भाजपा-जदयू बनाएंगे सरकार
सुशील मोदी बन सकते हैं डिप्टी सीएम
बिहार में महागठबंधन के टूटने के बाद यह माना जा रहा है कि जनता दल (यूनाइटेड) प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार बना सकती है और ऐसे में भाजपा के शीर्ष नेता सुशील कुमार मोदी फिर से उप-मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। हालांकि इसके बाद खुद नीतीश कुमार ने ही इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। अब राज्य में नए समीकरण बन सकते हैं और बीजेपी की सत्ता में वापसी हो सकती है। पटना। तेजस्वी यादव पर जेडीयू-आरजेडी में बढ़ती तकरार के बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार शाम गवर्नर को इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश पार्टी की विधायक दल की मीटिंग के बाद सीधे गवर्नर हाउस गए थे, जहां उन्होंने केसरी नाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंपा। वे बोले, आगे क्या होगा, ये आगे पर छोड़ दीजिए। आज का चैप्टर यहीं खत्म। नीतीश के इस्तीफे के बाद नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी।
इससे पहले लालू यादव ने कहा था कि बिहार सरकार 5 साल पूरे करेगी, लेकिन नीतीश के इस्तीफे के बाद अब सवाल सामने आ रहा है कि महागठबंधन बचेगा या फिर टूटेगा? बता दें कि रेलवे टेंडर स्कैम और बेनामी प्रॉपर्टी मामले में केस दर्ज होने पर बीजेपी लगातार तेजस्वी के इस्तीफे की मांग कर रही है। जेडीयू भी कह चुकी है कि तेजस्वी को जनता के बीच जाकर सफाई देनी चाहिए।
हमने गठबंधन धर्म का पालन किया
गवर्नर को इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश ने कहा, मैंने अभी महामहिम को इस्तीफा सौंपा है। महागठबंधन की सरकार 20 महीने से भी ज्यादा समय तक चलाई है। और मुझसे जितना संभव हुआ, हमने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए बिहार की जनता के समक्ष चुनाव के दौरान जिन बातों की चर्चा की थी, उसी के मुताबिक हमने काम करने की कोशिश की थी। हमने शराबबंदी लागू कर सामाजिक परिवर्तन की नींव रखी। बुनियादी ढांचे का विकास हो, सड़क हो, बिजली का मामला हो, सभी के लिए हमने निरंतर काम करने की कोशिश की और निश्चय यात्रा के दौरान हर जिले में जिन योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है, उन्हें स्पॉट पर देखा। जितना संभव था, हमने काम करने की कोशिश की।
महागठबंधन में काम करना संभव नहीं
20 महीने में एक तिहाई कार्यकाल पूरा किया। जिस तरह की चीजें सामने आईं, उसमें मेरे लिए महागठबंधन का नेतृत्व करना और काम करना संभव नहीं था। हमने किसी का इस्तीफा नहीं मांगा। हमारी लालूजी से भी बात होती रही। तेजस्वीजी से भी मिले। हमने यही कहा कि जो भी आरोप लगे, उसके बारे में एक्सप्लेन कीजिए। आमजन के बीच में जो एक अवधारणा बन रही है, उसको ठीक करने के लिए एक्सप्लेन करना जरूरी है। लेकिन वह भी नहीं हो रहा था।
ये मेरी अंतरआत्मा की आवाज थी
कुल मिलाकर माहौल ऐसा बनता जा रहा था कि हमारे लिए काम करना संभव नहीं था। हम कुछ भी काम करें, परिचर्चा में एक ही बात हो रही थी। हमने आज तक रुख अख्तियार किया, उससे अलग रुख नहीं अपना सकते थे। हमने गठबंधन धर्म का पालन किया। लेकिन ये मेरे अंतरआत्मा की आवाज थी। कई दिनों से यह बात मेरे मन में थी कि कोई रास्ता निकल आए। हमने राहुलजी से भी बात की। उनका भी यही रुख रहा है। उन्होंने ही (दोषियों को चुनाव लडऩे से छूट देने का) ऑर्डिनेंस फाड़ा था।
कोई रास्ता नहीं है तो नमस्कार करो
चारों तरफ चर्चा हो रही थी कि नहीं देंगे इस्तीफा तो निलंबित करेंगे। लेकिन ये सब बेकार की बातें हैं। हमने देखा कि अब कोई रास्ता नहीं है तो नमस्कार करो। अपने आप को अलग कर लिया। जब तक वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होती, तब तक महामहिम ने काम करते रहने को कहा है। आगे क्या होगा, कब होगा, कैसे होगा, यह सब आगे पर ही छोड़ दीजिए। आज का चैप्टर यहीं खत्म।
बीजेपी से सपोर्ट पर क्या बोले नीतीश?
– क्या बीजेपी का सपोर्ट करेंगे? इस सवाल पर नीतीश ने कहा- क्या होगा, उसके लिए आगे देखते रहिए। जो होना था, उसकी तार्किक परिणति हो गई। बिहार के हित में जो होगा। बिहार के विकास के हित में होगा, तो हम जरूर विचार करेंगे।
-मुझसे कभी इस्तीफा नहीं मांगा गया। ये बीजेपी और आरएसएस हैं जो इस महागठबंधन को तोडऩा चाहते हैं। लोग उनकी साजिश के जरिए ये देख सकते हैं। अमित शाह ने कहा था कि वो हर राज्य में बीजेपी की सरकार देखना चाहते हैं। इसलिए वो हर तरह से ये कोशिश कर रहे हैं कि महागठबंधन टूट जाए।
-तेजस्वी यादव
-बिहार की सरकार 5 साल पूरे करेगी। गठबंधन में कोई दरार नहीं है। ये सब केवल मीडिया की उपज है। नीतीश ने कोई इस्तीफा नहीं मांगा है और तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे। जो लोग सफाई मांग रहे हैं, वे क्या पुलिस हैं या फिर जांच एजेंसी के चीफ हैं? मुझे और तेजस्वी को जहां पर अपनी सफाई देनी होगी वहां पर अपनी सफाई देंगे।
-लालू यादव