वर्षगांठ का तोहफा: 2000 चिकित्सकों की भर्ती

वर्षगांठ का तोहफा: 2000 चिकित्सकों की भर्ती

-नव चयनित 1991 चिकित्सकों को नियुक्ति आदेश जारी

-ग्रामीण क्षेत्रों में खाली पड़े लगभग सभी पद भरे

जयपुर। राज्य सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में चिकित्सा के क्षेत्र में अच्छी सुविधाएं देने के लिए दो हजार चिकित्सकों की भर्ती का तोहफा दिया है। नव चयनित 1991 चिकित्सकों को गुरुवार नियुक्ति आदेश जारी कर दिये हैं। इन चिकित्सकों की नियुक्ति के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रिक्त लगभग सभी पदों पर चिकित्सक तैनात कर दिये गये हैं। इनके अतिरिक्त एक चिकित्सक का प्रकरण न्यायलय में विचाराधीन रहने एवं 8 चिकित्सकों के प्रमाण पत्रों का प्रमाणीकरण प्रक्रियाधीन है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अब तक के इतिहास में पहली बार एक साथ 1991 चिकित्सक नियुक्त हुए हैं। इससे पूर्व इसी वर्ष 735 चिकित्सकों को नियुक्ति प्रदान की गयी थी। नव नियुक्त चिकित्सकों में से पीजी किए चिकित्सकों को उनकी विषेषज्ञता के अनुसार तहसील मुख्यालय सहित शहरी क्षेत्रों में तथा एमबीबीएस किए हुए सभी चिकित्सकों को ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि नव चयनित चिकित्सकों में से लगभग 250 चिकित्सक विभिन्न संकायों में पीजी हैं। इनकी नियुक्ति से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न शहरी व ग्रामीण चिकित्सालयों में विषेषज्ञ चिकित्सकों की कमी भी पूर्ण हो रही है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य के आधारभूत ढ़ांचे को मजबूत करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गयी। नि:शुल्क दवा योजना का दायरा बढ़ाते हुए गम्भीर रोगों जैसे कैंसर, हृदय, श्वांस एवं गुर्दा रोग के उपचार की दवाओं को शामिल करते हुए नि:शुल्क दवाइयों की संख्या 607 से बढ़ाकर 712 की गई है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष से निरोगी राजस्थान अभियान का शुभारम्भ किया गया। राज्य में 80 हजार से अधिक स्वास्थ्य मित्रों का चयन किया गया है। इसी प्रकार आयुष्मान भारत-महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना का शुभारम्भ किया गया। इस योजना में अब तक 1885 करोड़ रुपये के करीब 34 लाख क्लेम सबमिट कर करीब 20 लाख लोगों को लाभान्वित किया जा चुका है। डॉ. शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य केन्द्रों की पहुंच बढ़ाते हुए 112 नई पीएचसी व 200 नये स्वास्थ्य उपकेन्द्र स्वीकृत किये गये। साथ ही 52 को सीएचसी में, 12 को पीएचसी में व गंगापुरसिटी, पीपाड़, फलौदी, केकड़ी व कोटपूतली सहित 5 को जिला अस्पतालों में क्रमोन्नत किया गया। सांगानेर सीएचसी से सेटेलाईट में क्रमोन्नत किया गया है। अस्पतालों में 2 हजार 464 बैड बढ़ाये गये।

चिकित्सा मंत्री ने बताया कि हमारी सरकार ने प्रदेष के प्रत्येक जिले में सरकारी मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय लिया। प्रदेष के 15 नये जिलों में मेडिकल कॉलेज के बाद अब 15 नये मेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति प्राप्त हो चुकी है। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज की 325 करोड़ स्वीकृत की गई है। शेष 3 जिलों प्रतापगढ़, जालौर एवं राजसमंद के प्रस्ताव भिजवाये जा चुके है। इनकी स्वीकृति के साथ ही प्रदेष के प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉल्रेज की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी। चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए 950 पीजी सीट एवं 880 एमबीबीएस सीटों व 11 सुपर स्पेषियलिटी की सीटों की बढ़ोत्तरी की गयी है। राजधानी जयपुर के प्रतापनगर में राज्य कैंसर संस्थान का भवन निर्माण पूर्ण कर ओपीडी प्रारम्भ कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि एसमएस मेडिकल कॉलेज में 200 करोड़ एवं कोटा, बीकानेर व उदयपुर के मेडिकल कॉलेजों में 150-150 करोड़ रूपये की लागत से सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक बनाये गये हैं।

एसएमएस में बनेगा 22 मंजिला आईपीडी टावर

एसएमएस में कार्डियक सर्जरी यूनिट इमरजेन्सी के पास स्थापित की जायेगी। एसएमएस हॉस्पिटल में लगभग 300 करोड़ की लागत से 22 मंजिलें आईपीडी टॉवर का निर्माण करवाया जायेगा। इस टॉवर में आधुनिकतम सभी प्रकार चिकित्स सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी।

कोरोना का रिकवरी रेट 94 प्रतिशत

उन्होंने बताया कि प्रदेश में रिकवरी रेट 94 प्रतिशत है। कोरोना से होने वाली मृत्यु का प्रतिशत प्रदेष में देश-दुनिया में सबसे कम 0.86 प्रतिशत ही है। कोरोना काल में आमजन को ऑनलाइन टेली कंसल्टेंसी सेवा उपलब्ध कराने के लिए ई संजीवनी पोर्टल लांच किया गया। करीब 500 से अधिक मेडिकल मोबाईल युनिट द्वारा भी उपचार की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है।

और इधर मुख्यमंत्री ने की राहत की बरसात

राज्य सरकार ने प्रदेश में हरियाली तथा वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित परियोजना के लिए 30.03 करोड़ रूपये से अधिक की अतिरिक्त बजट राशि तथा कैम्पा योजना के तहत स्वीकृत अतिरिक्त वार्षिक कार्ययोजना राशि के मद में 65.34 करोड़ रुपए जारी करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में वित्त विभाग के प्रस्तावों का अनुमोदन कर दिया है। गहलोत ने कैम्पा योजना में विभिन्न मदों के तहत कुल 65.34 करोड़ रूपये अतिरिक्त वार्षिक कार्ययोजना राशि जारी करने को भी मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री ने नवीन अंशदायी पेंशन योजना के तहत राज्य सरकार के वर्ष 2004 के बाद नियुक्त कार्मिकों को सेवानिवृति परिलाभों के भुगतान के लिए चालू वित्त वर्ष 2020-21 में प्रावधित बजट राशि 38 करोड़ रुपए के स्थान पर 60 करोड़ रुपए के संशोधित बजट प्रावधान प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। गहलोत ने इस क्रम में 22 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान का अनुमोदन कर दिया है। प्रदेश के नहरी सिंचित क्षेत्र में अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने तथा इसका संतुलित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने नहर विकास के लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री श्री अषोक गहलोत ने इस संबंध में 75 करोड़ रूपये के अतिरिक्त बजट प्रस्ताव का अनुमोदन किया है, जिसका उपयोग इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) के द्वितीय चरण के तहत सिंचित क्षेत्र जल प्रबंधन के लिए किया जाएगा। गहलोत द्वारा अनुमोदित वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार, इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) की तीन नहरों, नोहर-साहवा लिफ्ट, गजनेर लिफ्ट तथा कोलायत लिफ्ट नहरों के कमांड क्षेत्र में दबाव सिंचाई पद्धति के विकास के लिए कार्य प्रगति पर हैं। इसमें कुछ लंबित प्रकरणों के भुगतान तथा प्रगतिरत कार्यों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त बजट राशि स्वीकृत की गई है।

पंचायतीराज संस्थाओं तथा नगरीय निकायों को होंगे 3105 करोड़ रूपए हस्तांतरित

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पांचवें राज्य वित्त आयोग की अनुषंसा के अनुरूप वर्ष 2015 से 2020 की अवधि के लिए पंचायतीराज संस्थाओं तथा नगरीय निकायों को बकाया 3105.65 करोड़ रूपए हस्तांतरित करने को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री की इस स्वीकृति से ये नगरीय निकाय एवं पंचायतीराज संस्थाएं अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति दे सकेंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *