भारतीय शहरों और कस्बों में तेजी से बढ़ रहा है टीचमिंट

भारतीय शहरों और कस्बों में तेजी से बढ़ रहा है टीचमिंट

जयपुर। ऑनलाइन टीचिंग के अनगिनत फायदों को देखते हुए शिक्षण और ट्यूशन देने वाली एक विशाल कम्युनिटी पढ़ाने के पुराने तरीके को पीछे छोड़कर अपने शिक्षण अनुभव को बढ़ाने और अपने शिक्षण व्यवसाय को बेहतर और असरदार तरीके से चलाने के लिए फुल सर्विस टीचिंग सोल्युशन को अपना रही है। बेंगलुरु स्थित डिजिटल ट्यूटरिंग सोल्युशन प्रदान करने वाली एक बेंगलुरु स्थित ऐडटेक स्टार्ट-अप कंपनी टीचमिंट द्वारा इक_ा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, आज श्रीनगर से लेकर पोर्ट ब्लेयर और जैसलमेर से लेकर डिब्रूगढ़ तक यह बदलाव 1000 भारतीय शहरों में देखा जा रहा है जहां 75′ एनरॉलमेंट टियर 2 और इसके नीचे के शहरों और गांवों से देखा जा रहा है।

आज शुरूआती रूझानों से यह पता चलता है कि अनौपचारिक ट्यूशन क्षेत्र जोकि का व्यक्तिगत शिक्षण अनुभव पर आधारित है, उसका डिजिटल परिवर्तन, भारत में कंटेंट आधारित अव्यक्तिगत ऐडटेक या संगठित क्षेत्र के कॉम्पिटेटिव एग्जाम मॉडल की तुलना में काफी बड़ा अवसर बनकर उभर रहा है। एक मई 2020 को अपनी शुरुआत के बाद से टीचमिंट ने अपने प्लेटफॉर्म पर 2.4 लाख शिक्षकों को एनरॉल किया है और हर महीने 50,000 शिक्षक एनरॉल हो रहे हैं।

टीचमिंट के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिहिर गुप्ता ने इस बारे में बातचीत करते हुए कहा कि, हम टीचमिंट में ऑनलाइन ऑनलाइन शिक्षा को सब तक पहुँचाने के मिशन पर हैं। हम दो-तरफा वीडियो कम्युनिकेशन देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं और टीचर-स्टूडेंट के बीच बेहतर तालमेल बनाने के लिए असेसमेंट मैनेज करना, नोट्स शेयर करना, ट्यूशन फीस मैनेज करना जैसी वैल्यू एडेड सर्विस पर भी काफी मेहनत कर रहे हैं क्योंकि ये सब भारतीय माहौल के हिसाब से कुछ अलग और कुछ हटकर है। टीचमिंट बिल्ड फॉर इंडिया पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे भारत में 11 भाषाओं में उपलब्ध है और खास वीडियो टेक्नोलॉजी के जरिए कम बैंडविड्थ कनेक्शन को सपोर्ट करता है। टीचमिंट अपनी खास पेशकश के जरिए श्रीनगर से लेकर पोर्ट ब्लेयर तक देश भर के शिक्षकों के लिए टेक्नोलॉजी और बुनियादी ढाँचे की रीड़ की हड्डी बनता जा रहा है।

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