हार्स ट्रेडिंग पर बोले गहलोत: जैसे बकरा मंडी में बकरे बिकते हैं, उस ढंग से खरीदकर राजनीति करना चाहते हैं

हार्स ट्रेडिंग पर बोले गहलोत: जैसे बकरा मंडी में बकरे बिकते हैं, उस ढंग से खरीदकर राजनीति करना चाहते हैं

अब अगर कोई गद्दार निकलता है, जो पार्टी के नाम से जीतकर आए हैं, पार्टी ने उनको पहचान दी है, पार्टी ने बड़े-बड़े पद दिए हैं, एमएलए बना दिया, एमपी बना दिया, मंत्री बना दिया सबकुछ कर दिया, अब अगर हम गद्दारी करते हैं तो राजस्थान की जनता उनको कभी माफ नहीं करेगी।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रेस वार्ता ज्यौं की त्यौं
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बीजेपी और इनके नेताओं ने मानवता और इंसानियत की सारी हदें तोड़ दी। एक तरफ तो हम जीवन और आजीविका बचाने में लगे हुये है और दूसरी तरफ ये लोग सरकार गिराने में लगे हुये है। मुझे और मेरे साथियों को, जो मंत्रिमंडल के साथी हैं, विधायक हैं, कांग्रेस के नेता हैं सबको सरकार बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। हमारा ध्यान पूरी तरह कोरोना की जंग पर होना चाहिए और उसी में हम लोग लगे हुए हैं। रोज रिव्यू मीटिंग करते हैं, वीसी करते हैं, पूरे राजस्थान के हर वर्ग से मैंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया है और ये लोग सरकार कैसे गिरे, किस प्रकार से तोड़-फोड़ करें, खरीद-फरोख्त करें, इन तमाम कामों में लगे हुए हैं।
अरुणाचल प्रदेश में हमारे विधायकों की संख्या 60 में से 42 थी, सारे विधायकों को उन्होंने खरीद लिया और सरकार बदलवा दी, एक तो एक्स चीफ मिनिस्टर को इन लोगों के कारण से सुसाइड करना पड़ा। उत्तराखंड में लालच देकर लोगों को बीजेपी में ले जाया गया और आज उत्तराखंड में जो सरकार है उसमें से 5 मंत्री वो हैं जो कांग्रेस से गए थे और महाराष्ट्र में तो कमाल ही हो गया, जब सरकार बनी, मेज्योरिटी नहीं थी तब भी सुबह-सुबह शपथ दिला दी गई और मोदीजी ने भी सुबह 7 बजे शपथ लेते ही बधाई का ट्वीट कर दिया और देवेन्द्र फडनवीस ने वापस ट्वीट किया मोदी है तो मुमकिन है। कर्नाटक में भी ऐसे ही हुआ, मेज्योरिटी नहीं थी लेकिन येदियुरप्पा को शपथ दिला दी गई, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार को वापस इस्तीफा देना पड़ा, पर ये लोग चूके नहीं, वहां भी वापस खरीद-फरोख्त करके सरकार बनाई गई। मध्यप्रदेश में सबको मालूम है किस्से-कहानी क्या-क्या हुए। लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर बेशर्माई से तख्ता पलट करवा रहे हैं। जिसमें दुर्भाग्य से इनको गर्व महसूस होता है।
इनकी सोच दर्शाती है 5 साल तक राधाकृष्ण विखे पाटिल जो कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष थे 2019 में चुनाव के दो महीने पहले उनको शामिल करवा दिया गया बीजेपी के अंदर और मंत्री बना दिया। मैं उम्मीद करता हूं गुलाबचंद कटारिया की ये सोच नहीं होगी। वो आरएसएस के खांटी नेता हैं, बीजेपी के बहुत सीनियर नेता हैं और न हम उनको लेने वाले हैं। सतीश पूनिया जी हों, राजेंद्र राठौड़ जी हों राजस्थान में सरकार को गिराने के लिए ये अपने केंद्रीय नेताओं के इशारे पर जिस प्रकार का खेल खेल रहे हैं ये तमाम बातें जनता के सामने आ चुकी हैं, जनता समझ गई है और किस प्रकार से कभी एडवांस में 10 करोड़ रुपए लो, सरकार गिर जाएगी तो फिर आपको 15 करोड़ रुपए देंगे, कोई बहुत करीबी हैं तो कहेंगे आपके लिए तो एक्स्ट्रा ध्यान रख लेंगे। पता नहीं क्या-क्या ये बातें फैला रहे हैं, वादे कर रहे हैं, कोई सोच ही नहीं सकता।
बीएसपी को लेकर कमेंट करते हैं कि बीएसपी को आपने मिलाया तो बीएसपी पूरी मर्ज हुई है हमारे यहां पर, कोई हॉर्स ट्रेडिंग नही हुई। कानून कहता है दो तिहाई बहुमत है किसी पार्टी का, अगर वो अलग होना चाहता है तो हो सकता है, पर जिस रूप में इन्होंने जो खेल खेला है और खेल खेल रहे हैं, वो सबके सामने है। राजस्थान के अंदर भी एक माहौल ऐसा बनाया गया है कि जिस प्रकार मध्यप्रदेश के अंदर घटनाएं हुई हैं, उसी प्रकार से राजस्थान में कैसे खेल खेलें क्योंकि राजस्थान आज तक भी बचा रहा, अच्छी परंपरा रही है। सरकारें बदलती रहती हैं, कांग्रेस की आ जाए, फिर बीजेपी की आ जाए, हमारी दृष्टि में जनता का आदेश शिरोधार्य होता है। आज तक की परंपरा में मैंने कभी भी नहीं देखा जैसे अन्य प्रदेशों में हॉर्स ट्रेडिंग हुई है, वैसे राजस्थान में हमारे यहां कभी नहीं हुई। यहां कभी भी विधायकों ने इस्तीफे नहीं दिए।
जैसे बकरा मंडी में बकरे बिकते हैं, उस ढंग से खरीदकर राजनीति करना चाहते हैं, ये इनकी बेशर्मी की हद है। गुजरात के अंदर 7 विधायकों को खरीद लिया और तिकड़म से दो सीटें जीत गए, उसी में गर्व महसूस करते हैं। राजस्थान में हमने इनकी चाल चलने नहीं दी और जो हमारे पास जितने कांग्रेस के या समर्थन करने वाली पार्टियां थीं सबके सहयोग से हमने पूरे वोट लिए, दो सीटें हमने जीती हैं। इनको सबक सिखाया है, पर मानने वाले कहां हैं। ये तिकड़मी लोग हैं, बेशर्म लोग हैं, इसलिए ये वापस अपने असली चेहरे पर आ रहे हैं।
ये लोग आज लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं, पूरे मुल्क के लोगों को डरा रखा है,धमका रखा है। इसी रूप में आज सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स एजेंसियों का मिस यूज कर रहे हैं । मेरा मानना है कि ये कुछ भी कर लें, देश की जनता का रोबस्ट कॉमनसेंस एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी है। उन्होंने जब-जब मौका लगा है तो सत्ता का तख्ता पलटने में देरी नहीं की, ये देश गवाह है, इंदिरा गांधी जी के वक्त से मैं देख रहा हूं। आज मोदी जी को या अमित शाह जी को जो घमंड-अहम् है, इनके घमंड को टाइम आने पर इस देश की जनता चकनाचूर कर देगी।
राजस्थान में सरकार स्थिर है, स्थिर रहेगी, 5 साल चलेगी और अगले चुनाव जीतने की तैयारी में हम लग गए हैं। उसी ढंग से हमने बजट पेश किया है, उसी ढंग से हम गवर्नेंस दे रहे हैं, उसी ढंग से हम लोग इस संकट की घड़ी में भी चाहे कोरोना हो, लॉकडाउन हो उसके बावजूद भी हमारा प्रयास है कि जीवन बचाएं- आजीविका बचाएं।
सवाल जवाब
सवाल- सर इस पूरे घटनाक्रम में एसओजी भी जांच कर रही है, एसओजी के पास भी कुछ टेप आए हैं, उन्होंने कुछ रिकॉर्डिंग की है और अब चर्चा ये आ रही है कि आपसे और उपमुख्यमंत्री से भी बयान देने की बात कर रही है। तो एसओजी की जांच से लगता है पूरा पर्दाफाश होगा और अगर बुलाया जाता है तो आप लोग भी बयान देने जाएंगे ?
जवाब- कानून से ऊपर कोई नहीं होता है, चाहे वो मुख्यमंत्री हो या प्राइम मिनिस्टर हो। तो जो कानून कहेगा, कानून अपना काम करेगा, हम अपना काम करेंगे पर हम पूरा कॉपरेट करेंगे।
सवाल- सर तमाम आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं लेकिन वो भाजपा नेता कौन हैं, राजस्थान के भी एक केंद्रीय मंत्री बता रहे हैं, एक अमित शाह के करीबी केंद्रीय मंत्री बता रहे हैं, उनके नाम का भी खुलासा करें, ऐसे लोगों को भी बेनकाब करें?
जवाब- देखिए जब जांच शुरु हो जाती है एजेंसियों की तो जांच प्रभावित नहीं हो इसलिए जरूरी है कि जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं, किसके बयान क्या होते हैं, कौन-कौन विधायक इससे मिले हैं, क्या लेन-देन की बातें हुई हैं, ये तमाम बातें जांच का विषय होगा और जांच के जब निष्कर्ष सामने आएंगे तब मालूम पड़ पाएगा।
सवाल- सर सवाल यह है कि बीजेपी के नेता यह कह रहे है कि सरकार विधायकों के टेलीफोन टेप करवा रही है और राजेंद्र राठौड़ कह रहे हैं कि इसके खिलाफ विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाएंगे?
जवाब- उनको तो कौन रोक सकता है, ये हर विधायक का अधिकार है कि वे प्रिवलेज मोशन ला सकते हैं, हम तो स्वागत करेंगे, कल भी प्रस्ताव लाया गया, मैंने मीडिया में देखा था और प्रस्ताव लाने की सोच रहे हैं, हम वैलकम करेंगे क्योंकि सच्चाई का कोई विकल्प नहीं होता है, गॉड इस ट्रुथ, ट्रुथ इज गॉड।
सवाल- सर आपने राज्य सभा चुनाव से ठीक पहले कहा था कि हॉर्स ट्रेडिंग की बात चल रही है, हॉर्स ट्रेडिंग का प्रयास चल रहा है। तो क्या अभी ताजा भी ऐसे कोई मामले सामने आए हैं जिनमें विधायकों को प्रलोभन देकर सरकार को गिराने का षड्यंत्र किया जा रहा हो, क्या ऐसे कोई ताजा मामले सामने आए हैं और दूसरा मेरा सवाल यह है जिस प्रकार एमपी में हुआ, तो क्या ऐसी संभावनाएं यहां पर भी लग रही हैं कि कुछ विधायक जा सकते हैं टूटकर, क्या आपको पार्टी के विधायकों पर विश्वास है पूरा ?
जवाब- देखिए राज्यसभा चुनाव के पहले जो माहौल था उससे बड़ा माहौल बनाया गया है अभी, उससे भी बड़ी हॉर्स ट्रेडिंग होने की बात सामने आ रही है, बड़े रूप में, ऑर्गनाइज्ड वे से आ रही है और नंबर दो जो आपने कहा कि जा सकते हैं क्या विधायक, ये तो आप अगर उनको पूछेंगे जो ये षड्यंत्र रच रहे हैं, तो ज्यादा ठीक रहेगा। उनको मालूम है कि कौन जा सकते हैं। हम तो यह उम्मीद करते हैं कि हमारे यहां के विधायक खुद्दारी रखते हैं, वो राजस्थान की जो मान-परंपराएं हैं, यहां की जनता समझती है, आज तक निभाती आई है, वीरों की धरती है, शहीदों की धरती है और पराक्रम और शौर्य की धरती है, इतिहास रखता है राजस्थान इसीलिए यहां हॉर्स ट्रेडिंग नहीं होती है, गुजरात में होती है, महात्मा गांधी का प्रदेश है, दुर्भाग्य से वहां हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है, राजस्थान में आज तक नहीं हुई है। अब अगर कोई गद्दार निकलता है, जो पार्टी के नाम से जीतकर आए हैं, पार्टी ने उनको पहचान दी है, पार्टी ने बड़े-बड़े पद दिए हैं, एमएलए बना दिया, एमपी बना दिया, मंत्री बना दिया सबकुछ कर दिया, अब अगर हम गद्दारी करते हैं तो राजस्थान की जनता उनको कभी माफ नहीं करेगी।
सवाल- सर इस प्रकरण की जांच एसओजी के अलावा क्या एसीबी भी कर रही है और क्या खुशबीर सिंह, ओमप्रकाश हुड़ला और सुरेश टांक ये तीन विधायकों के नाम एसीबी के राडार पर हैं इस पूरे प्रकरण को लेकर?
जवाब- देखिए महेश जोशी जी ने जो हमारेचीफ व्हिप हैं, उन्होंने जो कंप्लेंट की थी वो तो एसीबी को भी की थी एसओजी को भी की थी और बाकी किसके-किसके नाम हैं एसओजी के अंदर, एसीबी के अंदर मुझे इसकी जानकारी नहीं है। अभी तक कोई नाम मुझे तो किसी ने कहा नहीं है। मेरे पास तो नोटिस आया है एसओजी की तरफ से कि आपको हमें पूछताछ करनी है, तो मैं अपने बारे में कह सकता हूं।
सवाल- तीन लोगों के नाम लिए हैं और सरकार गिराने का भी जिक्र किया है, तो ये मुख्य किरदारों के रूप में इनका नाम बता रहे हैं और कई प्रदेश लॉकडाउन की तरफ वापस जा रहे हैं कोरोना के दौरान तो क्या राजस्थान इस पर भी कोई चर्चा कर रहा है ?
जवाब- कोरोना की काफी संख्या बढ़ रही है, राजस्थान के अंदर बढ़ रही है, हालांकि इसलिए ज्यादा बढ़ रहे हैं क्योंकि हम टैस्ट ज्यादा कर रहे हैं। हमारी अप्रोच ज्यादा ठीक है, ज्यादा जांच करके हम कोरोना पर काबू पाने का प्रयास कर सकते हैं इसलिए हमारा प्रयास लगातार जारी रहेगा। अब उसके अंदर हम लोग आज शाम को रिव्यू मीटिंग कर रहे हैं, तो पूरी जब मीटिंग बैठती है, फीडबैक मिलता है उसके आधार पर हम लोग फैसले करते हैं कि आगे क्या-क्या कदम उठाने चाहिए। अभी मैं आपको कुछ नहीं कह सकता, शाम को मीटिंग के बाद ही मालूम पड़ सकता है।
सवाल- राजेंद्र राठौड़ जी, सतीश पूनिया जी और गुलाबचंद कटारिया जी, इनका जिक्र किया आपने सरकार गिराने के साथ में तो जो आपका शक या जिसका आप जिक्र कर रहे हैं, मुख्य किरदार इन्हें मान रहे हैं?
जवाब- ये तीन नाम तो मैंने इसलिए लिए, तीनों लोग पदों पर बैठे हुए हैं बीजेपी के। इनके जो आका हैं दिल्ली के अंदर, जिनकी मैं आलोचना हमेशा करता रहता हूं, चाहे वो प्रधानमंत्री मोदी जी हों और चाहे वो अमित शाह जी हों, वो टॉलरेट नहीं कर पा रहे राजस्थान सरकार में, मुझे भी नहीं कर पा रहे हैं मेरी सरकार को भी नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए उनका टार्गेट जो है उसको पूरा करने में इन तीनों में कंपीटिशन है, हम अपने नंबर कैसे बढ़ाएं।
सवाल- सर सतीश पूनिया जी का कहना है कि जिन एमएलएज के नाम आए हैं एफआईआर में, वो मना कर रहे हैं कि हमें कोई ऐसा फोन नहीं आया है न ऐसा प्रलोभन दिया गया है। रमीला खडयि़ा ने भी इस तरह कहा है कि मेरे पिता जन्मजात कांग्रेसी थे, मैं भी कांग्रेसी हूं और मैं इस तरह के काम नहीं कर सकती। तो पूनियां जी का कहना है कि जिन विधायकों के नाम हैं वो विधायक साफ मना कर रहे हैं अपने स्तर पर?
जवाब- ये सब बातें जो हैं, जब एक बार तफ्तीश शुरु हो जाती है न तो उसके बाद में तफ्तीश के वक्त में जो बयान होते हैं, वो मायने रखते हैं, मीडिया के माध्यम से हम ट्रायल करवाना नहीं चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हकीकत सामने आए, हकीकत के आधार पर ही फैसले हों और मैं समझता हूं कि बैटर वही रास्ता होता है कि सच्चाई क्या थी वो सामने आनी ही चाहिए क्योंकि एक भ्रम पैदा हो गया ये तो जानबूझकर अनावश्यक एक हौव्वा खड़ा कर दिया गया चुनाव जब थे राज्यसभा के। तो विधायकों को 10 दिन तक साथ रखो, अपने साथ रखो ऐसा इतिहास में आज तक कभी नहीं हुआ। हौव्वा खड़ा करने के कारण तो मैं समझता हूं कि मेरी समझ के परे है और कुछ लोगों ने ऐसी बातें की थीं। अब सच्चाई सबके सामने आ जाएगी।
सवाल- मुख्यमंत्री जी 24 विधायकों ने जो आरोप लगाया कि हमें प्रलोभन दिया गया है तो ये मामला ताजा है या ये पहले वाला ही है, जो कांग्रेस के 24 विधायकों ने आरोप लगाया है कि हमें प्रलोभन दिया जा रहा है, अभी भी बीजेपी जो है तोडऩा चाहती है तो क्या इसमें ये पुराना मामला है या नया मामला है क्योंकि कल रात में ही उन्होंने बयान जारी किया है?
जवाब- मेरी जानकारी में आरोप है नहीं कोई, ये 24 विधायक कौन थे जिन्होंने आरोप लगाया है, अगर आपको जानकारी है तो कृपा करके मुझे बता दीजिए।
सवाल- सर महेश जोशी जी के और महेंद्र चौधरी जी के साइन से पत्र जारी हुआ है, आप पर विश्वास जताया है और बीजेपी पर आरोप लगाया है कि हमें प्रलोभन दिया जा रहा है धमकाया जा रहा है, इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी इस तरह के पत्र की?
जवाब- वो मैंने पढ़ा है, न्यूज पढ़ी है मैंने, प्रैस नोट पढ़ा है, उसमें एकजुटता दिखाई है उन्होंने कि ये जो माहौल बना है बनाया जा रहा है, उन्होंने खुद अपने लिए नहीं कहा होगा, सबके लिए कहा होगा। इसलिए आप जब उनसे मिलें तो आप उनसे पूछ लीजिएगा।
सवाल- सर कुछ लोगों का यह कहना है कि कल तो ये आपके खिलाफ प्रिवलेज मोशन करने के बाद ही , बीजेपी लोगों ने फाइल किया उसके बाद में ही एसओजी ने उसके बारे में इन्क्वायरी नया शुरु कर दिया। अभी तक तो राज्यसभा चुनाव के बाद से इतने टाइम से कोई कार्रवाई हो नहीं रहा था कंप्लेंट के ऊपर, इसमें गवर्नमेंट कुछ डिफेंसिव मेकेनिज्म अडॉप्ट कर रही है ये एलीगेशन्स लगा रहे हैं ये वाले मामले में ?
जवाब- टाइमिंग आपने मालूम किया था क्या, मुझे नहीं मालूम, ये टाइमिंग आपको मालूम होगा मुझे जानकारी नहीं है।
सवाल- महेश जोशी ने जो एलीगेशन लगाया था उसको काफी टाइम हो गया अभी तक कोई कार्यवाही हो रही थी…
जवाब- वो तो आप एसओजी के अधिकारियों से पूछना कि आपने इतने दिन क्यों लगाए।
सवाल- तो सर आपके अंडर में है एसओजी?
जवाब- नहीं मेरा कॉमनसेंस तो यह कहता है कि कोई आरोप लगते हैं तो टाइम लगता है तफ्तीश करने में, जानकारी प्राप्त करने में, टाइम लग रहा होगा।
सवाल- एसओजी ने जो ब्यावर से एक जने को भरत मालानी नामक व्यक्ति को उठाया है जो भाजपा से नेता है और जिसने डेढ़ दो साल पहले जो चुनाव हुए थे उसमें भाजपा से टिकट मांगा था। उसने एमएलएज से बात की थी और वो एक एजेंट के रूप में काम कर रहा था, सीए है वो और उसके दिल्ली में एक बड़े नेता से संबंध हैं तो क्या इसमें आगे तक जांच जाएगी क्योंकि इसमें सीधा-सीधा भाजपा का जुड़ाव आ गया है। भाजपा अभी तक कह रही थी कि हमारा कोई लेना-देना नहीं है, ये भाजपा का नेता पकड़ा गया है ऐसी जानकारी मिली है, उसके नाम से आज खुलासा हो गया है पूरा?
जवाब- भइया एसओजी का डीजी मैं नहीं हूं, ये काम सब एसओजी का होगा, वो हमसे भी पूछ सकती है, उससे भी पूछ सकती है, कानून सबके लिए बराबर होती है, मैं जानता नहीं हूं।
सवाल- आपने अभी बताया कि राजस्व जो है वो 30 पर्सेंट रह गया है घटकर राजस्थान में कोरोना की वजह से। तो 70 पर्सेंट जो इसमें कमी हुई है उसके लिए आप कोई ठोस कदम उठा रहे हैं या कोई योजनाओं में परिवर्तन कर रहे हैं जो बजट में घोषणा की थी आपने?
जवाब- देखिए उसका इंपैक्ट तो पड़ेगा इसमें कोई दो राय नहीं है। उसका इम्पैक्ट पड़ेगा और उसी को लेकर हमने प्रधानमंत्री महोदय से नरेंद्र मोदी जी से जितनी भी बार वीसी हुई है तो मैंने 3 महीने पहले से ही उनको आगाह किया। ये तो मालूम ही था कि जब लॉकडाउन ही हो गया, इंडस्ट्री बंद हो गईं, व्यापार ठप्प हो गए हैं तो फिर तो रिवेन्यू कम होना ही है, तो मैंने उनको भी आगाह किया कि कृपा करके राज्यों को सभी राज्यों को एक पेकेज दे जिससे कि राज्य कोविड की लड़ाई जो जंग लड़ रहे हैं खर्चा राज्य सरकारें कर रही हैं, उनको कुछ इमदाद मिलेगी तो वो अपने पैरों पर खड़े रहेंगे, ये मैंने लगातार उनसे रिक्वेस्ट की है, कुछ मैंने और मांगें की थी आर्थिक रूप से, वो आपकी जानकारी में होगा और मैं समझता हूं कि जो मांगें मानी जानी चाहिए थीं, उसमें मांगें वो मान नहीं पाए ग्रांट देने की। लोन बेसिस पर या इंटरेस्ट के मोरेटोरियम को लेकर कुछ छूट उन्होंने दी है लोन लेने की कैपेसिटी बढ़ा दी हम लोगों की और कर्जा लेकर तो कुछ भी कर लो आप, असली तो जो केंद्र सरकार जिसके पास आरबीआई भी है, नोट छापने का अधिकार भी है उनको चाहिए, अब भी मैं मांग करना चाहूंगा, उनको चाहिए कि वो इस पर ध्यान दें, तमाम राज्य सरकारें चाहे वो किसी भी पार्टी की हों उनको आर्थिक रूप से पैकेज दें जिससे कि वो अपनी बजट घोषणाओं को पूरा करने में उनको सहूलियत हो सके वरना बजट की घोषणाएं पूरी हो नहीं पाएंगी, विकास ठप्प हो जाएगा और जनता को उसका खामियाज़ा भुगतना पड़ता है। हम चाहेंगे जिस प्रकार कोरोना की जंग केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर लडऩा चाहती हैं, लड़ रही हैं उसी ढंग से हम चाहेंगे कि इस काम के लिए भी मिलकर लड़ें, कोरोना की जंग जीतें और विकास ठप्प नहीं हो और जीवन और आजीविका दोनों चलती रहें।
सवाल- पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस में बार-बार एक अनुशासनहीनता देखी जा रही है, कि आप जवाब मांगते हैं बीजेपी से या दिल्ली के नेताओं से और उनकी बजाय जवाब आपकी ही पार्टी के लोग दे रहे हैं, ऐसा क्यों है सर
जवाब- इसलिए कि बीजेपी की लीडरशिप इतनी कमजोर होगी, वो जबाव नहीं दे पा रहे होंगे तो हमारे कुछ लोग उनकी इम्दाद कर रहे होंगे, मदद कर रहे होंगे। मेरे पास एक स्लिप आई है, कांग्रेस में गुटबाजी है, बीजेपी के स्टेटमेंट मैं रोज पढ़ता हूं और एक साल में अभी बीजेपी की कार्यकारिणी नहीं बनी, गुटबाजी तो बीजेपी के अंदर है… वसुंधरा गुट, सतीश पूनिया गुट, कटारिया गुट, राजेंद्र राठौड़ गुट, गजेंद्र सिंह शेखावत गुट, कैलाश चौधरी गुट इन सबके चलते कार्यकारिणी तक ही नहीं बन पा रही है और ये बात करते हैं कांग्रेस की। अब मैं ज्यादा ध्यान इनमें इसलिए नहीं देता हूं कि ये लोग नए-नए बने हैं कोई अध्यक्ष बना है, कोई नेता बना है प्रतिपक्ष, कोई उपनेता बना है। ये परफॉर्मेंस के लिए कंपीटिशन तो करेंगे ही करेंगे। वसुंधरा जी का मैं समझता हूं पता नहीं उनका नाम आज कल कम आता है। चेहरा तो वसुंधरा जी का होना चाहिए था, जब वो मुख्यमंत्री रही हैं दो बार, मुख्यमंत्री किसने बनाया, कांग्रेस ने नहीं बनाया, मुख्यमंत्री बनाया बीजेपी के नेताओं ने और जो दो बार मुख्यमंत्री रह जाए उसका चेहरा तो पब्लिक में रहता ही रहता है, उसका उपयोग आप कर नहीं पा रहे हो और कहते हैं गुटबाज़ी कांग्रेस में है।
सवाल- एक बाइट जो होटल शिव विलास के बाहर रात को हुई थी, उसमें आपने कहा था कि कोशिशें हो रही हैं खरीद-फरोख्त करने की, इस तरह की सूचनाएं आई हैं?
जवाब- मेरे पास तो सूचनाओं के कई स्त्रोत हैं, जो मुख्यमंत्री होता है उसके पास तो कई तरह के सोर्सेज होते हैं। जिस सोर्स की आप बात कर रहे हो, वो एसओजी वाले ही बता सकते हैं आपको, वो तो मैं नहीं बता सकता कि कब से उनके पास सूचना आई, कबसे क्या हुआ।
सवाल- आपने बीजेपी के बहुत सारे गुट के नाम बताए, कांग्रेस में भी गुट हैं गहलोत गुट और सचिन पायलट गुट कहा जाता है, तो क्या इस वजह से ये सारी समस्याएं हो रही हैं क्योंकि एफआईआर में जो बातचीत हो रही है, बीजेपी के नेता के हवाले से कहा गया है कि उपमुख्यमंत्री मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं, तो इस तरह की चीजें कांग्रेस के अंदर भी चल रही हैं क्या?
जवाब- मुख्यमंत्री कौन नहीं बनना चाहता है बताइए, कौन नहीं बनना चाहता है, हमारे यहां भी 5-7 लोग होंगे जो मुख्यमंत्री के दावेदार भी होंगे, उनमें योग्यता भी होगी, उनमें टैलेंट भी होगा, होता है यह तो पर मुख्यमंत्री एक ही बन सकता है न, एक बनने के बाद में फिर सब लोग शांत हो जाते हैं।

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