सोर्स: विभिन्न टीवी चैनल्स से प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार रिपोर्ट
आईबी रिपोर्ट के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट
जयपुर। कोर्ट के आदेशों के बाद 25 जनवरी को विवादास्पद फिल्म पद्मावत की रिलीज तय हो गई है। इस बीच आईबी की एक रिपोर्ट ने राज्य के गृह विभाग ने हाथ पांव फूला दिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार इसके रिलीज को लेकर प्रदेश में लॉ एन आर्डर की स्थिति बिगड़ सकती है। चार राज्यों में लगे बैन को सुप्रीम कोर्ट द्वरा हटाने के बाद अब राजपूत संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दे दी है।
राजपूत संगठनों के विरोध को देखते हुए राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर विधिक राय लेकर आगामी निर्णय करने की बात कही है। आईबी की रिपोर्ट मिलने पर पुलिस मुख्यालय भी सर्तक हो गया है। प्रदेश में फिल्म के प्रदर्शन का विरोध कर रहे तमाम राजपूत नेताओं और उनके छिपने वाले संभावित स्थानों की सूची पुलिस ने तैयार कर ली है। लॉ एन आर्डर बिगडऩे की स्थिति में इन राजपूत नेताओं पर कार्रवाई की जा सकती है। 25 जनवरी को रिलीज होने वाली फिल्म को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह अलर्ट हो गया है। गृह विभाग की ओर से सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दे दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट से आए आदेश के बाद मामले को लेकर सरकार भी गंभीर हो गई है।
राजपूत समाज ने साफ यह चेतावनी दे डाली है कि अगर फिल्म रिलीज हुई तो पूरे प्रदेश के सिनेमाघरों में तोडफोड की जाएगी। ऐसे में शांति बनाए रखने और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी अलर्ट हो गया है। कानून व्यवस्था से जुड़े पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से बंधे हैं तथा सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की पालना की जाएगी। प्रदेश में किसी भी कानून व्यवस्था न बिगड़े इसके लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। कोर्ट के आदेशों की प्रति मिलने पर उचित कदम उठाए जाएंगे।
राज्य सरकार दाखिल करेगी रिव्यू पिटीशन
फिल्म पद्मावत पर चार राज्यों में बैन असंवैधानिक करार देते हुए हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अब राजस्थान सरकार रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगी। सरकार ने इसकी जिम्मेदारी राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता को सौंपी है। गृह विभाग के एसीएस को इसके चलते दिल्ली भेजा गया है।
करणी सेना की डीबी में सुनवाई की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए करणी सेना को झटका दिया है। जिसके बाद संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत की रिलीज का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। जारी विवाद को लेकर शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर सुनवाई पूरी हो चुकी है और अंतरिम आदेश दिया चुका है। अपील पर कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया। सीजेआई दीपक मिश्रा ने कहा कि अदालत संवैधानिक संस्था के रूप में काम करती है और इस मामले में कल ही अंतरिम आदेश दे दिया गया है।
विवाद में कूदे ओवैसी
अब इस विवाद में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी कूद पड़े हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने फिल्म को बकवास बताते हुए उसे ना देखने का आग्रह किया है। उन्होंने ये बयान तेलंगाना के वारंगल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि वो इस फिल्म को देखकर अपना समय बर्बाद न करें। साथ ही उन्होंने कहा कि ‘पद्मावतÓ एक मनहूस और गलीज यानि बुरी फिल्म है।
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में नहीं घुस पाएंगे प्रसून जोशी!
राजधानी में होने वाला साहित्य का सबसे बड़ा उत्सव जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल विवाद के घेरे में आ गया है। पद्मावत रिलीज का विरोध कर रही करणी सेना ने कहा है कि प्रसून जोशी को इस महोत्सव में शामिल नहीं होने देंगे। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 25 जनवरी को शुरू हो रहा है। वहीं फिल्म भी 25 को ही रिलीज होनी है। इस फेस्ट में सीबीएफसी के चेयरमैन प्रसून जोशी भी आनेवाले हैं जिनके विरोध करने का ऐलान राजपूत समाज कर चुका है। करणी सेना के पदाधिकारी अजीत सिंह मामडोली ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने तो प्रसून जोशी के सेंसर बोर्ड को आधार माना है।