लॉक डाउन खोलने को लेकर राजस्थान सरकार गंभीर।
दिल्ली में तबलीगी जमात की सूचना पर भी लोगों को बाहर क्यों नहीं निकाला।
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार के सामने कई सवाल रखे।
भीलवाड़ा के लिए डॉक्टर की गलती को माना।
दो वर्ष के लिए सरकारी विज्ञापनों पर रोक।
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जयपुर। कोरोना वायरस के प्रकोप और देशव्यापी लॉकडाउन के मद्देनजर 7 अप्रैल को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस कॉन्फ्रेंस में गहलोत ने कहा कि राजस्थान देश का पहला राज्य है जहां सबसे पहले लॉकडाउन लागू किया गया। सरकार ने कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए जो कदम उठाए हैं। उन्हें देखते हुए ही केन्द्र सरकार ने भीलवाड़ा जिले को मॉडल बनाया है। गहलोत ने माना कि 21 दिन का लॉकडाउन बहुत लम्बा होता है, इस लॉकडाउन की वजह से उद्योग, कारखाने कारोबार, शिक्षा आदि सभी कुछ ठप हो गया है। मैं लोगों की परेशानी को समझता हंू। इसलिए राजस्थान में लॉकडाउन खोलने को लेकर दो टास्क फोर्स गठित किए गए हैं। एक फोर्स लॉकडाउन कैसे खुले और दूसरा फोर्स आर्थिक स्थिति पर अध्ययन कर रहा है। अभी तक हम केन्द्र सरकार की गाइड लाइन का पूरी तरह पालन कर रहे हैं। लेकिन यह देखा गया है कि कोरोना वायरस की स्थिति प्रदेशवार अलग अलग है। हालांकि हर सरकार का पहला दायित्व लोगों की जान बचाना है, लेकिन लॉकडाउन को खोलने के संबंध में राज्य सरकार अपना निर्णय भी ले सकती है। जिन जिलों में कोरोना का प्रकोप कम है, वहां लोगों को चरणबद्ध राहत दी जा सकती है। लेकिन लॉकडाउन खोलने से पहले केन्द्र सरकार से भी विचार विमर्श किया जाएगा।
जमात प्रकरण की जांच हो:
प्रेस कॉन्फ्रेंस में गहलोत ने माना कि दिल्ली में तबलीगी जमात की बैठकों की वजह से देशभर में पॉजिटिव केस की संख्या बढ़ी। चूंकि कुछ लोगों की गलती का परिणाम पूरा देश भुगतन रहा है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच करवाई जाए। जांच इस बात की भी होनी चाहिए कि जब जमात के पदाधिकारियों ने सूचना दे दी थी, तब लोगों को बाहर क्यों नहीं निकाला गया। क्या दिल्ली सरकार के अधिकारियों अथवा पुलिस ने कोई लापरवाही बरती? उन्होंने कहा कि दोषी लोगों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।
17 हजार करोड़ रुपए की कटौती:
कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनजर केन्द्र सरकार से सहयोग मिलने के संदर्भ में गहलोत ने कहा कि पिछले वर्ष ही राजस्थान के हिस्से की राशि में से 17 हजार करोड़ रुपए की कटौती की गई है। केन्द्र सरकार सहयोग करे या नहीं, लेकिन राजस्थान में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोएगा। लोगों की मदद करने के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। केन्द्र सरकार से आग्रह किया गया था कि नरेगा श्रमिकों को एडवांस भुगतान कर दिया जाए। लेकिन सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। गहलोत ने बताया कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि कोरोना वायरस से जुड़े विज्ञापनों को छोड़कर सभी प्रकार के सरकारी विज्ञापनों पर रोक लगाई जाए। इसी प्रकार मंत्रियों के विदेश दौरे पर भी रोक लगाई जाए। गहलोत ने कहा कि श्रीमती गांधी के इस पत्र पर केन्द्र सरकार ने अभी तक भी कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन राजस्थान में इस सुझाव पर अमल किया जाएगा। गहलोत ने कहा कि अब राजस्थान में अलग दो वर्षों तक सरकार के प्रचार प्रसार का कोई विज्ञापन मीडिया में नहीं दिया जाएगा तथा साथ ही कोई मंत्री विदेश दौरे पर नहीं जाएगा। गहलोत ने माना कि भीलवाड़ा के बांगड़ अस्पताल के एक डॉक्टर की गलती की वजह से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ा।
सोनिया के सुझाव गहलोत सरकार ने लागू किये
