96 हजार मजदूर को पहुंचाया उनके राज्य

96 हजार मजदूर को पहुंचाया उनके राज्य

-एक मिलियन से भी ज्यादा मजदूरों ने विविध राज्यों से राजस्थान आने के लिए कराया पंजीकरण

जयपुर। कोविद-19 ने पूरी दुनिया में आवाजाही को पिछले कुछ महीनों से अपंग कर दिया है। जिस कारण लाखों प्रवासी मजदूर देश के कई हिस्सों में फंस गए थे। शुरुआत में उन पर किसी का ध्यान नहीं गया जिस कारण उनमें से हजारों लोग अपने गांव तक पहुंचने के लिए मीलों का सफर पैदल पूरा करने के लिए निकल गए थे। जिसके परिणामस्वरूप पूरे भारत में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई।

शुरुआती दौर में बसों को चलाया गया परंतु बाद में देश भर में ट्रेनों की आवाजी शुरू करने मांग की गई। अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ने इन प्रवासी मजदूरों की परिवहन प्रक्रिया को आसान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जैसे ही रेलवे परिवहन की अनुमति प्राप्त हुई, राजस्थान सरकार ने मजदूरों के साथ-साथ कोटा में फंसे छात्रों को भी बाहर निकालना शुरू कर दिया, जिसे भारत का शिक्षा केंद्र भी कहा जाता है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के नेतृत्व में पैनल इस आवाजाही पर नजर रख रहा है और फंसे हुए मजदूरों की आसान यात्रा सुनिश्चित करने के लिए अन्य राज्यों के साथ लगातार संपर्क में है। सुबोध अग्रवाल, एसीएस ने कहा, हम अपने मजदूरों को वापिस लानेे व भेजने के लिए अन्य राज्यों के साथ संपर्क में हैं। यह वह समय है जब हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर नागरिक को खाना मिले और बिना किसी परेशानी के वह अपने घर पहुंचे। हम इस आवाजाही की निगरानी कर रहे हैं और हर दिन इस काम के लिए चलाई गई बचाव रेलगाडिय़ां मजदूरों को स्थानांतरित कर रही हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व्यक्तिगत रूप से इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं और उन्होंने सख्ती से निर्देशित किया है कि कोई भूखा नहीं सोउगा।

अब तक, लगभग 96,000 प्रवासी मजदूरों को कई घरेलू राज्यों में ले जाया जा चुका है और यात्रा के लिए दैनिक ट्रेनों को तैनात किया गया है। अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार द्वारा भोजन, मास्क, सेनेटाइजर की सुविधाओं के साथ मजदूरों के परिवहन पर ध्यान दिया जा रहा है। यह यात्राएं सख्त निगरानी में की जा रही है और सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। विशेष रेलवे स्टेशनों पर सभी यात्रियों की जांच मेडिकल टीमों द्वारा की जा रही है।

सरकार को परिवहन की अनुमति मिलने के बाद विशेष रूप से 8,12,423 मजदूरों ने रेलगाडिय़ों से यात्रा करने और अपने गृह राज्यों तक पहुंचने के लिए पंजीकरण कराया है। दूसरी ओर 10,64,417 मजदूरों ने भारत के अलग-अलग हिस्सों से राजस्थान पहुंचने के लिए पंजीकरण कराया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव और मजदूरों और छात्रों के परिवहन की देखभाल के लिए गठित समिति के प्रमुख सुबोध अग्रवाल ने कहा कि आने वाले दिनों में, लाखों मजदूरों को उनके घरेलू राज्यों में भेजा जाएगा और इतने ही लोगों को राजस्थान वापस भी लाया जाएगा। हम आशा करते हैं कि यह सारी आवाजाही बिना किसी परेशानी के पूरी जाएगी, जैसी कि हमने योजना बनाई है। औरंगाबाद में एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद, हमने इन फंसे हुए मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।

राजस्थान सरकार ने कई प्रक्रियाओं के माध्यम से फंसे हुए लोगों का पंजीकरण शुरू किया है ताकि उनको राजस्थान (इनवर्ड/ आउटवर्ड) वापिस लाया जा सकें या उनके राज्य भेजा जा सकें। इस पंजीकरण का काम ई-मित्र के माध्यम से हो रहा है जहां ऐसे लोग अपने माइग्रेशन या प्रवासन के लिए अनुरोध दायर कर सकते हैं। कोई भी फंसा हुआ नागरिक अपने दस्तावेजों के साथ सभी प्रासंगिक विवरण प्रदान करके ई-मित्र पोर्टल पर पंजीकरण कर सकता हैं या +181/18001806127 का उपयोग करके भी पंजीकरण कर सकते हैं।

इस प्रक्रिया में अगला कदम डीएम द्वारा ई-पास / ई-एनओसी की सिफारिश होगी। जैसे ही अनुरोध प्रस्तुत किया जाएगा या पंजीकरण किया जाएगा, यह अपने आप व्यवस्थित रूप से जिला मजिस्ट्रेट के राजएसएसओ-एचई- मित्र पोर्टल पर आ जाएगा। जिसके बाद प्रवासियों को ई-एनओसी (इनवर्ड) /ई-पास (आउटवर्ड) जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *