जयपुर। नींदड़ में किसानों के आंदोलन को लेकर कहीं भी प्रशासन में गंभीरता दिखाई नहीं दे रही है। वार्ता के दौर बार-बार चल रहे हैं लेकिन नतीजा शून्य ही आ रहा है। नींदड़ बचाओ युवा किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर डॉ. नगेन्द्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में जेडीए की जमीन अवाप्ति के विरोध में अवाप्ति को निरस्त कराने के लिए नींदड़ गांव के किसानों और कालोनीवासियों के द्वारा जारी जमीन समाधि सत्याग्रह मंगलवार नवें दिन भी जारी रहा। आज जमीन समाधि सत्याग्रह में 22 पुरूष व 11 महिलाएं पूर्व की भांति चौथे दिन भी अन्न त्याग के साथ सत्याग्रह में रहे। इसके अतिरिक्त आज जमीन समाधि सत्याग्रह में क्रमिक उपवास पर 30 पुरूष और 19 महिलायें भी रहीं।
आज जमीन समाधि सत्याग्रह स्थल पर एक बार पुन: जेडीए को सद्बुद्धि देने के लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया गया जिसके अन्तर्गत सुन्दरकाण्ड का पाठ किया गया। डॉ. नगेन्द्रसिंह शेखावत ने बताया कि आज उनकी जेडीए में शाम 5 बजे पांचवें दौर की वार्ता हुई जो कि पूर्णतया विफल रही। जैसा कि जेडीए ने सर्वे पर सहमति देते हुए नींदड़ में सरकारी व मन्दिर माफी की जमीन पर काम शुरू करने की शर्त रखी जिस पर हमारे द्वारा असहमति प्रकट की गई।
डॉ. शेखावत ने बताया चूंकि जेडीए और किसानों के मध्य सर्वे को लेकर विवाद है इसीलिए पुन: सर्वे किया जा रहा है और सर्वे के बाद दोनों पक्षों की सहमति से ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। लेकिन जेडीए अपने रूख पर अडा रहा जिसके फलस्वरूप वार्ता विफल हो गई। डॉ. नगेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि इस प्रकार से यूडीएच मंत्री ने हमारे किसानों की समस्या के समाधान के लिए सकारात्मक रूख दिखाया था, ठीक उसके विपरीत जेडीए के अधिकारी ने वार्ता के दौरान अपने अडियल रूख पर कायम रहे जिसके कारण हमारी वार्ता विफल हो गई। हमें विष्वास है कि मुख्यमंत्री और यूडीएच मंत्री किसानों के दर्द को समझते हुए पुन: हमसे वार्ता करेंगे।
डॉ. नगेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि जेडीए के अडिय़ल रवैये को देखते हुए सैकड़ों किसानों और कालोनीवासियों के साथ सत्याग्रह स्थल पर निर्णय लिया कि बुधवार से ही जमीन समाधि सत्याग्रह में सैकड़ों महिलाएं और पुरूष भी शामिल हो जाएंगे।
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