अवसर: मधु ने पहली बार जेएलएफ में पढ़ी अपनी अपनी कविताएं

अवसर: मधु ने पहली बार जेएलएफ में  पढ़ी अपनी अपनी कविताएं

जयपुर। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कवियत्री मधु शर्मा द्वारा पहली बार कविताएं पढ़ी गई। मधु शर्मा की कविताएं जिन्दगी के अहसासों को समझकर, उसे कविता के रूप में कही गयी है, ऐसा प्रतीत होता है। कविताएं जिन्दगी से जुड़े रिश्तों का ताना बाना है।

कवियत्री का संवेदनशील मन मोह के धागों को पकड़ कर रखना चाहता है। बातचीत के दौरान कवियत्री ने बताया कि स्कूल के समय से उन्हें लिखने का शौक रहा है और धीरे धीरे समय के साथ लेखन ने जिन्दगी के अनुभवों से परिपक्कवता भी हासिल कर ली। रिश्ते उनकी जिन्दगी में बहुत अहमियत रखते है और सबसे खूबसूरत रिश्ता एक माँ से अपने बच्चे का होता है।

आज प्रस्तुत की गई एक मार्मिक कविता में मधु ने सीमा पर देश की रक्षा कर रहे सैनिक द्वारा शहादत के पूर्व अपनी मां और परिजनों को लिखे संदेश में अपने मन के भावों को किस तरह व्यक्त करता है, मधु ने उसे बड़े मार्मिक तरीके से दिल की गहराइयों तक छूने वाले शब्दों में पिरोया है। बेटी के ऊपर लिखी हुई कविता के जरिये एक पिता का किरदार जीते हुए कहा बेटी की विदाई के बाद भी उसका नाम घर के आंगन में खुदा रहता है।

परिचय: कवियत्री मधु शर्मा होम साइन्स में एम.एस.सी हैं और चाइल्ड डवलपमेंट इनका सब्जेक्ट रहा है। बचपन से लेकर कालेज तक खेलकूद में इनकी रूचि रही। लान टैनिस में स्कूल टाइम में भी इन्होंने राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया। ललित शर्मा से विवाह बंधन में बंधने के बाद हिन्दी में एमए किया। फिर वोकल म्यूजिक में विशारद किया। मॉस कम्युनिकेशन में डिप्लोमा भी किया है। दूरदर्शन पर भी प्रोग्राम एंकर और न्यूज रीडर भी रही है।

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