पचपदरा में समीक्षा बैठक : प्रदेश में रिफाइनरी के साथ ही नए तेल अन्वेषण कार्यों को भी प्राथमिकता – मुख्यमंत्री

पचपदरा में समीक्षा बैठक : प्रदेश में रिफाइनरी के साथ ही नए तेल अन्वेषण कार्यों को भी प्राथमिकता - मुख्यमंत्री

बाड़मेर, 16 मार्च। राज्य सरकार बाड़मेर के पचपदरा में रिफाइनरी की स्थापना के साथ-साथ प्रदेश में नए तेल अन्वेषण कार्यों को भी प्राथमिकता दे रही है। इससे रिफाइनरी में तेल शोधन शुरू होने के बाद स्थानीय स्तर पर ही पर्याप्त क्रूड ऑयल उपलब्ध हो सकेगा और प्रदेश के बाहर से तेल का आयात नहीं करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सोमवार को पचपदरा में एचपीसीएल एवं राजस्थान सरकार के संयुक्त उपक्रम एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी के निर्माणाधीन कार्यों की समीक्षा बैठक में यह बात कही।

श्री गहलोत ने कहा रिफाइनरी का निर्माण कार्य निर्धारित समय पर पूरा करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस कार्य के लिए आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति में इसमें किसी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने रिफाइनरी प्रोजेक्ट की बिंदुवार विस्तृत समीक्षा की और कहा कि इस प्रोजेक्ट के विभिन्न चरणों के कार्य तय समय पर पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने रिफाइनरी क्षेत्र में आवश्यकता के अनुसार पानी एवं बिजली आपूर्ति की व्यवस्था पर भी व्यापक चर्चा की।

स्थानीय लोगों को मिले रोजगार में प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने रिफाइनरी के निर्माणाधीन कार्यो का मौके पर अवलोकन भी किया। उन्होंने विभिन्न निर्माण कार्यों में तकनीकी गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। श्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार यहां पेट्रो केमिकल हब की भी स्थापना करने जा रही है, जिसके चलते बड़े क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना होगी। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी के निर्माण में स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता दी जाएगी। विभिन्न कौशल विकास कार्यक्रमों के जरिए स्थानीय युवाओं को तकनीकी क्षेत्र में प्रक्षिशित किया जाएगा, जिससे वे पेट्रो केमिकल क्षेत्र में अपना भविष्य संवार सकेंगे।

राज्य का चहुंमुखी विकास होगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

श्री गहलोत ने कहा कि करीब एक चौथाई कार्य प्रगति पर है और करीब 20 हजार करोड़ रूपए के कार्यों की निविदा जारी की जा चुकी है। अब तक लगभग 3 हजार करोड़ रूपए व्यय हो चुके हैं। वर्तमान में यहाँ 3800 कर्मचारी नियोजित हैं, लेकिन इस प्रोजेक्ट में करीब 35 हजार लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि नौ मिलियन टन उत्पादन क्षमता वाली राजस्थान रिफाइनरी देश की सबसे बड़ी रिफाइनरियों में से एक है और इसके बनने से राज्य का चहुंमुखी विकास होगा। रिफाइनरी का कार्य पूर्ण होने से राज्य की आय में बढ़ोतरी होने के साथ-साथ यहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

प्रशिक्षण केन्द्र और जन सुविधाओं के विकास कार्य शीघ्र पूरे हों

मुख्यमंत्री ने रिफाइनरी निर्माण के दौरान ही स्थानीय स्तर पर बेहतर जनसुविधाओं का विकास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एचपीसीएल सीएसआर के अंर्तगत साजियाली गांव को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण समय पर पूर्ण करे तथा रिफाइनरी के पास उच्च स्तरीय स्कूल एवं चिकित्सालय भी बनाए, ताकि स्थानीय लोगों को इसका फायदा मिल सके। उन्होंने पचपदरा में एचपीसीएल एवं आरएसएलडीसी द्वारा प्रस्तावित कौशल विकास केंद्र भी शीघ्र शुरू करने को कहा, ताकि स्थानीय युवा प्रशिक्षण लेकर रिफाइनरी में रोजगार हासिल कर सकें। बैठक में एचपीसीएल के अध्यक्ष एवं प्रबध निदेशक श्री एमके सुराणा ने पावर-प्वाइंट प्रजेन्टेशन के जरिए निर्माणाधीन प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी दी। राजस्थान रिफाइनरी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री शेखर गायकवाड़ ने क्रूड ऑयल के रिफाइनरी में आने तथा तेल शोधन की प्रक्रिया, रिफाइनरी से निकलने वाले पेट्रो उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर राजस्व मंत्री श्री हरीश चौधरी, विधायक श्री मदन प्रजापत, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री गोविन्द शर्मा, प्रमुख शासन सचिव खान एवं पेट्रोलियम श्री कुंजीलाल मीणा, निदेशक खान श्री गौरव गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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