पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी गई सुविधाएं वापस ली

पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी गई सुविधाएं वापस ली

-महाधिवक्ता ने दी हाईकोर्ट में जानकारी

-पहाडिया को नोटिस, वसुन्धरा राजे को विधायक के रूप में 13 नम्बर बंगला मिला, गाड़ी व अन्य सुविधाएं वापिस ली गईं
जयपुर। आखिरकार वरिष्ठ पत्रकार मिलापचंद डांडिया की मेहनत रंग लाई और पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी गई आजीवन मुफ्त सुविधाएं वापस ले ली गई हैं।
राजस्थान के एडवोकेट जनरल ने सोमवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में द टेलीग्राफ, एशियन एज, रविवार, इकॉनामिक टाइम्स आदि प्रतिष्ठित राष्ट्रीय समाचार पत्रों के विशेष संवाददाता रहे वरिष्ठ पत्रकार मिलाप चन्द डांडिया द्वारा सरकार के विरुद्ध दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान दी।

उल्लेखनीय है कि मई 2017 में तत्कालीन सरकार ने राजस्थान मंत्री वेतन अधिनियम में संशोधन कर पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन मुफ्त सरकारी आवास, मोटर गाड़ी, घरेलू नौकरों सहित दस व्यक्तियों का स्टाफ या इनकी एवज में प्रति माह निर्धारित धन राशि की व्यवस्था की थी। इसके विरुद्ध मिलापचन्द डांडिया द्वारा एक जनहित याचिका दायर कर उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि ऐसी व्यवस्था संविधान के विरुद्ध है अत: इसे अवैध घोषित किया जाए। उच्च न्यायालय ने याचिका में प्रस्तुत दलीलें स्वीकार कर मंत्री संशोधन विधेयक अवैध घोषित कर दिया था। डांडिया की ओर से एडवोकेट विमल चौधरी ने उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति तब ही राज्य के मुख्य सचिव को भेज कर अनुरोध किया था कि वे उच्च न्यायालय के आदेश की अनुपालना कराएं। तीन माह तक जब सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की तो डांडिया की ओर से मुख्य सचिव तथा राज्य सरकार के विरुद्ध अदालत की अवमानना का प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया। अवमानना याचिका सुनवाई के लिए आती उससे पहले राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर दी परन्तु सर्वोच्च न्यायालय ने उसे सिरे से खारिज कर दिया।
सोमवार को राजस्थान उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल ने अदालत को सूचित किया कि पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाडिया को मकान खाली करने के लिए नोटिस जारी कर दिया है तथा वसुंधरा राजे को सिविल लाइन्स का बंगला नं. 13 जो पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में अलाट किया था अब विधायक के रूप में दे दिया गया है तथा स्टाफ गाड़ी कि जो सुविधाएं दी गई थी वे वापस ले ली गई हैं।

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