जयपुर। शरीयत में सरकारी दखल और तीन तलाक बिल के विरोध में बुधवार को शहर की मुस्लिम महिलाएं सड़कों पर उतरी और खामोश जुलूस निकालकर अपना संदेश दिया। मुस्लिम महिलाएं मुस्लिम मुसाफिर खाना पहुंची।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित अन्य संस्थाओं के आह्वान पर यह खामोश जुलूस चार दरवाजा से शुरू हुआ और रामगंज, घाटगेट, सांगानेर रोड होता हुआ मुस्लिम मुसाफिर खाना पहुंचा। जिसके बाद यहां एक सभा आयोजित की गई। आपको बता दें कि यह प्रदर्शन ट्रिपल तलाक कानून को वापस लेने या सेलेक्ट कमेटी में भिजवाने की मांग को लेकर किया जा रहा है।
आपको बता दें कि मंगलवार को बोर्ड सचिव मौलाना मोहम्मद महफूज उमरैन, वीमन विंग की नेशनल चीफ डॉ. असमा जोहरा, जयपुर से बोर्ड सदस्य यास्मीन फारूकी इस जुलूस की घोषणा की। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि तलाक और निकाह का कानून हमारी शरियत और कुरान में है और कुरान और शरियत के अनुसार तलाक और निकाह होता है। इसमें कोई गलत नहीं है। वहीं इससे पहले ही केंद्र सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए तीन तलाक पर रोक लगाने का बिल लोकसभा में पारित किया है।
कट्टरपंथी मुस्लिम महिलाओं को बरगला रहे हैं: तरुण सागर
जैन मुनि तरूण सागर ने इस मुस्लिम महिलाओं की नासमझी करार दिया है। उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक मुस्लिम महिलाओं के साथ अत्याचार है और जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं वो महिला विरोधी हैं। उन्होंने मुस्लिम महिलाओं की ओर से निकाले गए खामोश जुलूस पर कहा कि मुस्लिम महिलाओं ने दिमाग से काम नहीं लिया है। कुछ कट्टरपंथी लोग महिलाओं को बरगलाने का काम कर रही है जबकि सरकार का ये बिल मुस्लिम महिलाओं के हित में है।