विभिन्न टीवी चैनल्स से प्राप्त रिपोर्ट
सूचना के अधिकार के प्रार्थना पत्रों और उसके लिए दी जाने वाली फोटो कॉपी पर लगाई गई अठारह प्रतिशत जीएसटी वापिस ले ली गई है। गौरतलब है कि सूचना के अधिकार जीएसटी लग रही है और उसके लिए बकायदा रसीद काटकर पैसा वसूला जा रहा है, यह समाचार सबसे पहले पत्रकार रोशनलाल शर्मा ने ब्रेक किया था।
जीएसटी काउंसिल ने गुरुवार को 54 सर्विसेज और 29 आइटम्स पर जीएसटी रेट घटाने का फैसला लिया। इसमें सूचना का अधिकार भी शामिल है। मीटिंग के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि काउंसिल ने जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की प्रोसेस को आसान बनाने पर चर्चा की। हालांकि, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने पर कोई फैसला नहीं हो सका। नई टैक्स रेट 25 जनवरी से लागू होंगे। रिवाइज्ट रेट लागू होने से पुरानी कारें और डायमंड भी सस्ते हो जाएंगे।
पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला फिलहाल पेंडिंग है, इसकी डिमांड काफी समय से हो रही है। जेटली ने कहा कि इस मसले पर मीटिंग में कोई चर्चा नहीं हुई। संभव है कि अगली मीटिंग में इस पर चर्चा हो।
इन पर घटा टैक्स
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जेटली ने बताया कि रिवाइज्ड टैक्स रेट 25 जनवरी से लागू होंगे। जीएसटी काउंसिल ने प्राइवेट कंपनियों की डॉमेस्टिक एलपीजी के लिए टैक्स रेट 18 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया। इसके अलावा हीरों पर टैक्स को 3 फीसदी से घटाकर 0.25 प्रतिशत कर दिया गया है। पुरानी कारों पर टैक्स रेट में भी कटौती की गई है, जिन्हें 28 से 18 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में डाला गया है।
पेट्रोलियम क्रूड की माइनिंग, ड्रिलिंग सर्विसेज, नैचुरल गैस की माइनिंग, ड्रिलिंग सर्विसेज पर भी टैक्स घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया है। एम्बुलेंस के तौर पर इस्तेमाल होने वाले वाहनों पर सेस खत्म कर दिया गया है, जो अभी तक 15 फीसदी था। पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के ट्रांसपोर्टेशन पर टैक्स क्रेडिट के साथ जीएसटी को घटाकर 12 प्रतिशत और टैक्स क्रेडिट के बिना इन प्रोडक्ट्स पर जीएसटी को 5 प्रतिशत किया गया है। फर्टिलाइजर ग्रेड फॉस्फोरिक एसिड पर टैक्स घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया है। बायो-डीजल पर टैक्स 18 से घटाकर 12 फीसदी करने का फैसला लिया है। मेट्रो, मोनोरेल कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया है।
केंद्र और राज्यों के बीच बंटेंगे 35 हजार करोड़
जेटली ने आगे कहा कि मीटिंग में आईजीएसटी में क्रेडिट लाइन की भारी धनराशि के मसले पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि जीएसटी पैनल ने आईजीएसटी कलेक्शन के 35 हजार करोड़ रुपए को केंद्र और राज्यों के बीच बांटने का फैसला किया।