संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं – राज्यपाल

संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं - राज्यपाल

जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं होता है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की दबाव की राजनीति नहीं होनी चाहिए। राज्य सरकार द्वारा 23 जुलाई को रात में विधानसभा के सत्र को अत्यन्त ही अल्प नोटिस के साथ आहूत किये जाने की पत्रावली पेश की गई। पत्रावली में गुण दोषों के आधार पर राजभवन द्वारा परीक्षण किया गया तथा विधि विषेषज्ञों द्वारा परामर्ष प्राप्त किया गया। तदपुरान्त राज्य सरकार के संसदीय कार्य विभाग को राजभवन द्वारा निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर स्थिति प्रस्तुत करने के लिए पत्रावली प्रेषित की गई है-

1. विधानसभा सत्र को किस तिथि से आहूत किया जाना है, इसका उल्लेख केबिनेट नोट में नहीं है और ना ही केबिनेट द्वारा कोई अनुमोदन प्रदान किया गया है।

2. अल्प सूचना पर सत्र बुलाये जाने का न तो कोई औचित्य प्रदान किया गया है और ना ही कोई एजेण्डा प्रस्तावित किया गया है। सामान्य प्रक्रिया में सत्र आहूत किए जाने के लिए 21 दिन का नोटिस दिया जाना आवश्यक होता है।

3. राज्य सरकार को यह भी सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिए गए हैं कि सभी विधायकों की स्वतन्त्रता एवं उनका स्वतंत्र आवागमन भी सुनिश्चित किया जावे।

4. कुछ विधायकों की निर्योग्यता का प्रकरण उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में भी विचाराधीन है। उसका संज्ञान भी लिए जाने के निर्देश राज्य सरकार को दिए गए हैं। साथ ही कोरोना के राजस्थान राज्य में वर्तमान परिपेक्ष्य में तेजी से फैलाव को देखते हुए किस प्रकार से सत्र आहूत किया जायेगा, इसका भी विवरण प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

5. राजभवन द्वारा स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक कार्य के लिए संवैधानिक मर्यादा और सुसंगत नियमावलियों में विहित प्रावधानों के अनुसार ही कार्यवाही की जावे।

6. यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार का बहुमत है तो विश्वास मत प्राप्त करने हेतु सत्र आहूत करने का क्या औचित्य है।

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