-एसीईओ अनिता चौधरी को कार्यमुक्त कर वापस कार्मिक विभाग भेजने का प्रस्ताव पारित
जयपुर। लंबे समय बाद मंगलवार को जयपुर जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक हुई। लेकिन इस बैठक में जमकर हंगामा बरपा। काम नहीं होने को लेकर भाजपा और कांग्रेस के पार्षद एकसाथ आ गए और साधारण सभा में अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनीता चौधरी को कार्यमुक्त कर कार्मिक विभाग भेजने का प्रस्ताव पारित किया।
जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक से पहले कांग्रेस पार्षदों ने धरना प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष मोहन डागर के नेतृत्व में कांग्रेसी पार्षद जिला परिषद परिसर में ही धरने पर बैठ गए। कांग्रेसी पार्षदों ने ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं को लेकर अनदेखी का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष मोहन डागर ने कहा कि करीब तीन साल का वक्त बीतने बाद भी जिले के गांवों में समस्याएं जस की तस मौजूद हैं, अधिकारी जनप्रतिनिधियों की अनदेखी कर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। वहीं पार्षद प्रेमदेवी ने भी समस्याओं के निस्तारण के लिए ठोस आश्वासन नहीं मिलने तक परिसर में धरना देने की बात कही।
जैसे ही ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं को लेकर धरने पर बैठे ये कांग्रेसी पार्षद हाथों में तख्तियां लेकर बैठक मेें भी पहुंचे। जैसे ही बैठक शुरू हुई तो कांग्रेसी पार्षदों ने विरोध करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते भाजपा के पार्षद भी कांग्रेसी पार्षदों के सुर में सुर मिलाते दिखे। भाजपा पार्षदों ने भी अपने काम नहीं होने पर अधिकारियों पर निशाना साधा।
हालांकि बैठक में मौजूद जिले के कई विधायक भी भी बैठे हुए थे, ऐसे में वे चुपचाप बैठकर हंगामा देखते रहे। जिला प्रमुख मूलचंद मीना की समझाइश पर भी पार्षद शांत नहीं हुए। सभी पार्षदों ने सीईओ व एसीईओ पर जनप्रतिनिधियों की अनदेखी करने का आरोप लगाया और कार्रवाई की मांग रखी।
काफी देर तक चले हंगामे के बाद आखिर सभी सदस्यों ने एकजुट होकर बैठक में मौजूद एसीईओ अनिता चौधरी को कार्यमुक्त कर वापस कार्मिक विभाग भेजने के आदेश दिए।
जिला परिषद की साधारण सभा कांग्रेसी के साथ भाजपा पार्षदों ने भी मिलाया सुर, नहीं हो रहे काम
