पिंकसिटी प्रेस क्लब ने पिछले एक सप्ताह में बनाए नई और न मिटने वाले इतिहास
रोशनलाल शर्मा
जब कोई व्यक्ति उसी डाली को काटने लगे जिस पर वो बैठा है तो उसे महामूर्ख कहा जाता है लेकिन जब उसी व्यक्ति को ज्ञान प्राप्त होता है तो वह महाकवि कालीदास भी बन जाता है। पूरी दुनिया में विख्यात हमारे जयपुर के गौरव पिंकसिटी प्रेस क्लब को उसी कालीदास की तलाश है।
प्रेस क्लब की स्थितियां विकट से विकटम हो चुकी थी या यूं कहना चाहिए कि अब भी हैं। यहीं के हमारे पत्रकार प्रतिनिधियों या चुने गए महावीरों ने क्या कुछ नहीं किया इस प्रेस क्लब के ताले लगवाने के लिए लेकिन ‘हस्ती मिटती नहीं हमारी।Ó प्रेस क्लब को कोर्ट में घसीटा गया। आज भी प्रेस क्लब की लड़ाई कोर्ट में लड़ी ही जा रही है जो पत्रकार कौम के लिए अच्छी बात नहीं है लेकिन कोई कुछ नहीं कर सकता था। सबको इंतजार था प्रेस क्लब के चुनावों का जिसमें वह अपनी वोट की ताकत से जरूर कुछ करना चाहते थे। चुनाव का आगाज भी विवादों में। दो-दो चुनाव कमेटियां।
खैर प्रेस क्लब चुनाव को कराने का जिम्मा वरिष्ठ पत्रकार बृहस्पति शर्मा और आयरन लेडी संगीता प्रणवेन्द्र को सौंपा गया। उन्होंने अपनी टीम बनाई जिसमें विकास शर्मा, सुरेश योगी, श्याम शर्मा, श्याम माथुर, शंकर शिखर शामिल किए। हालांकि बाद में तीन चुनाव अधिकारी परिस्थितियों के चइते प्रक्रिया से बाहर हो गए। इसी बीच कोरोना ने पांव पसार लिए और प्रेस क्लब होल्ड हो गया। खैर आखिर सितम्बर 15 के आसपास फिर से चुनाव की नई तारीखों की घोषणा हुई और शुरू हुआ तूफानों और झंझावतों का दौर। कोर्ट के नोटिस, नोटिस पर नोटिस लेकिन चुनाव टीम ने जिस मजबूती के साथ सीना तानकर सामना किया और वह तारीफ के काबिल है। मुझे नहीं लगता कोई दूसरी टीम होती तो इतने तूफानों और कानूनी दबावों में ये काम कर पाती। इस बार प्रेस क्लब के सदस्यों ने इतिहास बनाने की ठान रखी थी। पहला इतिहास तो ये पहली बार चुनाव कमान एक महिला निर्वाचन अधिकारी के हाथ में रही जो गुणी, ज्ञानी और सपाट निर्णय लेने के लिए अपनी पत्रकारिता में भी प्रसिद्ध रही हैं। दूसरा इतिहास इस बात के लिए बना वरिष्ठ पत्रकार बृहस्पति शर्मा की निर्णायक क्षमताओं का नए पत्रकारों को पता नहीं था उनको पता लगा कि हर किसी उम्र के साथी के साथ सहज रहने वाला ये ‘बाबाÓ इतना जबरदस्त काम भी कर सकता है। तीसरा इतिहास बना युवा व वरिष्ठ पत्रकार मुकेश मीणा का निर्विरोध निर्वाचन जो प्रेस क्लब के 28 साल के इतिहास में कभी नहीं हुआ। तीसरा इतिहास बनाया कोरोना काल में प्रोटोकॉल के साथ चुनाव सम्पन्न कराने का। जिसकी वरिष्ठ पत्रकार से लेकर नए पत्रकार तक सभी सराहना कर रहे हैं। ऐसी व्यवस्था चुनाव में कभी नहीं हुई। दावा है कि सरकार का कोई भी विभाग इतने ऐतिहात के साथ चुनाव नहीं करा सकता। पंचायत चुनाव में एक बूथ पर जितने मतदाता होते हैं लगभग उतने मतदाता प्रेस क्लब में है लेकिन किसी भी पंचायत चुनाव में इस तरह से सोशल डिस्टेंस, मास्क का उपयोग, सेनेटाइजिंग, ग्लब्स आदि का उपयोग कहीं नहीं देखा गया और न देखा जाएगा। इस प्रक्रिया पर वरिष्ठ पत्रकार गोपाल शर्मा का सोशल मीडिया पर किए गए कोट से अधिक सराहनीय कुछ नहीं हो सकता जो इस प्रकार है
‘कोविड -19 के भीषण दौर में पिंकसिटी प्रेस क्लब के साथियों द्वारा की गई प्रशंसनीय
सुरक्षात्मक व्यवस्था के लिए अभिनन्दन !!
हम सक्षम हैं , हम किसी भी मंजिल को छू सकते हैं !!
पिंकसिटी प्रेस क्लब: हम लाए हैं तूफान से कश्ती निकालकर…

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बड़ाई दिल से लेकिन……..! निशानेबाज़ अनुचित