिंग!
