अलवर। सरिस्का के जंगल में फिर से सेंध लगने लगी है। जहां अभी छोटे जीवों का शिकार देखने को मिला है लेकिन यही हाल रहा तो आगे चलते हुए यही शिकारी बड़ा शिकार करने से भी नहीं चूकेंगे। बुधवार को सुबह अकबरपुर रेंज के कालीखोल नाका बांरा के पास शिकारियों के फंदे में मोर व तीतर जैसे पक्षी फंसे दिखाई दिए। जब इस बात की सूचना ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने वनकर्मियों को सूचित किया। जहां ग्रामीणों की मदद से वनकर्मियों ने जब शिकारियों का पीछा किया तो शिकारी अपने सामान को मौके पर छोड़कर भाग छूटे। शिकारी मौके पर अपना झोला-थैला, फंदा व अन्य शिकार का सामन छोड़ गए। फंदे में जहां तीतर व मोर फंसे हुए थे, जो मर चुके थे। वनकर्मियों ने शिकारियों के सामान को जब्त कर लिया। वहीं शिकारियों की तलाश में वनकर्मी जुट गए हैं।
ज्ञात रहे कि शिकारियों ने कुछ साल पहले सरिस्का को बाघों का शिकार कर पूरे देश में बदनाम किया और बाघ विहिन कर दिया था। बाद में वन विभाग की पहल और राज्य व केन्द्र सरकार की मदद से फिर से सरिस्का चमक उठा लेकिन फिर से शिकारियों की लगी सेंध बड़ा शिकार करने की दस्तक दे रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि सरिस्का में शिकारियों की दस्तक फिर से बाघों की सुरक्षा को खतरा पैदा कर रही है। उनका आरोप है कि यदि समय पर वन विभाग व जिला प्रशासन नहीं चेता तो फिर से सरिस्का को दाग लग जाएगा। ऐसे में वन वि ााग को स त कदम उठाने चाहिए।
सरिस्का में हुई शिकार की कोशिश!
