जन-जागरूकता अभियान की वर्चुअल लॉन्चिंग
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने Óकोई भूखा ना सोएÓ के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए प्रदेश केे नगरीय क्षेत्रों में इंदिरा रसोई योजना की शुरूआत की घोषणा की है। इस योजना के तहत जरूरतमंद लोगों को दो समय का शुद्ध पौष्टिक भोजन रियायती दर से उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस योजना पर प्रति वर्ष 100 करोड़ रुपए खर्च करेगी। गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राज्य स्तरीय कोविड-19 जागरूकता अभियान की वर्चुअल लॉन्चिंग को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा तैयार पांच तरह के जागरूकता पोस्टर, ऑडियो जिंगल तथा जागरूकता वीडियोज की लॉन्चिंग की। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा यूएनएफपीए द्वारा जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से तैयार की गई पांच मोबाइल वैन को भी हरी झंडी दिखाई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, इसलिए सभी को आत्म अनुशासन और संयम बरतते हुए आपस में दो गज की दूरी, मास्क पहनने, नियमित अंतराल पर हाथ धोने और सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूकने के मूल मंत्र का लगातार पालन करना होगा। गहलोत ने कहा कि कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है लेकिन सावधानी रखना आवश्यक है। किसी तरह की लापरवाही समस्या को और नहीं बढ़ाए इसी उद्देश्य से प्रदेश भर में दस दिवसीय यह जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। गहलोत ने कहा कि तीन महीनेे पहले प्रदेश में कोरोना टेस्ट की सुविधा नहीं थी लेकिन आज हमने प्रतिदिन 25 हजार टेस्ट करने की क्षमता विकसित कर ली है। पड़ोसी राज्यों को भी हमने अपने यहां जांच कराने की पेशकश की है। देश में जहां प्रति दस लाख की आबादी पर 4887 टेस्टिंग हो रही है, वहीं राजस्थान में यह 8389 है। राष्ट्रीय औसत 3.28 प्रतिशत की तुलना में हमारे यहां कोरोना से मृत्यु दर केवल 2.32 प्रतिशत ही है। देश में जहां कोरोना से रिकवरी रेट 54 प्रतिशत है वहीं राजस्थान में यह 78 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान 78 लाख से अधिक पेंशनर्स को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत 2800 करोड़ रूपये पेंशन राशि का वितरण, 31 लाख बीपीएल, स्टेट बीपीएल, अंत्योदय निर्माण श्रमिकों एवं असहाय लोगों को ढ़ाई-ढ़ाई हजार रूपये की नकद सहायता, 39 लाख परिवारों को सूखे राशन किट वितरण, 4 करोड़ से अधिक पके हुए खाने के पैकेट वितरित करने जैसे कार्यों के माध्यम से प्रदेश के हर वर्ग का ख्याल रखा गया।
हर नागरिक जिम्मेदार बने
गहलोत ने कहा कि जागरूकता अभियान का मुख्य उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को इस बीमारी के प्रति जागरूक कर जिम्मेदार बनाना है। हमारी छोटी सी भी भूल इस समस्या को बढ़ा सकती है। राज्य सरकार इस बीमारी के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं आने देगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि इस बीमारी से बचाव के लिए जरूरी है कि हम सभी सोशल डिस्टेंसिंग के प्रोटोकॉल की पालना करें। अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रोहित कुमार सिंह ने कहा कि इस अभियान में प्रदेश का हर व्यक्ति अपने नागरिक धर्म का पालन करते हुए सहयोग करे। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी ने जागरूकता अभियान में प्रदेश के सभी सरकारी विभागों से अधिकाधिक भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश के गांव-ढ़ाणियों तक स्थानीय बोलियों में जागरूकता फैलाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म का उपयोग कर आमजन को जागरूक किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, एसीएस सार्वजनिक निर्माण वीनू गुप्ता, एसीएस उद्योग सुबोध अग्रवाल, एसीएस वित्त निरंजन आर्य, एसीएस ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राजेश्वर सिंह, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभय कुमार, मिशन निदेशक एन.एच.एम नरेश ठकराल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
11500 लोकेशन से आमजन ने सुना सीएम का संदेश
अभियान की लॉन्चिंग के दौरान लोगों ने प्रदेशभर की करीब 11 हजार 500 लोकेशन्स से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मुख्यमंत्री का संदेश सुना। कार्यक्रम को फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब सहित अन्य डिजिटल माध्यमों पर लाइव प्रसारित किया गया।