नीति आयोग के साथ मुख्यमंत्री की बैठक: केन्द्र बढ़ाए आर्थिक एवं नीतिगत सहयोग

नीति आयोग के साथ मुख्यमंत्री की बैठक: केन्द्र बढ़ाए आर्थिक एवं नीतिगत सहयोग

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सहयोगी संघवाद की भावना को मजबूत करने की दिशा में राज्यों को उनके विकास के लिए केन्द्र से मिलने वाले आर्थिक एवं नीतिगत सहयोग को बढ़ाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि विगत कुछ वर्षों में आर्थिक मंदी, कोरोना महामारी, प्राकृतिक आपदाओं सहित अन्य कारणों से देश के सभी राज्यों की राजकोषीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। साथ ही सामाजिक सुरक्षा का दायरा और अधिक बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है। ऐसे में आर्थिक एवं सामाजिक विकास से जुड़ी गतिविधियों के सुचारू संचालन के लिए केन्द्र सरकार राज्यों को अधिक सहयोग प्रदान करे।
गहलोत शुक्रवार को नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेशचंद्र, वरिष्ठ सलाहकार योगेश सूरी तथा सलाहकार राजनाथ राम के साथ बैठक में राज्य हित से जुड़े विभिन्न लंबित मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने इन विषयों पर पुरजोर पैरवी करते हुए कहा कि कोविड महामारी के कारण राज्यों का अर्थतंत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राजस्व में बड़ी कमी के साथ-साथ जरूरतमंद वर्गों को अधिक सामाजिक सुरक्षा देने की आवश्यकता है। इन स्थितियों में केन्द्र सरकार के सहयोग के बिना किसी भी राज्य के लिए अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना आसान नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केन्द्र सरकार राज्य को जल जीवन मिशन में उत्तर-पूर्वी एवं पहाड़ी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की तरह 50:50 के स्थान पर 90:10 के अनुपात में केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 तक राष्ट्रीय पेयजल कार्यक्रम के तहत मरुस्थलीय क्षेत्रों के लिए 90:10 के अनुपात से केन्द्रीय सहायता उपलब्ध करायी जाती थी। बाद में इसे घटाकर 60:40 एवं अब 50:50 कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में सतही स्रोत सीमित होने के साथ ही गांव-ढाणियां दूर-दूर बसी हुई हैं।
ईआरसीपी को मिले राष्ट्रीय दर्जा, लंबित रेल परियोजनाओं पर जल्द शुरू हो काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के पूर्वी क्षेत्र के 13 जिलों को सिंचाई एवं पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए। करीब 37,247 करोड़ रुपये की इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना से झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर एवं धौलपुर की वर्ष 2051 तक पेयजल आवश्यकताएं पूरी की जा सकेंगी और 2 लाख हैक्टेयर नए क्षेत्र को सिंचित किया जा सकेगा। श्री गहलोत ने कहा कि डूंगरपुर-रतलाम वाया बांसवाड़ा, अजमेर (नसीराबाद) से सवाई माधोपुर (चौथ का बरवाड़ा) वाया टोंक, धौलपुर सरमथुरा-आमान परिवर्तन एवं गंगापुर सिटी तक रेल लाइन के विस्तारीकरण तथा गुलाबपुरा-भीलवाड़ा में मेमू कोच फैक्ट्री की स्थापना के कार्य को भी जल्द शुरू करवाया जाए।
राज्य की तर्ज पर केंद्र भी करे एमएसएमई नियमों में बदलाव
मुख्यमंत्री ने एमएसएमई एक्ट-2019 के अनुरूप प्रदेश में एमएसएमई इकाइयों को केन्द्रीय अधिनियमों एवं नियमों के तहत निरीक्षण एवं स्वीकृति से मुक्त किए जाने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि इस एक्ट के तहत एमएसएमई उद्यमों को राज्य में 3 वर्ष तक स्वीकृति एवं निरीक्षण से छूट दी गई है और ऐसा अधिनियम लागू करने वाला राजस्थान देष में प्रथम राज्य है।
स्वदेश दर्शन योजना में राज्य के प्रस्तावों को मिले जल्द मंजूरी
गहलोत ने कहा कि राजस्थान की पर्यटन की दृष्टि से पूरी दुनिया में अलग पहचान है और यहां पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। ऐसे में स्वदेष दर्षन योजना अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा प्रेषित विभिन्न पर्यटन अवसंरचना विकास प्रस्तावों एवं परियोजनाओं पर पुनर्विचार कर इनकी प्रषासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जल्द जारी की जाए। इनमें ईको-एडवेंचर सर्किट, मेगा डेजर्ट सर्किट, वाईल्ड लाईफ टूरिस्ट सर्किट, आदिवासी पर्यटन सर्किट, डीग-कुम्हेर-भरतपुर सर्किट, शेखावाटी सर्किट सहित श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ फोर्ट को विकसित करना तथा आमेर को आइकोनिक टूरिस्ट डेस्टीनेषन के रूप में विकसित करने की परियोजनाएं शामिल हैं।
एनडीआरफ और एसडीआरफ के प्रावधानों में हो संशोधन
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान पीड़ित लोगों को सहायता उपलब्ध कराने की दृष्टि से राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष (एनडीआरएफ) एवं राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) के प्रावधानों में संषोधन की आवश्यकता है। उन्होंने सूखे के दौरान छोड़े गये अनुत्पादक एवं अन्य पशुओं का रख-रखाव करने वाली गौशालाओं के सभी पषुओं के लिये राहत सहायता उपलब्ध करवाने, वास्तविक प्रभावित कृषकों की संख्या के आधार पर कृषि आदान अनुदान का परिकलन करने तथा कृषि आदान अनुदान की पात्रता की सीमा को 2 हैक्टेयर से बढ़ाकर 5 हैक्टेयर तक करने की मांग रखी। उन्होंने सड़कों पर आवारा पशुओं की समस्या को दूर करने के लिए गौशालाओं एवं नंदीशालाओं के लिए सहयोग का आग्रह किया।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाए केंद्र
गहलोत ने इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय पेंशन योजनाओं में लाभार्थियों की संख्या एवं पेंषन राशि को बढ़ाने का आग्रह करते हुए कहा कि इन पेंशन योजनाओं में लाभार्थियों की संख्या की सीमा के कारण पात्र सभी व्यक्तियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते शेष पात्र व्यक्तियों को राज्य पेंशन योजनाओं में लाभान्वित किया जा रहा है। ऐसे में केन्द्रीय पेंशन योजनाओं में पेंशनर्स की संख्या की सीमा को समाप्त किया जाए। साथ ही इन योजनाओं में मिलने वाली सहायता राषि को राज्यों द्वारा दी जाने वाली पेंशन राशि के समान किया जाए।
तीन मेडिकल कॉलेज, ड्रग और मेडिकल डिवाइस पार्क को स्वीकृति मिले
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सभी जिलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थापना के लक्ष्य के साथ काम कर रही है। केवल जालौर, प्रतापगढ़ एवं राजसमन्द जिले में में ही सरकारी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज नहीं है। इन जिलों की पिछड़ी स्थिति एवं यहां की जनजातीय बाहुल्य जनसंख्या को देखते हुए इन तीनों जिलों में भी नवीन मेडिकल कॉलेज प्रस्तावों को जल्द स्वीकृति दी जाए।
पीसीपीआईआर के लिए जल्द जारी हो नोटिफिकेशन
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार बाड़मेर जिले में पेट्रोलियम, केमिकल्स एण्ड पेट्रोकेमिकल्स इन्वेस्टमेंट रीजन की स्थापना कर रही है। जिसमें रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल उत्पादों पर आधारित विभिन्न औद्योगिक इकाइयों की स्थापना प्रस्तावित है। केन्द्र सरकार इसका नोटिफिकेशन शीघ्र जारी करे। उन्होंने बजरी खनन के लिए प्रवर्तन एवं निगरानी गाइडलाइन-2020 की समीक्षा एवं संशोधन की भी मांग रखी। उन्होंने कहा कि व्यापक जनहित, रोजगार सृजन एवं राजस्व अर्जन को ध्यान में रखते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय राजस्थान की स्थिति के संदर्भ में गाइडलाइन में संशोधन करे। उन्होंने राज्य के खनन से संबंधित लंबित मुद्दों के शीघ्र निस्तारण की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। श्री गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार प्रधान खनिजों की रॉयल्टी दरों का पुन: निर्धारण, एमएमडीआर अधिनियम, 1957 के तहत कॉपर, लेड, जिंक के लिए पीएल/एमएल क्षेत्र में वृद्धि, लाइम स्टोन खनन लीज का अप्रधान से प्रधान खनिज में परिवर्तन, पोटाश खनिज की रॉयल्टी दरों एवं विक्रय मूल्य का प्रकाषन तथा लौह अयस्क एवं लाइम स्टोन की खोज के लिए नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेषन ट्रस्ट से विश्र पोषण के मामलों में जल्द समुचित कार्यवाही करे।

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