हे चंद्रमुखी तुम रहो सुखी

हे चंद्रमुखी तुम रहो सुखी

सबक के मंच पर पंडित आलोक भट्ट की प्रस्तुति
मुस्लिम कवियों का कृष्ण के प्रति प्रेम अद्वितीय रहा

जयपुर : शास्त्रीय व उपशास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति मैं पंडित आलोक भट्ट ने स्वर्गीय पंडित राजेंद्र भट्ट की अद्वितीय शास्त्री और उप शास्त्री रचनाओं से ऑनलाइन दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया l पंडित भट्ट ने अपनी सुरीली मखमली आवाज में यशोदा हरि पालने झुलावे, तुम्हारा प्यार पाऊं भाग्य प्रिय ऐसे कहा मेरे, आय ना चितचोर ब्रिज के बिरही लोग बेचारे सुना कर कृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर पूरे माहौल को कृष्णमय बना दिया l पंडित भट्ट ने मंच से कहा कि मुस्लिम कवियों का कृष्ण के प्रति प्रेम अद्वितीय रहा इसमें रसखान यारी साहिब दरिया साहिब हाजी, अशरफ महमूद की रचनाएं इतनी प्रसिद्ध हुई कि लोग उन्हें बार-बार सुनते और अपने कृष्ण को याद करते हैं, उन्होंने अपनी रचनाओं को राग भीमपलासी, मेघ मल्हार, शुद्ध सारंग में प्रस्तुत किया ।
इनके साथ तबले पर तबला नवाज उस्ताद इफ्तिखार हुसैन ने लाजवाब संगत कर कार्यक्रम को परवान चढ़ाया। वायलिन पर गुलजार हुसैन ने शानदार संगत की।

कल्पना संगीत विद्यालय समिति के सँयोजन व गुलज़ार वायलिन अकादमी की ओर से आयोजित मासिक कार्यक्रम सबक की शुरुआत में वरिष्ठ रंगकर्मी राजेंद्र शर्मा राजू , उद्घोषक आर डी अग्रवाल ने माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर की। इस मौके पर गुलज़ार वायलिन अकैडमी ने पंडित आलोक भटट को *सुर श्रृंगार रत्न उपाधि* से सम्मानित किया। सबक ने तबला नवाज उस्ताद इफ्तेखार हुसैन और साउंड इंजीनियर सतीश शर्मा को माल्यार्पण एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के समापन पर शीला राठौड़, नीरज प्रजापति , तान्या भादुड़ी, , डॉ.प्रतिष्ठा पारीक, मेराज, मोहम्मद उमर , गुलाम फरीद, , अजय चौधरी, अन्वी सचेति, यशा शामसुखा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

इन मौके पर प्रसिद्ध वायलिन वादक गुलजार हुसैन ने बताया कि सबक की ये सीरीज हर महीने आयोजित की जाती है जिसमें युवा कलाकारों के साथ वरिष्ठ कलाकारों को सबक के मंच पर आमंत्रित किया जायेगा।

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