-मुख्य सचिव सहित कई अफसरों ने विधानसभा में पेश होकर मांगी माफी
-प्रतिवेदन समय पर पेश नहीं किए जाने पर आसन ने दिए थे व्यक्तिगत हाजरी के निर्देश
जयपुर। राजस्थान के मुख्य सचिव सहित कई विभागों के सचिवों ने गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष उपस्थित होकर माफी मांगी और कहा कि आगे गलती नहीं होगी। विधानसभा में विभागों के वार्षिक प्रतिवेदन देरी से रखने के मामले में गुरुवार को अधिकारियों की पेशी थी। राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जबकि इतने आला दर्जे के अधिकारियों को विधानसभा में स्वयं पेश होकर माफी मांगनी पड़ी है।
पेश होने वाले अधिकारियों में मुख्य सचिव एनसी गोयल अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके गोयल और डी बी गुप्ता अन्य अधिकारी शामिल थे।
मुख्य सचिव ने देरी से प्रतिवेदन देने वाले विभागों के अफसरों की तरफ से माफी मांगी और भविष्य में इस प्रकार की गलती नहीं होने की बात भी कही। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ और विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र भी मौजूद रहे। विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने विधानसभा के इन अफसरों को भविष्य में वार्षिक प्रतिवेदन 15 फरवरी तक पेश करने की हिदायत दी।
हालांकि अधिकारियों ने विभागों के प्रतिवेदन देर से पेश होने को लेकर अपना स्पष्टीकरण भी विधानसभा अध्यक्ष को दिया। मुख्य सचिव ने इस बार विधानसभा का सत्र एक महीने पहले शुरू होने के कारण कुछ विभागों के वार्षिक प्रतिवेदन लेट होने की बात कही। हालांकि मुख्य सचिव और अतरिक्त मुख्य सचिव की ओर से विधानसभा अध्यक्ष के सामने पेश होकर क्षमा याचना करने के साथ ही यह प्रकरण समाप्त हो गया है।
वहीं राजस्थान विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब वार्षिक प्रतिवेदन देरी से आने के मामले में मुख्य सचिव और अतिरिक्त सचिवों को विधानसभा अध्यक्ष ने तलब करके लिखित में माफीनामा लिया हो। संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि अधिकारियों के स्पष्टीकरण और माफी मांगने के बाद विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने इस पूरे मामले में आगे किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई ना करने की बात कही है।