जयपुर। राज्य सरकार द्वारा पिछले दिनों सेवारत चिकित्सकों के आंदोलन के बाद हुए समझौते का क्रियान्वयन नहीं करने और आंदोलनकारी चिकित्सकों पर कथित दमनात्मक कार्रवाई के विरोध में सेवारत चिकित्सक शुक्रवार को फिर एक बार आंदोलन की राह पर है। ये तीन माह में तीसरा मौका है जबकि चिकित्सक आंदोलन पर जा रहे हैं। शुक्रवार को सभी सेवारत चिकित्सक एक दिन का सामूहिक अवकाश लेंगे। उधर, चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा है कि किसी का अवकाश मंजूर नहीं किया जाएगा और छुट्टी लेने वाले चिकित्सकों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा,उनका वेतन कटेगा।
सेवारत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने बताया कि सेवारत चिकित्सकों 33 सूत्री मांग पत्र पर 12 नवम्बर को हुए सम्मानजनक समझौते की वादाखिलाफी और चिकित्सकों पर दमनात्मक कारवाई को लेकर समस्त चिकित्सकीय समुदाय में उपजे असंतोष पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था कि अगर समय रहते इस प्रकार की कारवाई वापिस नहीं ली गई और समझौते की क्रियान्वति नहीं होती है तो पुन: आंदोलन को तेज किया जाएगा।
चौधरी ने बताया कि सरकार को 3-3 दिन का दो बार अल्टीमेटम दिया जा चुका है लेकिन आज दिनांक तक न तो कोई दमनात्मक कारवाई वापिस ली गई है और न ही हाल ही गर्भवती महिला चिकित्सक के साथ दुव्र्यवहार कर सबसे बड़े विवाद का कारण बने आरएएस अधिकारी को समझौते के बिंदू संख्या 6 के अंतर्गत अतिरिक्त निदेशक(राजपत्रित) के पद से हटाकर पूर्व की भांति चिकित्सक लगाया गया है। ऐसे में संघ की कोर कमेटी ने तय किया है कि सरकार को दी समय सीमा समाप्त हो चुकी है, आंदोलन को उग्र किया जाए। अत: शुक्रवार को राज्य के समस्त चिकित्सक एक दिन का सामूहिक अवकाश लेकर शासन के खिलाफ विरोध जाहिर करेंगे और अखिल राजस्थान कर्मचारी संयुक्त महासंघ के एक दिन के सामुहिक अवकाश को अपना समर्थन देंगे। अगर सरकार चिकित्सकों को कुचलने का प्रयास करती है तो राज्य के समस्त चिकित्सक अनिश्चितकालीन अवकाश पर चले जाएंगे।
धरती के भगवान कल फिर छुट्टी पर
