रोशनलाल शर्मा
जयपुर। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल आज जयपुर पहुंचे। वे यहाँ गलता की पहाड़ियों में बने विपश्यना केंद्र में रुके है। कोई कहता है वे दो दिन यहाँ पर रुकेंगे और कोई कहता है 10 दिन रहेंगे।
अलबत्ता विपश्यना केंद्र का सिस्टम 10 दिन का है। स्वास्थ्य लाभ के लिए केजरीवाल यह 10 दिन रुकेंगे ऐसा लगता है।
लेकिन इन सबके बीच नगर निगम ने प्रदेश की जो किरकिरी कराई है वह माफी के योग्य नही है। देश की राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री के लिए राह की उबड़ खाबड़ सड़के थी तो रोड पर लगे ठेले थे। वो तो भला हो पुलिस प्रशासन का जो उन्हें प्रोटोकॉल देकर इज्जत रख ली।
हम बात कर रहे है घाट की गुनी की। जहाँ नगर निगम के अधिकारियों कर्मचारियों की शह पर बड़ी संख्या में ठेले लगते है। पहले से ही सकंडी गुनी से इन ठेलो की वजह से दो बाइक भी एक साथ नही गुजर सकती। यहा रोज जाम लगा रहता है। ये हालात तो तब है जब यहाँ एक पीसीआर हमेशा खड़ी रहती हैं। मतलब साफ है कि जेबे यहाँ भी गर्म हो जाती है।
लेकिन सवाल यह है कि केजरीवाल के दौरे की पूर्व जानकारी के बावजूद भी इन ठेलो को लगने दिया गया। शाम 3 बजे आनन फानन में इन ठेलों को रोड के दूसरी तरफ खड़े कराकर उनको चादर से ढंक दिया गया। अब बात करे सड़क की। मच्छी दरवाजे से लेकर पुराना घाट हनुमानजी तक सड़क में गड्ढे नही बल्कि गड्ढो में सड़क है। नगर निगम इन गड्ढो में मलवा भरवाकर उनको समतल भी नही कर पाया। लिहाजा दिल्ली के मुख्यमंत्री को हिचकोलों के बीच विपश्यना केंद्र पहुंचना पड़ा। एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केजरीवाल का स्वागत ट्वीट से कर रहे थे तो दूसरी तरफ नगर निगम अपनी नाकामी को चादर से छिपा रहा था।