अब मानसून के निशाने पर जयपुर, अलवर और कोटा

 जयपुर। प्रदेश के पश्चिमी भाग के कुछ जिलों में बर्बादी का सबब बना मानसून अब वहां से आगे बढ़ गया है। मानसून का रुख जयपुर, अलवर और कोटा में भारी बारिश के रूप में देखने को मिल सकता है।
बारिश के कारण अब तक 34 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। अब मौसम विभाग ने प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के कारण मानसून का असर दक्षिणी पश्चिमी क्षेत्र से दक्षिण पूर्वी की ओर बनने की भविष्यवाणी करते हुए आगामी 48 घंटों में भारी बारिश की संभावना व्यक्त की है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में अब तक सामान्य से कम हुई बारिश वाले जयपुर, अलवर, दौसा, करौली, बूंदी, और हाडौती क्षेत्र में अगले दो दिनों में भारी वर्षा हो सकती है।
राजस्थान में दक्षिण पश्चिमी मानसून के कमजोर पडऩे से बाढ़ ग्रस्त तीन जिलों में पानी के नीचे उतरने से लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि इन क्षेत्रों में पानी भरे होने तथा नदी नालों में पानी की आवक जारी रहने के कारण अभी भी हालात गंभीर बने हुए है। बाढ़ नियंत्रण के अनुसार प्रदेश में बारिश के कारण अब तक 34 लोगों की मृत्यु हो चुकी है जिनमें सर्वाधिक आठ मौतें बाड़मेर में हुई है। इसके अलावा सिरोही में छह, उदयपुर और भीलवाडा में पांच-पांच, जालोर में चार, झालावाड़ और पाली में दो-दो तथा सीकर और बांसवाड़ा में एक-एक लोग शामिल है।
मृतकों में 20 लोग डूबने और बहने से, आकाशीय बिजली गिरने से 11 तथा दीवार गिरने से तीन लोग शामिल है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चलाए गए बचाव एवं राहत कार्यो के दौरान सेना और हेलीकॉप्टर के साथ-साथ एनडीआरएफ टीम की मदद से सैकड़ों लोगों को बचाया गया है। वहीं सिरोही जिले में कल फंसे 200 लोगों को बचा लिया गया है।
जालोर की सुकड़ी नदी के ओवरफ्लो के कारण वहां कई गांव पानी से घिरे हुए है। पाली जिले में बारिश का दौर थमने के बावजूद वहां 20 से अधिक बांध लबालब हो चुके हैं। प्रदेश के तीन जिलों पाली, सिरोही, जालौर में चार दिनों से जारी बारिश का दौर थम गया है वहीं माउंट आबू, बाड़मेर और जोधपुर सहित कुछ क्षेत्रों में अभी भी हल्की और मध्यम दर्जे की बारिश का दौर जारी है।
बारिश थमने के बावजूद जालोर जिले के जवाई बांध में पानी की आवक बनी हुई है जिसके कारण बांध पूरी तरह से भर गया है और उसके गेट खोले गए है। जिला प्रशासन ने जवाई बांध के गेट खोलने के मद्देनजर आसपास के क्षेत्रों में सर्तक रहने की मुनादी करा दी गई है। जोधपुर जिले की लूणी नदी में पानी की आवक तेज होने के कारण नदी का उफान बालोतरा तक पहुंच गया है तथा नदी पर सात फीट तक की चादर चल रही है।
इसी तरह उदयपुर जिले के सबसे बडे माही बांध और डुंगरपुर जिले के सोम बांध पूरी तरह से लबालब हो गए है और इन पर दो से तीन फीट की चादर चल रही है। बांसवाड़ा जिले के घाटोल के डगिया तालाब का पेटा बह जाने और नहर टूट जाने से क्षेत्र के इलाकों में पानी भरा हुआ है। डूंगरपुर जिले के सोम बांध में पानी की आवक देखते हुए उसके दो और गेट खोल दिये गये है। बांध के सभी छह गेट खोल दिये जाने के कारण आसपास के क्षेत्रों में पानी भरने लगा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *