आरसीए से प्रतिबंध हटने के बाद क्रिकेट प्रेमियों में खुशी की लहर

-आरसीए अध्यक्ष सीपी जोशी जयपुर पहुंचे, लोगों ने दी बधाइयां
जयपुर। बीसीसीआई ने आखिरकार आरसीए पर लगाई गई रोक हटा ली है। बीसीसीआई की ओर से आरसीए से 4 साल बाद बैन जटाए जाने के बाद शहर में क्रिकेट प्रेमियों में अपार खुशी का अनुभव किया जा रहा है। इतना ही नहीं पूर्व अध्यक्ष और पूर्व आईपीएल जिनकी वजह से आरसीए पर बैन लगा उन ललित मोदी ने भी इस पर खुशी जाहिर की है।
दूसरी तरफ बैन हटने के बाद आरसीए अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी भी देर रात जयपुर पहुंच गए। बैन हटने की सूचना के साथ ही लोगों ने उनको फोन पर बधाई देना शुरू कर दिया था। जयपुर के क्रिकेट प्रेमियों के लिए ये किसी तोहफे से कम नहीं है। अब जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम पर आईपीएल और अन्तरराष्ट्रीय मैच होने का रास्ता साफ हो गया है।
बीसीसीआई के इस फैसले पर खुशी जताते हुए ललित मोदी ने बोर्ड और खिलाडिय़ों के हित में बताया। फैसला आने के बाद मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि मैं राजस्थान के क्रिकेट खिलाडिय़ों को लेकर आज बेहद खुश हूं, उनके लिए ऐसी स्थितियों में खेलना काफी चुनौतीपूर्ण सफर था और उनके सब्र का फल आज उन्हें मिल गया है, उम्मीद करता हूं आज से राजस्थान क्रिकेट आगे बढ़ेगा।
देखा जाए तो राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर लगा प्रतिबंध भी खुद मोदी की वजह से लगा था। बावजूद इसके उन्होनें बीसीसीआई के इस फैसले के बाद उन्होंने ट्वीट कर राजस्थान के क्रिकेटरों के प्रति अपनी खुशी जाहिर की।
प्रतिबंध के जिम्मेदार भी ललित मोदी
गौरतलब है कि बीसीसीआई और आरसीए के बीच चल रही विवाद की यह कहानी खुद ललित मोदी ने लिखी थी। इस कहानी की शुरूआत हुई थी साल-2010 से। यह उस वक्त हुआ जब बीसीसीआई ने ललित मोदी को अनुशासनहीनता और अनियमितताओं के चलते आजीवन प्रतिबंधित कर दिया। ललित मोदी पर आईपीएल मैचों के दौरान वित्तीय हेराफेरी करने, टीमों की नीलामी में अनियमितता जैसे आरोप लगे थे। इन आरोपों के सामने आने के बाद बीसीसीआई ने ललित मोदी को बाहर का रास्ता दिखा दिया। हालांकि हेरा-फेरी के चलते ईडी की तलवार भी मोदी पर लटक गई थी। गिरफ्तारी के डर के चलते मोदी यहां से विदेश फरार हो गए। हालांकि फरारी के दौरान भी विदेश में बैठे-बैठे ललित मोदी ने आरसीए में अपना दबादबा कायम रखा।
प्रतिबंध के बावजूद चुनाव लड़ा और नए अध्यक्ष भी चुने गए
आजीवन प्रतिबंध के बावजूद साल 2014 में ललित मोदी ने आरसीए का चुनाव लड़ा और नए अध्यक्ष भी चुने गए। अध्यक्ष बनते ही बीसीसीआई ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन से अपना नाता तोड़ते हुए यहां प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि बाद में मोदी आरसीए से हट गए, बावजूद इसके मोदी ने नागौर क्रिकेट संघ से अपना रिश्ता नहीं तोड़ा।
पिछले चुनाव में बेटे रूचिर ने खाई करारी मात
तब से लेकर अब तक नागौर क्रिकेट एसोसिएशन आरसीए से संबद्ध होने के कारण बीसीसीआई ने आरसीए पर प्रतिबंध लगाया हुआ था। लेकिन पिछले चुनाव के दौरान मोदी ने अपने बेटे रूचिर को सीपी जोशी के सामने चुनाव लडाया, जहां उन्होंने करारी मात खाई। इसके बाद मोदी ने नागौर क्रिकेट संघ से अपना इस्तीफा दे दिया। आरसीए से रिश्ता तोडऩे के बाद मोदी को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। बस यहीं से राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के दिन फिर गए और यह उम्मीद बन गई कि अब आरसीए से बैन हट सकता है।
आरसीए को देनी होगी अंडरटेकिंग
हुआ भी यही। बीसीसीआई ने आरसीए पर अपना पॉजिटिव रूख दिखाया। नतीजन 4 साल लंबा बैन हटा दिया गया और राजस्थान में फिर से क्रिकेट की राह खुल गई। हालांकि बीसीसीआई ने बैन हटाए जाने के बाद आरसीए के समक्ष कुछ शर्तें भी रखी है। इन शर्तो के आधार पर आरसीए को हाईकोर्ट में एक अंडरटेकिंग देनी होगी और उसके बाद यह बैन स्वत: हट जाएगा।

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