दीपावली पूजन का मुहुर्त
19.10.2017 लक्ष्मीपूजन प्रदोषयुक्त अमावस्या को स्थिरलग्न व स्थिरनवांश में किया जाना सर्वश्रेष्ठ होता है। अमावस्या सूर्योदय से मध्यरात्रि 12.41 तक रहेगी। दीपावली लक्ष्मी की उत्पत्ति तिथि व लक्ष्मी-कुबेर पूजन के लिए स्वयंसिद्ध समय है, अत: लक्ष्मी-कुबेर से संबद्ध मांगलिक कार्य इस दिन शुभ माने गए हैं। विष्कुम्भ योग इस पूजन हेतु श्रेष्ठ माना गया है। चित्रा नक्षत्र मृदु नक्षत्र है एवं सभी लक्ष्मी-कुबेर पूजन के लिए प्रशस्त माना गया है।