~शिक्षा, साहित्य और समाज सेवा को समर्पित रेनू ने लिया आज ही के दिन देहदान का संकल्प
*रेनू शर्मा ‘शब्दमुखर’ द्वारा संपादित देश-विदेश की ख्यातनाम 131 कवयित्रियों के साझा काव्य संग्रह ‘शब्दों का कारवां’का विमोचन
जयपुर। सामाजिक सरोकारों को समर्पित सम्पर्क संस्थान(रजि.) के तत्वा वधान में कवयित्री रेनू शर्मा ‘शब्दमुखर’ द्वारा संपादित देश-विदेश की ख्यातनाम 131 कवयित्रियों के साझा काव्य संग्रह ‘शब्दों का कारवां’का विमोचन गुलाबी नगरी जयपुर के होटल सफारी में मुख्य अतिथि पूर्व अध्यक्ष राज०साहित्य अकादमी वेद व्यास के मुख्य आतिथ्य वरिष्ठ पत्रकार व संयुक्त सचिव सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (रिटा.) प्यारे मोहन त्रिपाठी की अध्यक्षता में समारोह पूर्वक सम्पन्न हुआ।
इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि हिन्दी प्रचार-प्रसार संस्थान के अध्यक्ष डॉ०अखिल शुक्ला, संपर्क संस्थान के अध्यक्ष अनिल लढ़ा ,राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान की अध्यक्ष डॉ जयश्री शर्मा, स्पंदन शैक्षणिक संस्थान की अध्यक्षश्रीमती नीलिमा टिक्कू थे।
अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर व विमोचन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया । इस अवसर पर देश के विभिन्न स्थानों से आई सभी कवियत्रियो को संपर्क शब्द सम्मान से नवाजा गया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार वेद व्यास को साहित्य में उनकी सेवाओं के लिए संपर्क श्री अवार्ड दिया गया।इस दौरान अतिथियों ने संपादक रेनू शर्मा को संपर्क साहित्य सम्मान देते हुए शाल और स्मृति चिह्न प्रदान किया । संपर्क संस्थान के अध्यक्ष अनिल लढ़ा ने अपने स्वागत वक्तव्य में संपर्क के सामाजिक सरोकार एवं समाजसेवा के अपने उद्देश्यों को बताते हुए कहा कि संस्थान जल्द ही 500 कवयित्रियों का एक महाकुंभ जुलाई में जयपुर में आयोजित करेगा।
संपादक रेनू शब्द मुखर ने बताया कि संपादक के रूप में मेरा अनुभव रहा कि आज भी नारी अपनी खुशियों को जीने में संघर्ष कर रही है।उन्होंने बताया कि शिक्षा, साहित्य,और समाज सेवा उनके जीवन का धेय्य है वह अंतिम सांस तक इसी कार्य में लगी रहेगी
मुख्य अतिथि वेदव्यास ने साहित्य को सुधा बताते हुए कहा कि इसका जितना अध्ययन किया जाए उतना ही कम है।
आज के दौर में जितना प्रदर्शन दूसरे क्षेत्रों में हो रहा है खुशी की बात है कि साहित्य के प्रति लोगों में निष्ठा और आस्था आज भी बरकरार है,बताया।
कार्यक्रम अध्यक्ष प्यारे मोहन त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में संपर्क संस्थान के साहित्य क्षेत्र में बढ़ते हुए कदमों को काबिले तारीफ बताते हुए कहा कि इससे साहित्य सृजन क्षेत्र में सभी कवयित्रियों को ऊर्जा मिलती है।
विशिष्ट अतिथि डॉ जयश्री शर्मा ने रेनू को बधाई देते हुए कहा कि साहित्य को मंच देना और साहित्य लिखना टेडी खीर है,बताते हुए कहा कि महिला साहित्यकारों को कई मोर्चो अपनी साख कायम करने के जद्दोजहद में थकना नहीं है, उन्हें बेबाक एवं सच कहने की काबिलियत विकसित करनी होगी।
नीलिमा टिक्कू ने शब्दों के कारवां की भूरि- भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि इसमें प्रतिष्ठित कवयित्रियों के साथ नवोदित को स्थान देकर उनकी साहित्य सृजन की लगन को द्विगुणित करने के प्रयास किया गया है । सहसचिव हिमाद्रि वर्मा डोई ने आभार व्यक्त किया । संचालन विजयलक्ष्मी जांगिड़ ने किया