जानिए अपनी विधानसभा सीट: मालवीय नगर, जहां 2003 से भाजपा यहां अजेय

जानिए अपनी विधानसभा सीट: मालवीय नगर, जहां 2003 से भाजपा यहां अजेय

रोशनलाल शर्मा

जयपुर। मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र का परिसीमन ही ऐसा हुआ है कि इस सीट भाजपा को आज भी कोई चुनौती नहीं है। यही कारण है कि 2003 से अब तक भाजपा को कांग्रेस यहां शिकस्त नहीं दे पाई है। ये जरूर है कि कांग्रेस सरकार के समय हुए पार्षदों के चुनाव से यहां पर तीन पार्षद जीत गए थे। दरअसल मालवीय नगर विधानसभा सीट पुरानी जौहरी बाजार और बनीपार्क के हिस्सों को तोड़कर बनाई गई है। उसमें भी जो भाजपा के गढ़ होते हैं उनको इस सीट में शामिल किया गया है। जबकि कांग्रेस के परपरागत वोटर मुस्लिमों का एक बड़ा हिस्सा इसमें से हटाकर आदर्शनगर में जोड़ दिया गया है। इस वजह से यहां भाजपा एक तरफा चुनाव जीतती आ रही है।

1998 में ये सीट जौहरी बाजार के नाम से जानी जाती थी जिसमें कालीचरण सराफ कांग्रेस के तकीउद्दीन अहमद से हारे। इसका कारण इसमें शामिल मायनोरिटी थी। बाद में परिसीमन के मालवीय नगर से जौहरी बाजार के मायनोरिटी को हिस्से को हटा दिया। इसके बाद ये सीट सराफ ही नहीं भाजपा के लिए भी समीकरणों के हिसाब से पूरी तरह से सिक्योर सीट हो गई। पिछले दो चुनावों की स्थिति यदि देखी जाए तो 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के कालीचरण सराफ ने कांग्रेस के राजीव अरोड़ा को करीब 17 हजार से अधिक वोटों से हराया था। इसके बाद 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में कालीचरण सराफ ने कांग्रेस की अर्चना शर्मा को करीब 48 हजार से अध्किा वोटों से शिकस्त दी थी। कांग्रेस 2003 से अब तक यहां पर लोकसभा और विधानसाा में नहीं जीती। 2009 में सिर्फ अपने तीन पार्षद जिता पाई थी। महेश जोशी जब जयपुर से कांग्रेस के सांसद बने थे तब भी मालवीय विधानसभा सीट पर करीब 12 हजार वोटों से हारे थे। महेश जोशी पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट से करीब 70 हजार वोटों से हारे थे।

सराफ वर्तमान में प्रदेश में भाजपा के कद्दावर नेताओं में शामिल है, अत: उनकी दावेदारी या उमीदवारी को कोई मजबूत चुनौती भाजपा में दिखाई नहीं देती। वे खुद भी यदि चुनाव नहीं लड़ते हैं (जिसके आसार बहुत कम है) तो भी जिसको चाहेंगे चुनाव लड़ाएंगे। उसमें उनका पुत्र भी हो सकता है और महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा भी हो सकती हैं। इसके विपरीत कांग्रेस में यहां भी टिकटों की घमासान है। पिछले दिनों मेरा बूथ मेरा गौरव के कार्यक्रम में मालवीय नगर सीट पर भी कांग्रेसी दावेदारों में आपस में सिर फुटव्वल की नौबत आ गई थी और ये सब हुआ प्रदेश के प्रभारी सचिव विवेक बंसल की मौजूदगी में।

बीजेपी के सर्वे में 65 जीती हुई सीटों में शामिल

भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में एक सर्वे कराया है जिसमें वह साफतौर पर 65 सीटों पर तो आराम से चुनाव जीत रही है। इन 65 सीटों में मालवीय नगर सीट को भी शामिल किया गया है और 65 में से यह सीट 9वें या 10वें नबर पर मानी गई है।

ये हैं कांग्रेस के दावेदार

कांग्रेस में यहां से पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा, प्रदेश महिला कांग्रेस की प्रवक्ता और प्रदेश कांग्रेस की मीडिया पैनेलिस्ट सोनाक्षी वशिष्ठ, पवन गोयल, एडवोकेट मोहित सोनी, बुनकर संघ के अध्यक्ष रहे महेश शर्मा, विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील शर्मा, पुराने कांग्रेस कार्यकर्ता केके हरितवाल, युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता रहे कमल शर्मा और पंकज काकू प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं। एक अन्य दावेदार गिरीश पारीक तो यहां पर दावेदारी के चक्कर में लाखों रुपए खर्च करके अपना जन्मदिन भी मना चुके हैं जिसमें क्षेत्रवासियों ने दावत तक उड़ाई थी। सोनाक्षी वशिष्ठ का जो बॉयोडाटा देखने को मिला है उसकी खुबसूरती को लेकर कांग्रेस नेताओं में चर्चा है। वशिष्ठ गांधीवादी पत्रकार चिरंजीवी जोशी सरोज की भतीजी है।

ये हैं भाजपा के दावेदार

वर्तमान सरकार में प्रथम पांच में शामिल चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ यहां से फिर सबसे प्रमुख दावेदार हैं। यदि कोई बड़ी पॉलिसी आ गई और वर्तमान मंत्रियों के टिकट काटने की नौबत आई जिसकी संभावना जताई जा रही है तो भी कालीचरण ही तय करेंगे कि यहां से किसको विधायक बनना है। ऐसे में वे अपने बेटे को या फिर महिला आयोग की अध्यक्ष व पूर्व पार्षद सुमन शर्मा को चुनाव लड़ा सकते हैं। इसके अलावा भाजपा में यहां किसी की दावेदारी नजर नहीं आती।

ये है जातीय समीकरण

मालवीय नगर सीट में नगर निगम के 9 वार्ड शामिल है। यहां पर कुल वोटर करीब 2 लाख 15 हजार हैं। सबसे अधिक एससी एसटी के करीब 50 हजार वोट हैं। इसके बाद यहां पर ब्राह्मणों की संया 40 से 45 हजार के आसपास बताई जा रही है। वैश्य यहां करीब 40 हजार की संया में है और ओबीसी व अन्य जातीय शेष बचे हुए मतदाताओं में शामिल है।

क्षेत्र सीमा

ज्योतिबा फुले के पीछे वाला हिस्सा, महेश नगर, बरकत नगर, महावीर नगर, टोंक रोड, नंदपुरी, होटल हिल्टन के पीछे वाला हिस्सा, बाइस गोदाम, हाईकोर्ट सर्किल से पांच बत्ती, अजमेरी गेट से सांगानेरी गेट बीएमबी तक, राम निवास बाग का हिस्सा, जेएलएन मार्ग, एमडी रोड, राजापार्क, तिलक नगर, बिडला मंदिर, झालाना क्षेत्र जवाहर सर्किल, रेडिसन ब्लू आदि इलाका इसमें शामिल है।

स्थानीय मुद्दे

खास बात यह है कि यहां कोई स्थानीय मुद्दा हावी नहीं है। यहां पर विचारधारा का चुनाव होने वाला है। क्षेत्र में विकास की कमी नहीं है। ये विकास ऐसा नहीं है कि सिर्फ भाजपा सरकार में ही हुआ है। कांग्रेस सरकार में भी यहां काम हुए लेकिन चूंकि सराफ यहां से एमएलए बनते आ रहे हैं तो क्रेडिट भी उन्हीं हो जाएगा। क्षेत्र में साफ सुथरी सड़कें, ऊंचे भवन, अच्छे पार्क सब कुछ उपलब्ध है। हां अवैध निर्माण और अतिक्रमण मुद्दा हो सकता है उसमें सराफ पर ये आरोप लगते हैं कि उन्होंने अपने लोगों की तरफ से आंखें मूंद रखी है लेकिन ये सराफ की अपनी स्टाइल है।

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